पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब तीसरी बार देश की सत्ता की कमान संभाली तो उनके साथ 72 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इनमें बिहार से भी 8 मंत्री बनाए गए हैं. हालांकि जिन एक चेहरे पर सबकी नजर थी, उनको मंत्री तो बनाया गया लेकिन प्रमोशन नहीं मिला. मोदी 2.O में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रहने वाले नित्यानंद राय को 5 साल बाद भी फिर से उसी विभाग में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली है, जबकि उनके विभागीय बॉस अमित शाह ने भरी सभा में बड़ा आदमी बनाने का वादा कर लोगों से वोट मांगा था.
अमित शाह ने क्या वादा किया था?: दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान समस्तीपुर के उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र स्थित नरघोघी हाई स्कूल मैदान में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी प्रत्याशी नित्यानंद राय को अपना जिगरी दोस्त बताया था. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा था कि आप लोग नित्यानंद राय को सांसद बनाकर भेजिये, वह उनको बड़ा आदमी बनाने का काम करेंगे.
"कल मेरे यहां मतदान है, फिर भी आज मैं 1500 किलोमीटर दूर उजियारपुर आया हूं. बताओ तो जरा, क्यों आया हूं? अरे ये नित्यानंद राय है ना, वो मेरा जिगरी दोस्त है. उसको जिताने के लिए उजियारपुर आया हूं. आप नित्यानंद जी को सांसद बनाकर भेज दो. उसको बड़ा आदमी बनाने का काम मैं करूंगा. मैं कहकर जाता हूं भाई."- अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री
उजियारपुर की जनता ने जताया भरोसा: उजियारपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नित्यानंद राय को 60 हजार के मतों से जीत मिली है. उन्होंने आरजेडी के आलोक कुमार मेहता को शिकस्त दी है. नित्यानंद को 5,15,965 वोट मिले, वहीं आलोक मेहता को 4,55,863 मत मिले हैं. नित्यानंद राय लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनाव जीते हैं. 2014 में भी उन्होंने आलोक मेहता को हराया था, जबकि 2019 में महागठबंधन प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को करारी शिकस्त दी थी.
कौन हैं नित्यानंद राय?: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को अमित शाह का बेहद करीबी माना जाता है. 58 वर्षीय राय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. सांसद बनने से पहले वह 2000, 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में हाजीपुर सीट से विधायक रह चुके हैं. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वह भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे. यादव जाति से आने वाले नित्यानंद को एक समय में अघोषित तौर पर बीजेपी का सीएम फेस भी माना जाता था.
आडवाणी की रथ यात्रा के दौरान चर्चा में आए: पूर्व उप-प्रधानमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जब रथ यात्रा निकाली थी, तब नित्यानंद राय पहली बार चर्चा में आए थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने जिलाधिकारी को आडवाणी की गिरफ्तारी का आदेश दे रखा था लेकिन नित्यानंद राय अपने हजारों समर्थकों के साथ सड़कों पर उतर गए थे और आडवाणी की गिरफ्तारी हाजीपुर में नहीं हो सकी थी.
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