पन्ना : जिला पन्ना टाइगर रिजर्व, बाघों, घने जंगलों, मंदिरों और झरनों के लिए विश्व विख्यात है. इसी के साथ अब यहां पर बृहस्पति कुंड स्थित पड़तालिया कुंड पर एक नई खोज हुई है. यहां चट्टानों पर लगभग 1000 मीटर की लंबाई में बने शैल चित्र देखे गए हैं, जो अपने आप में अजूबा हैं. ये शैल चित्र प्रागैतिहासिक काल और आदिमानव काल से संबंध रखते हैं. यह चित्र गहरे लाल रंग से बने हुए हैं, जिसमें जानवर, बच्चे व अन्य चित्र अंकित हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि हजारों वर्षों से समय की मार खाते हुए ये चित्र आज भी अंकित हैं और स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं. अब इन सभी चित्रों के संरक्षण की दरकार है.
पुरातत्व विभाग करेगा संरक्षण, खुलेंगे रहस्य
भारतीय पुरातत्व विभाग के पुरातत्वविद डॉ. शिवाकांत बाजपेई ने बताया, '' मैंने इन शैल चित्रों के वीडियो देखे हैं, जिनसे यह प्रतीत होता है कि यह बहुत ही प्राचीन और पुराने शैल चित्र हैं. इन रॉक पेंटिंग्स के अवलोकन व सर्वेक्षण के बाद ही उनके इतिहास के बारे में व्यवस्थित जानकारी प्राप्त हो सकेगी. इस विषय में पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार से भी फोन पर बात हुई है. उन्होंने भी इसके वीडियो देखे हैं. वीडियो देखने पर मालूम होता है कि यह चित्र बहुत ही पुराने और प्राचीन हैं, जो प्रागैतिहासिक काल से संबंधित हो सकते हैं. पुरातत्व विभाग की सर्वेक्षण की टीम, पन्ना कलेक्टर और वन विभाग के डीएफओ गार्पित गंगवार के साथ संयुक्त रूप से इन चित्रों का सर्वेक्षण बहुत जल्द किया जाएगा और उनके संरक्षण के लिए कदम उठाने का प्रयास किया जाएगा.''
पड़तालिया का भगवान राम से कनेक्शन?
बृहस्पति कुंड का पौराणिक महत्व है, कहा जाता है कि राम पथ गमन के समय यहां पर भगवान राम भाई लक्ष्मण व माता सीता के साथ ऋषि मुनियों के दर्शन करने यहां आते थे. प्राचीन काल में यहां पर ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे इसलिए पन्ना जिले में बृहस्पति कुंड का विशेष महत्व है. बृहस्पति कुंड का कुछ हिस्सा सतना जिले में भी आता है. बृहस्पति कुंड से चित्रकूट की दूरी लगभग 100 किलोमीटर के करीब है, इसी वजह से इसे भगवान श्री राम से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
पास ही मौजूद है बृहस्पति कुंड वाटरफॉल
बृहस्पति कुंड में एक बेहद सुंदर प्राकृतिक झरना भी मौजूद है, जिसे मध्य प्रदेश का नियाग्रा फॉल भी कहा जाता है. इसी झरने पर मध्य प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज बनने वाला है. यहां पर मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कई विकास कार्य भी चलाए जा रहे हैं. पूर्व में बृहस्पति कुंड पर भी शेल चित्र देखे गए थे लेकिन अब पड़तालिया कुंड में मिले चलचित्र चर्चा का विषय हैं.