वाराणसी विकास प्राधिकरण होटल मालिकों से वसूलेगा बुलडोजर का किराया, भेजा चार लाख रुपये का बिल - Action on encroachment in Varanasi - ACTION ON ENCROACHMENT IN VARANASI
वाराणसी में वरुणा नदी की ग्रीन बेल्ट में बने होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को ढहाने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण (Action on encroachment in Varanasi) ने बुलडोजर का किराया भी होटल मालिकों से वसूलेगा. इस बाबत प्राधिकरण ने होटल संचालकों को चार लाख रुपये को बिल भेजा है.
![वाराणसी विकास प्राधिकरण होटल मालिकों से वसूलेगा बुलडोजर का किराया, भेजा चार लाख रुपये का बिल - Action on encroachment in Varanasi अवैध निर्माण ढहाता बुलडोजर.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/03-08-2024/1200-675-22121597-thumbnail-16x9-vns.jpg?imwidth=3840)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 3, 2024, 9:57 PM IST
वाराणसी : वरुणा नदी की ग्रीन बेल्ट में बने अवैध होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को गिराए जाने की कवायद शुरू हुई और कुछ हिस्सा गिराए जाने के बाद अभी काम रोका गया है. हालांकि वाराणसी विकास प्राधिकरण ने जल्द ही फिर से कार्रवाई शुरू करने की बात कह रहा है. इसी बीचे ने होटल के मालिक जफर अली को होटल तोड़ने में खर्च हुए चार लाख छह हजार रुपये भुगतान करने का नोटिस भेजा है. इसके बाद होटल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.
वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि वरुणा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट के क्षेत्र में बुद्ध विहार काॅलोनी में चार रिहायसी जमीनों को मिलाकर अनाधिकृत रूप से बिना नक्शा पास करा कर होटल का संचालन किया जा रहा था. इस मामले में बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर कार्रवाई की गई है. होटल मालिक से स्वयं तोड़ने का नोटिस दिया गया था, लेकिन होटल संचालक ने कोई एक्शन नहीं लिया.
इसके बाद होटल सील करने के बाद 27 जुलाई को वीडीए की ओर से होटल गिराने की कार्रवाई शुरू की गई. दो दिन की कार्रवाई में काफी हिस्सा ढहा दिया है. अवैध निर्माणधीन गिराने में जेसीबी, ड्रिल मशीन एवं मानव संसाधन आदि पर चार लाख छह हजार 666 रुपये खर्च हुए हैं. इस बाबत होटल मालिक जाफर अली को नोटिस भेजकर 15 दिन में धनराशि जमा करने हेतु निर्देशित किया गया है.
प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि इस संदर्भ में पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन होटल मालिक ने इसे नजरअंदाज किया. इसकी वजह से वाराणसी विकास प्राधिकरण को अपनी मशीनरी और भाड़े पर चीजों को मंगवा कर इस्तेमाल करना पड़ा. इसमें चार लाख रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ है. इस धनराशि का भुगतान होटल मालिक को करना होगा नहीं, तो राजस्व नियम के तहत वसूली की करवाई की जाएगी.