जालोर: जिला परिषद की बैठक शुक्रवार को जिला प्रमुख राजेश राणा की अध्यक्ष में हुई. बैठक के दौरान एक विषय पर मुख्य सचेतक व जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग व जिला परिषद सदस्य रामाराम चौधरी के बीच जमकर बहसबाजी हुई. गुस्साए चौधरी ने एकबारगी तो इस्तीफे की पेशकश कर दी, लेकिन बाद में समझाइश करने पर शांत हो गए.
दरअसल हुआ यूं था कि जेजेएम के मुद्दे पर चर्चा में विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जिस भी सरपंच ने बिना काम पूरा किए ठेकेदार को एनओसी दे दी है, तो कमेटी बनाकर जांच करें. गर्ग ने कहा कि इसके लिए सरपंच के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी हो. गर्ग ने अधिकारियों को कहा कि ठेकेदारों से दोस्ती खत्म कर देना, ठेकेदारों की मदद करने वाली कांग्रेस सरकार चली गई है. इस पर जिला परिषद सदस्य रामाराम चौधरी ने गर्ग को कहा कि आप बार-बार कांग्रेस के बारे में क्यों बोल रहे हो, कांग्रेस ने काम किया है. इसलिए मैं भी इस बार दूसरी बार जिला परिषद सदस्य जीतकर आया हूं.
इस पर गर्ग ने धमकी भरे लहजे में कहा कि इस बार आकर बता देना, ऐसा सुनकर रामाराम स्तब्ध हो गए. इसके बाद रामाराम चौधरी भी आवेश में आ गए और उन्होंने गर्ग को खरी-खरी सुनानी शुरू कर दी. रामाराम ने गर्ग को कहा कि आप चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ भेदभाव करते हो, कोई भी सरकारी कार्यक्रम हो तो उसमें स्थानीय प्रतिनिधि जो दूसरी पार्टी के है उन्हें बुलाते नहीं हो. इस दौरान गर्ग व चौधरी के बीच काफी बहसबाजी भी हुई. रामाराम यहीं नहीं रुके, उन्होंने तैश में आकर अपनी प्रिंट कॉपी सीईओ और कलेक्टर को देकर कहा कि मेरा इस्तीफा ले लो, हम कोई अनपढ़ नहीं है. अन्य सदस्यों के मान मनौव्वल के बाद रामाराम शांत हुए.
सांचौर के साथ हुआ अन्याय: भाजपा के जिला परिषद सदस्य प्रवीण माली ने कहा कि पार्टी भले ही कोई हो मैं कटुसत्य कहना चाहूंगा कि सांचौर को जिला निरस्त करने से वहां की जनता के साथ अन्याय हुआ है. हम करीब ढाई सौ किलोमीटर से चलकर जालोर आते हैं. हमारा सांचौर जिला होता तो ठीक रहता. इस पर गर्ग बोले कि सांचौर को जालोर में हम भी नहीं लाना चाहते थे. गर्ग ने यह भी कहा कि माना कि सांचौर जिला बन जाए, लेकिन जो स्वरूप इस बार दिया, उस स्वरूप में कभी जिला नहीं बन पाएगा.
टांकों का नहीं रहा कोई अस्तित्व: जालोर जिले में करीब एक हजार सार्वजनिक टांके पंचायतों में बने हुए हैं. उनमें पानी नहीं पहुंच पाया है. इस पर गर्ग ने कहा कि इस मामले में अधिकारी खुद भ्रम में है, क्योंकि जेजेएम के तहत हर घर नल पहुंच रहा है. ऐसे में इन टांकों का कोई अस्तित्व नहीं रहा. माली ने भालनी में अलग से बालिका स्कूल की मांग रखी. गर्ग ने शिक्षा अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए.
हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाये जाएंगे. जालोर जिले में 123 स्वीकृत किये हो चुके हैं. जिस पंचायत में नहीं है, तो समय पर डिमांड कर लें. जालोर विधायक गर्ग ने जालोर विधानसभा के 42 गांव जो इआर प्रोजेक्ट में जुड़े हुए है, उसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी, जिसका अभियंता जवाब नहीं दे पाए.