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खानपान से लेकर पानी की बर्बादी तक, आषाढ़ माह में यह काम किये तो किस्मत पर लग जाएगा ताला - Ashadh Month Special Rules

सनातन धर्म का पवित्र महीना आषाढ़ 23 जून से शुरु हो गया है. 21 जुलाई को इसका समापन होगा. इस महीने में लोग भगवान विष्णु की खास पूजा करते हैं. लेकिन आषाढ़ महीने के कुछ नियम भी हैं, जिनका पालन करना महत्वपूर्ण है. अगर कोताही बरती तो व्यक्ति के जीवन में मसले खडे़े हो जाएंगे. इस आर्टिकल में जानिये आषाढ़ महीने में किन बातों का ख्याल रखना चाहिए.

Ashadh Month Special Rules
आषाढ़ माह के नियम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 2:18 PM IST

Ashadh Month Dos and Donts: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ माह साल के चौथे महीने को कहा जाता है. आषाढ़ का नाम पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ के नक्षक के ऊपर रखा गया है. हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का बहुत महत्व है. आषाढ़ का महीना इच्छाओं को पूरा करने वाला माना गया है. आषाढ़ माह से ही वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. इसलिए इसे किसानों का महीना भी कहा जाता है. इस महीने के पहले दिन ब्राह्मण दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है. इस महीने में भगवान जगन्नाथ की यात्रा भी निकाली जाती है. आषाढ़ महीने के कुछ नियम भी हैं, जिसका जरूर पालन करना चाहिए. अगर इन नियमों को अंदेखा किया गया तो आपके जीवन पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं.

जानिये आषाढ़ महीने के नियम

  1. आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी आती है. इस दिन सभी देवता योगनिंद्रा में चले जाते हैं. जिससे इस दिन से चर्तुमास शुरू हो जाता है. इस महीने मांगलिक कार्य करने की मनाही है. अगर आपने शादी, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्य कर लिये तो जीवन मुश्कलों से घिर सकता है और शुभ काम विफल हो जाएंगे.
  2. आषाढ़ माह में प्रतिदिन 'ओम नमः शिवाय और ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें. सूर्योदय से पहले उठें. साथ ही जरूरत मंद लोगों की मदद भी करना चाहिए.
  3. आषाढ़ महीने में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस महीने हरी पत्तेदार सब्जियां, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज, बैंगन जैसी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आपने इस वस्तुओं का इस्तेमाल किया तो अगर पूजा पाठ करेंगे तो उसका कोई फल नहीं मिलेगा.
  4. आषाढ़ के महीने में गंध युक्त चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए. क्योंकि यह चीजें मन को अशुद्ध करती हैं. इसके अलावा इस पावन मास में मांस-मदिरा, मछली का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. जानकारी के बावजूद इन चीजों का सेवन किया तो आर्थिक संकट का सामने करना पड़ सकता है.
  5. चूंकि आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु सोने चले जाते हैं. इसलिए व्यक्ति पर नेगेटिविटी शक्तियों का दवाब रहता है. जो उनके मन और तन में नेगेटिविटी डालते हैं. जरूरी है कि इस महीने में अधिक से अधिक भगवान की पूजा की जाए. ताकि नकारात्मक शक्तियों हावी न हों.
  6. यह तो हम ऊपर बता चुके हैं कि आषाढ़ माह में बारिश शुरु हो जाती है. इस माह जलदेवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसलिए जल का अपमान करना अशुभ माना जाता है. इसलिए इस महीने पानी की बिल्कुल बर्बादी न करें, जितनी जरूरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करें. अगर पानी को दान करेंगे तो लाभ ही लाभ होगा.
  7. आषाढ़ के महीने में व्यक्तिों को खुद पर काबू रखने की भी बेहद जरूरत है. इस महीने क्रोध, अहंकार और घमंड से दूरी बनाएं रखें. वाणी में मधुरता लाएं और किसी भी व्यक्ति को अपशब्द न कहें न उसका अपमान करें.

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Disclaimer- यह आर्टिकल ज्योतिष गणना और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.

Ashadh Month Dos and Donts: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ माह साल के चौथे महीने को कहा जाता है. आषाढ़ का नाम पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ के नक्षक के ऊपर रखा गया है. हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का बहुत महत्व है. आषाढ़ का महीना इच्छाओं को पूरा करने वाला माना गया है. आषाढ़ माह से ही वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है. इसलिए इसे किसानों का महीना भी कहा जाता है. इस महीने के पहले दिन ब्राह्मण दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है. इस महीने में भगवान जगन्नाथ की यात्रा भी निकाली जाती है. आषाढ़ महीने के कुछ नियम भी हैं, जिसका जरूर पालन करना चाहिए. अगर इन नियमों को अंदेखा किया गया तो आपके जीवन पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं.

जानिये आषाढ़ महीने के नियम

  1. आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी आती है. इस दिन सभी देवता योगनिंद्रा में चले जाते हैं. जिससे इस दिन से चर्तुमास शुरू हो जाता है. इस महीने मांगलिक कार्य करने की मनाही है. अगर आपने शादी, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कार्य कर लिये तो जीवन मुश्कलों से घिर सकता है और शुभ काम विफल हो जाएंगे.
  2. आषाढ़ माह में प्रतिदिन 'ओम नमः शिवाय और ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें. सूर्योदय से पहले उठें. साथ ही जरूरत मंद लोगों की मदद भी करना चाहिए.
  3. आषाढ़ महीने में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस महीने हरी पत्तेदार सब्जियां, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज, बैंगन जैसी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आपने इस वस्तुओं का इस्तेमाल किया तो अगर पूजा पाठ करेंगे तो उसका कोई फल नहीं मिलेगा.
  4. आषाढ़ के महीने में गंध युक्त चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए. क्योंकि यह चीजें मन को अशुद्ध करती हैं. इसके अलावा इस पावन मास में मांस-मदिरा, मछली का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए. जानकारी के बावजूद इन चीजों का सेवन किया तो आर्थिक संकट का सामने करना पड़ सकता है.
  5. चूंकि आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु सोने चले जाते हैं. इसलिए व्यक्ति पर नेगेटिविटी शक्तियों का दवाब रहता है. जो उनके मन और तन में नेगेटिविटी डालते हैं. जरूरी है कि इस महीने में अधिक से अधिक भगवान की पूजा की जाए. ताकि नकारात्मक शक्तियों हावी न हों.
  6. यह तो हम ऊपर बता चुके हैं कि आषाढ़ माह में बारिश शुरु हो जाती है. इस माह जलदेवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसलिए जल का अपमान करना अशुभ माना जाता है. इसलिए इस महीने पानी की बिल्कुल बर्बादी न करें, जितनी जरूरत हो उतना ही पानी इस्तेमाल करें. अगर पानी को दान करेंगे तो लाभ ही लाभ होगा.
  7. आषाढ़ के महीने में व्यक्तिों को खुद पर काबू रखने की भी बेहद जरूरत है. इस महीने क्रोध, अहंकार और घमंड से दूरी बनाएं रखें. वाणी में मधुरता लाएं और किसी भी व्यक्ति को अपशब्द न कहें न उसका अपमान करें.

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Disclaimer- यह आर्टिकल ज्योतिष गणना और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.

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