रुद्रप्रयाग: जिले में आए दिन बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला अगस्त्यमुनि विकासखंड के जलई ग्रामसभा से आया है, जहां पर तीन नाबालिग लड़कियों की शादी हो रही थी, लेकिन उससे पहले वन स्टॉप सेंटर के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए नाबालिग बालिकाओं की शादी को रुकवा दिया. साथ ही परिजनों को सख्त चेतावनी दी गई, ताकि वे भविष्य में इस प्रकार की गलती फिर से ना कर सकें. अब तक वन स्टॉप सेंटर की ओर से दस नाबालिग बालिकाओं की शादी को रोका गया है.
दरअसल स्टॉप सेंटर के अधिकारियों को सूचना मिली कि गांव में 16 साल की तीन नाबालिग बालिकाओं का विवाह हो रहा है. सूचना मिलने के बाद टीम ने घर पहुंचकर परिजनों को समझाया की बाल विवाह कानूनी अपराध है. जिसके लिए उनको दो साल का सख्त कारावास और एक लाख रुपए का आर्थिक दंड दिया जाएगा. साथ ही परिजनों को चेतावनी दी गई कि अगर उनके द्वारा किसी बालिका का बाल विवाह किया जाता है, तो उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि जखोली और ऊखीमठ क्षेत्रांतर्गत वन स्टॉप सेंटर की टीम द्वारा सात बाल विवाह रोके गए, जबकि बुधवार को अगस्त्यमुनि विकासखंड के जलई गांव से तीन और बाल विवाह के मामले सामने आने से यह संख्या अब दस पहुंच गई है. जनपद के तीनों विकासखंडों से जिस तरह बाल विवाह के प्रकरण सामने आ रहे हैं. उससे लग रहा है कि बहुत सारे ऐसे मामले अभी प्रशासन और कानून की पहुंच से दूर हैं.
वन स्टॉप सेंटर की केन्द्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने सभी लोगों से अपील की है कि वे अपनी बालिकाओं की अच्छे से पढ़ाई-लिखाई कराएं और शादी की उम्र होने पर ही विवाह करवाएं. वरना प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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