तेल अवीव : इजराइल ने आखिरकार कुबूल कर लिया कि सितंबर में सीरिया मे एक मिसाइल बनाने की फैक्ट्री पर उसके कमांडों ने हमला बोला था. इस ऑपरेशन के लिए पहले से ही इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. 'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने बुधवार को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली जिसे 'ऑपरेशन डीप लेयर' का नाम दिया गया था.
सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के कुछ हफ्तों बाद यह घोषणा हुई. रिपोर्ट के मुताबिक यह फैक्ट्री ईरान की थी और असद के तेहरान के साथ गहरे रिश्ते थे. असद ने ईरान को लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार बनाने और वितरित करने के लिए सीरियाई जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी.
DECLASSIFIED: In September 2024, before the fall of the Assad Regime, our soldiers conducted an undercover operation to dismantle an Iranian-funded underground precision missile production site in Syria.
— Israel Defense Forces (@IDF) January 2, 2025
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इजरायली वायु सेना की शालदाग यूनिट के सदस्यों ने 8 सितंबर को इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. ऑपरेशन का मकसद हिजबुल्लाह के लिए सटीक मिसाइलों के निर्माण के लिए बनी अडंरग्राउंड ईरानी साइट को तबाह करना था. इजरायली सैनिकों ने सीरिया के मस्याफ क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान केंद्र, [जिसे सीईआरएस या एसएसआरसी के रूप में जाना जाता है], पर अटैक किया.
यह साइट इजरायल से 200 किलोमीटर (124 मील) उत्तर में स्थित है, हालांकि सीरिया के पश्चिमी समुद्र तट से केवल 45 किलोमीटर (28 मील) दूर है. आईडीएफ पांच वर्षों से अधिक समय से इस पर निगरानी रख रहा था और उसने कई बार इसको निशाना बनाया लेकिन उसने पाया कि सीईआरएस में कुछ भूमिगत बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले काफी नहीं थे.
8 सितंबर को इजरायली वायुसेना के कमांडो कथित तौर पर हेलीकॉप्टरों से नीचे उतरे और फैक्ट्री पर छापा मारा. उन्होंने इसके एंट्री गेट पर कुछ गार्डों को मार डाला, और फिर मिसाइल निर्माण फैक्ट्री में एंट्री कर गए.
सैनिकों ने अंडरग्राउंड फैक्ट्री में विस्फोटक रखे, खुफिया सामग्री और दस्तावेज निकाले और सुरक्षित बच निकले. बलों ने अंडग्राउंड साइट के साथ-साथ मिसाइल बनाने के लिए ईरान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को भी दूर से विस्फोट कर नष्ट कर दिया.
इजरायली विमानों ने आस-पास के क्षेत्र में कई टारगेट्स पर हमला किया. कथित तौर पर कम से कम 14 लोग मारे गए और 43 घायल हो गए. कुछ इजरायली रक्षा अधिकारियों के अनुसार, सैनिक लगभग एक घंटे तक जमीन पर रहे.
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