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भारत को मिला पहला 'जनरेशन बीटा' बेबी बॉय, जानें कहां हुआ जन्म? - GENERATION BETA BABY BOY

भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने 2025 और 2039 के बीच जन्म लेने वाले शिशुओं को परिभाषित करने के लिए 'बीटा' शब्द गढ़ा है.

Generation Beta
'जनरेशन बीटा' बेबी बॉय (X@AIRNewsHindi)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 5, 2025, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: 2025 में दुनिया में ‘जनरेशन बीटा’ का आगमन हुआ. भारत को इस पीढ़ी का पहला बच्चा नए साल के दिन 1 जनवरी को मिजोरम के आइजोल में मिला. ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के अनुसार फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग नाम के इस बच्चे का जन्म 1 जनवरी को सुबह 12:03 बजे आइजोल के डर्टलैंग के सिनॉड अस्पताल में हुआ, जो बीटा जनरेशन का पहला बच्चा है.

जन्म के समय बच्चे का वजन 3.12 किलोग्राम था और इसने नई पीढ़ी के युग की शुरुआत को चिह्नित किया. अस्पताल के लॉम्ना वार्ड की सिस्टर लालछुआनावमी ने कहा कि बच्चा स्वस्थ है और उसे कोई कॉम्पलीकेशन नहीं है.

आकाशवाणी न्यूज आइजोल के अनुसार फ्रेंकी परिवार का सबसे नया सदस्य है, जिसमें उनकी बड़ी बहन, मां रामजिरमावी और पिता जेडडी रेमरुअत्संगा शामिल हैं. परिवार आइजोल के खटला ईस्ट इलाके में रहता है.मां ने देश को उसका पहला बीटा बच्चा देने पर अपनी खुशी व्यक्त की.

जनरेशन बीटा शब्द कहां से आया?
बता दें कि भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने 2025 और 2039 के बीच जन्म लेने वाले शिशुओं को परिभाषित करने के लिए 'बीटा' शब्द गढ़ा है. उन्होंने कहा कि 2035 तक वे वैश्विक आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा बन जाएंगे. अपने ब्लॉग पोस्ट में मैक्रिंडल ने बताया कि वे जनरेशन वाई (मिलेनियल्स) और पुराने जनरेशन जेड के बच्चे होंगे, उन्होंने कहा कि जनरेशन बीटा के कई बच्चे 22वीं सदी तक जीवित रहेंगे.

पोस्ट ने आगे स्पष्ट किया कि इसने पिछली और नई पीढ़ी को अल्फा और बीटा नाम दिया है, जो न केवल नई पीढ़ियों को दर्शाता है, बल्कि पहली पीढ़ियों को भी दर्शाता है जो पूरी तरह से अलग दुनिया द्वारा आकार लेंगे. इसलिए हमने ग्रीक अल्फाबेट का उपयोग करना शुरू किया, ताकि यह दर्शाया जा सके कि इन विभिन्न पीढ़ियों को टेक्नोलॉजिकल इंटिग्रेशन की नई दुनिया में कैसे पाला जाएगा?

'विकासशील दुनिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय'
मैक्रिंडल की साइट ने यह भी उल्लेख किया कि जेन बीटा विकासशील दुनिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतिनिधि है. उनके काम ने स्पष्ट किया कि जेन बीटा में एक सहज डिजिटल और भौतिक दुनिया होगी, और कहा कि यह ऐसे युग में रहेगा जहां शिक्षा और वर्कप्लेस से लेकर स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन तक, AI और ऑटोमैशन रोजमर्रा की ज़िंदगी में पूरी तरह से शामिल हैं."

मैक्रिंडल ने कहा कि जनरेशन बीटा प्रौद्योगिकी में सफलताओं, विकसित होते सामाजिक मानदंडों और स्थिरता और वैश्विक नागरिकता पर बढ़ते ध्यान द्वारा आकार लेने वाली दुनिया में विकसित होगा.

