अजमेर: पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कांग्रेस और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर तंज कसते हुए शुक्रवार को कहा कि उपचुनाव के परिणाम से कांग्रेस की असल स्थिति सामने आ गई है. डोटासरा को अपने गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिए. राठौड़ ने प्रदेश के नए 9 जिलों को समाप्त करने को लेकर भी पिछली गहलोत सरकार पर प्रहार किए. शुक्रवार को राठौड़ ने कुंदन नगर स्थित राजपूत छात्रावास में बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भगवान सिंह राठौड़ की प्रतिमा का उद्वघाटन किया.
राठौड़ ने प्रदेश में नए जिले बनाने को लेकर कहा कि 9 जिले तय करते समय कोई मापदंड तय नहीं किया गया. राठौड़ ने कहा कि विधानसभा की अंतिम सत्र की आखिरी बैठक थी, जब गहलोत एक के बाद एक नए जिले घोषित करते जा रहे थे. गहलोत शहर भूल गए, लेकिन मुझे याद है. उस बैठक में मैं भी मौजूद था. इस दौरान गहलोत को किसी ने पर्ची भेजी और वह जिला बन गया. जिला बनाने से पहले उसके मापदंड भी नहीं देखे गए. उन्होंने कहा कि यह सबक है कि एक सरकार सरकार धरती पर चलती है और एक ने वोट के लिए केवल थोथी घोषणाएं की.
डोटासरा पर साधा निशाना: पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने डोटासरा के भाजपा पर जुबाली हमले के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस की औकात सामने आ गई है. जहां कांग्रेस को जीताने की भागदौड़ डोटासरा के पास थी. लोकतंत्र में कौन किसकी याद दिलाता है, डोटासरा को मालूम पड़ जाएगा. उन्हें खुद की गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिए.
द्रोणाचार्य अवार्ड से हो सम्मानित: राठौड़ ने कहा कि बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे भगवान सिंह को गुरुजी कहकर पुकारा जाता रहा है. गुरुजी की प्रतिमा स्थापित कर उनके प्रशंसकों और शिष्यों ने उन्हें सम्मान दिया है. भगवान सिंह की याद में राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित करवाने और उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड मिले, इसकी मांग उठाई गई है. राठौड़ ने बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भगवान सिंह की प्रतिमा का उद्घाटन किया.
गुरुजी को मिलना चाहिए सम्मान: बातचीत में सैनिक कल्याण समिति के सलाहकार प्रेम सिंह बाजोर ने कहा कि बास्केटबॉल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भगवान सिंह के योगदान को लेकर जब लोगों से सुना, तो आश्चर्य हुआ कि उन्हें सम्मान देने में देरी हुई. ऐसे लोग समाज के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं. उनके योगदान को लेकर प्रचार-प्रसार होना चाहिए और उन्हें मान सम्मान मिलना चाहिए ताकि उनके जीवन से नई पीढ़ी भी सीख ले सके.