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अब रोबोट इंडो बोट मशीन पाइपलाइन में आने वाली दिक्कतों का झट से पता लगाएगी - MEERUT NEWS

मेरठ नगर निगम की ओर से लीकेज का पता लगाने के लिए आधुनिक तकनीक का लिया गया सहारा.

खुदाई करते हुए मजदूर
खुदाई करते हुए मजदूर (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 12:24 PM IST

मेरठ: यूपी के मेरठ में नगर निगम ने अब महानगर की पेयजल पाइपलाइन में आने वाले लीकेज का स्थल पता लगाने के लिए इसे तकनीकी का सहारा लेगी. अब नई तकनीक (रोबोट इंडो बोट मशीन) से पेयजल की लाइन में आने वाली समस्याओं की सटीक जानकारी मिलेगी और कम से कम समय में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति भी घरों तक पहुंच सकेगी.

बता दें कि शहरों में आए दिन ऐसी समस्याओं से लोगों को दो चार होना पड़ता है, जब लोगों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं होती है और अचानक लाईन में कहीं लीकेज से समस्या आ जाती है. अब इन तमाम समस्याओं का तोड़ मेरठ में नगर निगम की टीम ने खोज निकाला है. मेरठ में नगर निगम और चेन्नई आईआईटी कंपनी के साथ मिलकर शहर में निर्बाध स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए तकनीकी का सहारा लिया है.


मेरठ के महापौर ने बताया कि अगर मेरठ महानगर में कहीं दूषित पेयजल की आपूर्ति होती है और या पेयजल ठीक से नहीं पहुंचता तो अब ऐसे नागरिकों को दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी. अब ऐसी किसी भी समस्या का समाधान तो जल्द होगा ही, वहीं कहीं भी पाइपलाइन में समस्या होती है तो उसकी जानकारी भी अब रोबोट देगा. इसको लेकर नगर निगम के अफसरों की मौजूदगी में शहर के कंकरखेड़ा के सैनिक विहार में रोबोट का ट्रायल भी किया गया है. इस ट्रायल से जरा सी देर में ही पेयजल की पाइपलाइन में रोबोट ने लीकेज भी पकड़ लिया है. पाइपलाइन में गंदगी कहां से आरही थी उसे भी पकड़ लिया है.


मेरठ के नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि इसको लेकर शहर के कई इलाकों में ट्रायल भी कर लिया है जो कि सफल रहा है. रोबोट पाइपलाइन में दोष खोजेगा और उसकी लाईव तश्वीर वहां लगे लैपटॉप या कम्प्यूटर की स्क्रीन पर देखी जा सकेगी, जिससे उसकी दूरी और डिग्री तक का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा.


महापौर ने बताया कि लीकेज का स्थल पता लगाने की नई तकनीक (रोबोट इंडो बोट मशीन) का ट्रायल नगर निगम और चेन्नई आईआईटी कंपनी नके द्वारा किया जा चुका है, जो कि पूरी तरह से सफल है. वीडियोग्राफी के माध्यम से जांच में पाइपलाइन के अंदर गंदगी का भी पता चल जाता है.


नगर निगम की प्रभारी महाप्रबंधक जल एवं अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने बताया कि ऐसी सभी लाइनों को चिन्हित करके शीघ्र ही इन लाइनों को दुरुस्त भी कर दिया जाएगा.


नगर आयुक्त सौरभ गंग्वार ने बताया ने बताया रोबोट की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है. पेयजल की किसी भी सीधी पाइपलाइन में ये खास रोबोट बेहद ही उपयोगी है, जो कि लाइन में आने वाली दिक्कत को खोजकर पूरी तस्वीर सामने रख देगा. जिसके बाद फिर लाइन को समय से दुरुस्त भी कर लिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: मेरठ में एयरपोर्ट की अरसे से मांग; राज्यसभा सांसद ने चिट्ठी लिखकर व्यक्त की पीड़ा, जानें पूरा मामला

यह भी पढ़ें: मेरठ में सस्ता घर खरीदने का सुनहरा मौका, मात्र 8 लाख में 1BHK फ्लैट, जानिए लोकेशन और कितने फ्लैट बिक्री के लिए हैं उपलब्ध?

मेरठ: यूपी के मेरठ में नगर निगम ने अब महानगर की पेयजल पाइपलाइन में आने वाले लीकेज का स्थल पता लगाने के लिए इसे तकनीकी का सहारा लेगी. अब नई तकनीक (रोबोट इंडो बोट मशीन) से पेयजल की लाइन में आने वाली समस्याओं की सटीक जानकारी मिलेगी और कम से कम समय में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति भी घरों तक पहुंच सकेगी.

बता दें कि शहरों में आए दिन ऐसी समस्याओं से लोगों को दो चार होना पड़ता है, जब लोगों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं होती है और अचानक लाईन में कहीं लीकेज से समस्या आ जाती है. अब इन तमाम समस्याओं का तोड़ मेरठ में नगर निगम की टीम ने खोज निकाला है. मेरठ में नगर निगम और चेन्नई आईआईटी कंपनी के साथ मिलकर शहर में निर्बाध स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए तकनीकी का सहारा लिया है.


मेरठ के महापौर ने बताया कि अगर मेरठ महानगर में कहीं दूषित पेयजल की आपूर्ति होती है और या पेयजल ठीक से नहीं पहुंचता तो अब ऐसे नागरिकों को दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी. अब ऐसी किसी भी समस्या का समाधान तो जल्द होगा ही, वहीं कहीं भी पाइपलाइन में समस्या होती है तो उसकी जानकारी भी अब रोबोट देगा. इसको लेकर नगर निगम के अफसरों की मौजूदगी में शहर के कंकरखेड़ा के सैनिक विहार में रोबोट का ट्रायल भी किया गया है. इस ट्रायल से जरा सी देर में ही पेयजल की पाइपलाइन में रोबोट ने लीकेज भी पकड़ लिया है. पाइपलाइन में गंदगी कहां से आरही थी उसे भी पकड़ लिया है.


मेरठ के नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने बताया कि इसको लेकर शहर के कई इलाकों में ट्रायल भी कर लिया है जो कि सफल रहा है. रोबोट पाइपलाइन में दोष खोजेगा और उसकी लाईव तश्वीर वहां लगे लैपटॉप या कम्प्यूटर की स्क्रीन पर देखी जा सकेगी, जिससे उसकी दूरी और डिग्री तक का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा.


महापौर ने बताया कि लीकेज का स्थल पता लगाने की नई तकनीक (रोबोट इंडो बोट मशीन) का ट्रायल नगर निगम और चेन्नई आईआईटी कंपनी नके द्वारा किया जा चुका है, जो कि पूरी तरह से सफल है. वीडियोग्राफी के माध्यम से जांच में पाइपलाइन के अंदर गंदगी का भी पता चल जाता है.


नगर निगम की प्रभारी महाप्रबंधक जल एवं अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने बताया कि ऐसी सभी लाइनों को चिन्हित करके शीघ्र ही इन लाइनों को दुरुस्त भी कर दिया जाएगा.


नगर आयुक्त सौरभ गंग्वार ने बताया ने बताया रोबोट की कीमत लगभग 25 लाख रुपये है. पेयजल की किसी भी सीधी पाइपलाइन में ये खास रोबोट बेहद ही उपयोगी है, जो कि लाइन में आने वाली दिक्कत को खोजकर पूरी तस्वीर सामने रख देगा. जिसके बाद फिर लाइन को समय से दुरुस्त भी कर लिया जाएगा.

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