यह भी पढ़ें- भारतीय तटरक्षक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, ट्रेनिंग के दौरान हुआ हादसा, तीन की मौत

नई दिल्ली: 2025 में दुनिया में ‘जनरेशन बीटा’ का आगमन हुआ. भारत को इस पीढ़ी का पहला बच्चा नए साल के दिन 1 जनवरी को मिजोरम के आइजोल में मिला. ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के अनुसार फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग नाम के इस बच्चे का जन्म 1 जनवरी को सुबह 12:03 बजे आइजोल के डर्टलैंग के सिनॉड अस्पताल में हुआ, जो बीटा जनरेशन का पहला बच्चा है.

जन्म के समय बच्चे का वजन 3.12 किलोग्राम था और इसने नई पीढ़ी के युग की शुरुआत को चिह्नित किया. अस्पताल के लॉम्ना वार्ड की सिस्टर लालछुआनावमी ने कहा कि बच्चा स्वस्थ है और उसे कोई कॉम्पलीकेशन नहीं है.

आकाशवाणी न्यूज आइजोल के अनुसार फ्रेंकी परिवार का सबसे नया सदस्य है, जिसमें उनकी बड़ी बहन, मां रामजिरमावी और पिता जेडडी रेमरुअत्संगा शामिल हैं. परिवार आइजोल के खटला ईस्ट इलाके में रहता है.मां ने देश को उसका पहला बीटा बच्चा देने पर अपनी खुशी व्यक्त की.

जनरेशन बीटा शब्द कहां से आया?
बता दें कि भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने 2025 और 2039 के बीच जन्म लेने वाले शिशुओं को परिभाषित करने के लिए 'बीटा' शब्द गढ़ा है. उन्होंने कहा कि 2035 तक वे वैश्विक आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा बन जाएंगे. अपने ब्लॉग पोस्ट में मैक्रिंडल ने बताया कि वे जनरेशन वाई (मिलेनियल्स) और पुराने जनरेशन जेड के बच्चे होंगे, उन्होंने कहा कि जनरेशन बीटा के कई बच्चे 22वीं सदी तक जीवित रहेंगे.

पोस्ट ने आगे स्पष्ट किया कि इसने पिछली और नई पीढ़ी को अल्फा और बीटा नाम दिया है, जो न केवल नई पीढ़ियों को दर्शाता है, बल्कि पहली पीढ़ियों को भी दर्शाता है जो पूरी तरह से अलग दुनिया द्वारा आकार लेंगे. इसलिए हमने ग्रीक अल्फाबेट का उपयोग करना शुरू किया, ताकि यह दर्शाया जा सके कि इन विभिन्न पीढ़ियों को टेक्नोलॉजिकल इंटिग्रेशन की नई दुनिया में कैसे पाला जाएगा?

'विकासशील दुनिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय'
मैक्रिंडल की साइट ने यह भी उल्लेख किया कि जेन बीटा विकासशील दुनिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतिनिधि है. उनके काम ने स्पष्ट किया कि जेन बीटा में एक सहज डिजिटल और भौतिक दुनिया होगी, और कहा कि यह ऐसे युग में रहेगा जहां शिक्षा और वर्कप्लेस से लेकर स्वास्थ्य सेवा और मनोरंजन तक, AI और ऑटोमैशन रोजमर्रा की ज़िंदगी में पूरी तरह से शामिल हैं."

मैक्रिंडल ने कहा कि जनरेशन बीटा प्रौद्योगिकी में सफलताओं, विकसित होते सामाजिक मानदंडों और स्थिरता और वैश्विक नागरिकता पर बढ़ते ध्यान द्वारा आकार लेने वाली दुनिया में विकसित होगा.

यह भी पढ़ें- भारतीय तटरक्षक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, ट्रेनिंग के दौरान हुआ हादसा, तीन की मौत

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