अजमेरः महिला उत्पीड़न की विशेष कोर्ट ने विधवा की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 25 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. यह मामला गंज थाना क्षेत्र में 30 सितंबर 2017 का है.
विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि गंज थाने में मृतका जनता रावत के पुत्र गोविंद सिंह रावत ने चार जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. वहीं, घायल अवस्था में मिली जनता रावत का इलाज जेएलएन अस्पताल में चल रहा था. इलाज के दौरान जनता के दम तोड़ने पर गंज थाना पुलिस ने मामले में हत्या की धाराएं जोड़कर अनुसंधान शुरू किया. पुलिस को वारदात स्थल से हिसाब की डायरी और एक आधार कार्ड मिला था. यह आधार कार्ड बिरम सिंह रावत उर्फ कालू का था. पुलिस पड़ताल में सामने आया कि जनता को आखिरी बार कालू के साथ ही देखा गया था. गंज थाना पुलिस ने बिरम सिंह रावत उर्फ कालू से पूछताछ की तब जनता की हत्या का राज खुल गया. पुलिस ने आरोपी बिरम सिंह रावत उर्फ कालू को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही जिस हथियार से जनता की हत्या की गई थी, पुलिस ने उसे भी बरामद कर लिया. आरोपी के खिलाफ गंज थाना पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. उन्होंने बताया कि प्रकरण में परिवादी पक्ष की ओर से वकील गगन वर्मा ने भी पैरवी की थी.
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यह था जनता की हत्या का मामलाः विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि 30 सितंबर 2017 को 45 वर्षीय काजीपुरा निवासी जनता रावत जख्मी हालत में फॉयसागर झील के किनारे झाड़ियों में मिली थी. ग्रामीण ने उसे पहचान लिया और उसने जनता के बेटे गोविंद सिंह रावत को सूचना दी. घायल अवस्था में जनता को अजमेर की जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जनता के सिर में गहरे जख्म थे. इलाज के दौरान जनता ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
भरोसे का किया कत्लः उन्होंने बताया कि बिरम सिंह रावत उर्फ कालू पर जनता सबसे ज्यादा भरोसा करती थी. कालू के कहने पर जनता ने अपने पति की खेती की जमीन भी बेच दी थी और रकम बीरम सिंह रावत के पास रख दी थी. बिरम सिंह रावत की नजर रकम पर थी. लिहाजा आरोपी बीरम सिंह उर्फ कालू ने रकम हड़पने के लिए जनता को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. शाम को वह जनता को अपने साथ ही ले गया. रात को फॉयसागर सागर चौराहे पर आरोपी बिरम सिंह रावत उर्फ कालू ने जनता पर रिंच पाने से ताबड़तोड़ वार कर दिया. जिससे जनता जख्मी हो गई. जनता को मरा हुआ समझकर आरोपी कालू उसे झील के किनारे कटीली झाड़ियों में पटक गया, ताकि किसी को उस पर शक ना हो.
आधार कार्ड और हिसाब की डायरी से खुला हत्या का राजः विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि जनता पर ताबड़तोड़ वार करते समय आरोपी बिरम सिंह रावत उर्फ कालू की जेब से आधार कार्ड और हिसाब की डायरी वारदात स्थल पर ही गिर गई थी. अगले दिन जब कटीली झाड़ियां से खून से सनी हुई जख्मी हालत में जनता मिली तब पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया था. इस दौरान पुलिस के हाथ आधार कार्ड और हिसाब की डायरी लग गए. आधार कार्ड बिरम सिंह रावत का था. आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. मामले की सुनवाई के दौरान महिला उत्पीड़न कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश मीणा ने आरोपी बीरम सिंह रावत उर्फ कालू को जनता की हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी को 25 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है.