ETV Bharat / state

जो श्रद्धालु बद्रीनाथ नहीं पहुंच पाते, वे अक्षय तृतीया को आते हैं श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में धोक लगाने - Badri Narayan Temple in Jaipur

जयपुर के आमेर रोड डूंगरी पर स्थित श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में हर अक्षय तृतीया पर मेला भरता है. कहा जाता है कि जो भक्त बद्रीनाथ के दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाते, वे इस मंदिर में धोक लगाने आते हैं.

Badri Narayan Temple in Jaipur
श्री बद्रीनारायण जी मंदिर (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 10, 2024, 8:52 PM IST

Updated : May 10, 2024, 8:58 PM IST

अक्षय तृतीया को बद्रीनारायण मंदिर में जुटे भक्त (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर में अक्षय तृतीया के अवसर पर आमेर रोड डूंगरी पर स्थित श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन हुआ. जो भक्त उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम नहीं पहुंच पाते, वह इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएं के लिए धोक लगाने के लिए यहां पहुंचते हैं. आज अक्षय तृतीया के दिन श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया. भगवान बद्रीनाथ को दाल, ककड़ी और मिश्री का भोग लगाया गया.

श्री बद्रीनारायण जी मंदिर के महंत बचनदास ने बताया कि जयपुर बसने से पहले श्री बद्रीनारायण मंदिर की स्थापना हुई थी. अक्षय तृतीया के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है. भगवान बद्रीनाथ को विशेष पोशाक धारण करवाकर विशेष श्रृंगार किया गया है. सुबह फूल बंगले की झांकी सजाई गई. दिनभर अलग-अलग झांकियां सजाई गई. यह बद्रीनाथ भगवान की काले रंग की पाषाण की प्रतिमा स्थापित है. उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम की यात्रा कठिन होने से कई भक्त आखातीज (अक्षय तृतीया) पर वहां नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. भक्तों की आस्था है कि भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

पढ़ें: इस शहर को कहते हैं राजस्थान का दिल, अक्षय तृतीया पर है इसका स्थापना दिवस - Nagaur Foundation Day

भक्त रामावतार शर्मा ने बताया कि आमेर रोड स्थित डूंगरी पर श्री बद्रीनारायण जी का मंदिर प्राचीन है. जिस प्रकार उत्तराखंड में साल में एक बार बद्रीनाथ धाम के द्वार खुलते हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन जयपुर में स्थित बद्रीनारायण मंदिर में भी लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं. मेले के दिन यहां पर भक्तों के लिए पानी की प्याऊ समेत अन्य कई सुविधाएं दी जाती है. रामावतार शर्मा ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से ही बद्रीनारायण मंदिर में पानी की प्याऊ लगवाई जा रही है. प्याऊ को करीब 100 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है.

अक्षय तृतीया को बद्रीनारायण मंदिर में जुटे भक्त (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर में अक्षय तृतीया के अवसर पर आमेर रोड डूंगरी पर स्थित श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन हुआ. जो भक्त उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम नहीं पहुंच पाते, वह इस मंदिर में अपनी मनोकामनाएं के लिए धोक लगाने के लिए यहां पहुंचते हैं. आज अक्षय तृतीया के दिन श्री बद्रीनारायण जी मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. सुबह से ही भक्तों का सैलाब उमड़ता हुआ नजर आया. भगवान बद्रीनाथ को दाल, ककड़ी और मिश्री का भोग लगाया गया.

श्री बद्रीनारायण जी मंदिर के महंत बचनदास ने बताया कि जयपुर बसने से पहले श्री बद्रीनारायण मंदिर की स्थापना हुई थी. अक्षय तृतीया के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है. भगवान बद्रीनाथ को विशेष पोशाक धारण करवाकर विशेष श्रृंगार किया गया है. सुबह फूल बंगले की झांकी सजाई गई. दिनभर अलग-अलग झांकियां सजाई गई. यह बद्रीनाथ भगवान की काले रंग की पाषाण की प्रतिमा स्थापित है. उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम की यात्रा कठिन होने से कई भक्त आखातीज (अक्षय तृतीया) पर वहां नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. भक्तों की आस्था है कि भगवान सबकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

पढ़ें: इस शहर को कहते हैं राजस्थान का दिल, अक्षय तृतीया पर है इसका स्थापना दिवस - Nagaur Foundation Day

भक्त रामावतार शर्मा ने बताया कि आमेर रोड स्थित डूंगरी पर श्री बद्रीनारायण जी का मंदिर प्राचीन है. जिस प्रकार उत्तराखंड में साल में एक बार बद्रीनाथ धाम के द्वार खुलते हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन जयपुर में स्थित बद्रीनारायण मंदिर में भी लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं. मेले के दिन यहां पर भक्तों के लिए पानी की प्याऊ समेत अन्य कई सुविधाएं दी जाती है. रामावतार शर्मा ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से ही बद्रीनारायण मंदिर में पानी की प्याऊ लगवाई जा रही है. प्याऊ को करीब 100 वर्ष से ज्यादा समय हो गया है.

Last Updated : May 10, 2024, 8:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.