रोहतास: लोकसभा चुनाव की तिथि का एलान हो चुका है. वहीं AIMIM ने बिहार के जिन 11 सीटों पर अपना कैंडिडेट खड़ा करने की बात कही है, उसमें से काराकाट का हॉट सीट भी शामिल है. जहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के द्वारा प्रत्याशी उतारा जा रहा है.
प्रियंका चौधरी को मिल सकता है टिकट: दरअसल काराकाट लोकसभा सीट से AIMIM के लिए जिला पार्षद प्रियंका चौधरी प्रत्याशी हो सकती हैं. जिसकी घोषणा पार्टी के महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बुशरा शाहीन ने प्रेस वार्ता कर प्रियंका चौधरी की उम्मीदवारी सुनिश्चित बतायी है. बताया गया कि बिहार प्रदेश कमिटी ने काराकाट सीट के लिए प्रियंका को नामित कर रिपोर्ट भेजी है.
जदयू की सीटिंग सीट है काराकाट: बता दें कि काराकाट, जदयू की सीटिंग सीट है. यहां महाबली सिंह फिलहाल सांसद हैं और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा की यहां दावेदारी है. ऐसे में एआईएमआईएम की दावेदारी एनडीए और इंडी गठबंधन का समीकरण प्रभावित कर सकती है. AIMIM नेताओं ने दावा किया कि इस सीट पर उनकी जबरदस्त लड़ाई होगी.
"मैं अख्तरुल ईमान का शुक्रिया करना चाहती हूं, क्योंकि उन्होंने मेरी योग्यता को पहचाना और मुझे काराकाट सीट के लिए नामिल किया. मैं जिला पार्षद की सदस्य भी हूं."- प्रियंका चौधरी, AIMIM नेत्री सह जिला पार्षद
"हमारा जो समीकरण चल रहा है, उसके हिसाब से हमारी कैंडिडेट हमारे लिए पूरी तरह से सूटेबल है. इसको लेकर मैं अख्तरुल ईमान को धन्यवाद देना चाहती हूं. उन्होंने हमारे संदेश को असदुद्दीन ओवैसी तक पहुंचाया. हमारी कैंडिडेट जरूर जीतने वाली है."- बुशरा शाहीन, प्रदेश अध्यक्ष, AIMIM महिला मोर्चा
'पार्टी के पक्ष में काराकाट का समीकरण': गौरतलब है कि एआइएमआइएम के नेता और कार्यकर्ता वैसे इलाके को टारगेट कर रहे हैं, जहां उनकी कोर वोटबैंक अधिक है. पार्टी के रोहतास जिलाध्यक्ष लड्डू खान कहते हैं कि उनकी पार्टी पूरी मजबूती के साथ इस बार चुनाव में उतर रही है और दमदार, मजबूत कैंडिडेट ही मैदान में उतार रही है. जिस लोकसभा क्षेत्र में एआईएमआईएम के प्रत्याशी मैदान में आएंगे, उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता परवेज आलम का कहना है कि 'काराकाट का जातीय समीकरण और सियासी माहौल पार्टी के पक्ष में है.'
बिगड़ सकता है एनडीए और इंडिया का खेल: बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में कई प्रत्याशी खड़े किए थे. जिसमें सीमांचल के क्षेत्र में इस पार्टी को सफलता भी हाथ लगी थी, लेकिन इस बार फिर से लोकसभा के चुनाव में बिहार के 40 में से 11 सीटों पर चुनाव लड़ने के आह्वान से राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है. खासकर मुस्लिम और दलित वोटर को प्रभावित करने की विशेष कोशिश की जा रही है. ऐसे में बिहार के जिन सीटों पर AIMIM ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है. वहां इंडी गठबंधन एवं एनडीए के उम्मीदवारों के बीच कहीं न कहीं जातीय समीकरण के अनुसार आंकड़ों में फेर बदल हो सकता है.
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