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खराब नमकीन बनाने वाली 93 फैक्ट्रियों पर हुई कार्रवाई, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दिया हलफनामा - Allahabad High Court News

खराब नमकीन बनाने वाली 93 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गयी है. शुक्रवार को राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है. वहीं केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 8 नवंबर तक का समय दिया गया है.

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खराब नमकीन बनाने वाली 93 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई हुई (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 9:35 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने नकली नमकीन बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. शुक्रवार को सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद सूबे में 93 नमकीन बनाने वाली कंपनियों पर छापा मारा गया. इस दौरान 30 कुंतल नमकीन जब्त कर नष्ट किया गया.

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति वी के बिरला और न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की पीठ के समक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा की ओर से हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी जानकारी मांगी थी, मगर केंद्र के अधिवक्ता ने और समय देने की मांग की. इसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए 8 नवंबर को मामला प्रस्तुत करने के लिए कहा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर लिया. कोर्ट ने इससे पूर्व ब्रांडेड कंपनियों की अस्वीकृत नमकीन को जानवरों के चारे के नाम पर नीलामी में लेकर नई नमकीन मिलाकर खुले बाजार में बेचने को स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक माना है. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से ऐसी नमकीन बनाने और आपूर्ति करने में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें- वकील बनकर अपने ही किडनैपरों को 17 साल बाद दिलाई सजा, डकैतों ने पिता को गोली मार कर किया था अपहरण - AGRA COURT JUDGEMENT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने नकली नमकीन बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. शुक्रवार को सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद सूबे में 93 नमकीन बनाने वाली कंपनियों पर छापा मारा गया. इस दौरान 30 कुंतल नमकीन जब्त कर नष्ट किया गया.

मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति वी के बिरला और न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की पीठ के समक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा की ओर से हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से भी जानकारी मांगी थी, मगर केंद्र के अधिवक्ता ने और समय देने की मांग की. इसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए 8 नवंबर को मामला प्रस्तुत करने के लिए कहा है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर लिया. कोर्ट ने इससे पूर्व ब्रांडेड कंपनियों की अस्वीकृत नमकीन को जानवरों के चारे के नाम पर नीलामी में लेकर नई नमकीन मिलाकर खुले बाजार में बेचने को स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक माना है. साथ ही केंद्र व राज्य सरकार से ऐसी नमकीन बनाने और आपूर्ति करने में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है.

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