जयपुर : प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने के बाद बीते साल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर आंदोलन किए थे. पुलिस की लाठियां भी खाई थी, जिसमें कई छात्रों के सिर और हाथ पैरों पर चोटें भी आई थी, तो कुछ के फ्रैक्चर भी हुए थे. इस साल एबीवीपी अब तक भी चुप थी, लेकिन हाल ही में एबीवीपी की नई महानगर कार्यकारिणी घोषणा कार्यक्रम में इलेक्शन को लेकर संगठन ने अपनी स्थिति स्पष्ट की. इसी का परिणाम रहा कि शुक्रवार को इस सत्र में पहली बार एबीवीपी ने छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर अपनी ही विचारधारा वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. यहां छात्रों ने मुख्य द्वार से बाहर निकल सड़क पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, छात्र सड़कों पर ना आए इसे ध्यान में रखते हुए यहां भारी संख्या में पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा.
मुख्यमंत्री आवास का होगा घेराव : एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष रोहित मीणा ने कहा कि एबीवीपी ने इलेक्शन को लेकर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है. सरकार छात्र संघ चुनाव नहीं कराकर छात्रों के साथ अन्याय कर रही है. एक युवा कॉलेज कैंपस से विधानसभा, संसद तक अपनी आवाज को उठाता है, लेकिन आज उस आवाज को दबाने का काम राजस्थान सरकार कर रही है. यही वजह है कि आज विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया है. उनकी लड़ाई रुकने वाली नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी दिनों में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास का भी घेराव किया जाएगा.
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विश्वविद्यालय के इकाई मंत्री मनु दाधीच ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि यदि उनकी सरकार आती है तो छात्र संघ चुनाव कराए जाएंगे. कुछ लोग ये भी कह रहे थे कि 15 अगस्त तक नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा, लेकिन अब 15 अगस्त भी बीत गया और सरकार की वादा खिलाफी भी सामने आ गई, जिसे विद्यार्थी परिषद बर्दाश्त नहीं करेगा. वहीं, छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर एबीवीपी के प्रदर्शन को एनएसयूआई ने दिखावा बताया है. एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा कि एबीवीपी के लोग छात्र संघ चुनाव नहीं चाहते और आज के प्रदर्शन ने ये बता दिया कि ये केवल एनएसयूआई के हमलों से बचने के लिए किया गया काम है, ताकि वो बोल सकें कि उन्होंने भी प्रदर्शन किया थाय ये लोग छात्र संघ चुनाव नहीं चाहते क्योंकि इनके पास कैंडिडेट ही नहीं हैं.
ये रखी मांगें
- विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के जर्जर भवनों की कराई जाए मरम्मत.
- कॉलेज और विश्वविद्यालय में नियमित हो कक्षाएं.
- एनआईआरएफ रैंकिंग में नाम आए इस नजरिए से उठाएं कदम.
- संविधान पार्क में की गई अशुद्धियों की जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई.
- पीएचडी और पीजी में खाली रही सीटों पर दिया जाए प्रवेश.