जयपुर. छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर में अक्षय तृतीया के अवसर पर आमेर रोड डूंगरी पर स्थित श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन हुआ. जो भक्त उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम नहीं पहुंच पाते, वह इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएं के लिए धोक लगाने के लिए यहां पहुंचते हैं. आज अक्षय तृतीया के दिन श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया. भगवान बद्रीनाथ को दाल, ककड़ी और मिश्री का भोग लगाया गया.
श्री बद्रीनारायण जी मंदिर के महंत बचनदास ने बताया कि जयपुर बसने से पहले श्री बद्रीनारायण मंदिर की स्थापना हुई थी. अक्षय तृतीया के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है. भगवान बद्रीनाथ को विशेष पोशाक धारण करवाकर विशेष श्रृंगार किया गया है. सुबह फूल बंगले की झांकी सजाई गई. दिनभर अलग-अलग झांकियां सजाई गई. यह बद्रीनाथ भगवान की काले रंग की पाषाण की प्रतिमा स्थापित है. उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम की यात्रा कठिन होने से कई भक्त आखातीज (अक्षय तृतीया) पर वहां नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. भक्तों की आस्था है कि भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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भक्त रामावतार शर्मा ने बताया कि आमेर रोड स्थित डूंगरी पर श्री बद्रीनारायण जी का मंदिर प्राचीन है. जिस प्रकार उत्तराखंड में साल में एक बार बद्रीनाथ धाम के द्वार खुलते हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन जयपुर में स्थित बद्रीनारायण मंदिर में भी लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं. मेले के दिन यहां पर भक्तों के लिए पानी की प्याऊ समेत अन्य कई सुविधाएं दी जाती है. रामावतार शर्मा ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से ही बद्रीनारायण मंदिर में पानी की प्याऊ लगवाई जा रही है. प्याऊ को करीब 100 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है.