मुजफ्फरपुर : कृषि क्षेत्र में सुधारों को लेकर वैज्ञानिकों और सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. किसानों की आय को बढ़ाना और उन्हें उन्नत खेती की तरफ मोड़ना भी इन्हीं प्रयासों में से एक है. ऐसे में राजस्थान, हरियाणा में उगने वाले काले गेंहू की खेती अब बिहार में भी शुरू की गई है. बिहार के मुजफ्फरपुर में भी अब काले गेहूं की खेती को नया आयाम मिल रहा है. किसान प्रयोग के तौर पर ही, लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर इन काले गेहूं के बीजों को अपने खेतों में बोये थे. इस बार उन्हें बेहतर उपज के साथ-साथ बेहतर दाम भी मिल रहा है.
पहले बनारस से मंगाए थे दो किलो बीज : जिले के मड़वन प्रखंड के भागवतपुर के रहने वाले किसान राजेश रंजन ने काले गेंहू की खेती की शुरुआत की. वे बताते हैं कि वर्ष 2020 के अंतिम महीने में काले गेंहू के बारे में जानकारी मिली थी. काफी प्रभावित होकर उन्होंने काले गेंहू की खेती करने की ठान ली. उत्तर प्रदेश के बनारस से दो किलो बीज मंगवाए.
7 से 8 लाख तक होती है कमाई : शुरुआत में किसान राजेश रंजन ने दो कट्ठा जमीन पर काले गेंहूं की खेती की. किसी भी तरह का रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने जैविक खेती की. पहले साल में अच्छी उपज हुई. उन्हे एक कट्ठा में करीब 60 किलो गेंहू मिला. आज वे क्विंटल में इसका उत्पादन कर रहे हैं. वे साल का 7 से 8 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं.
''शुरुआत में काला गेंहू सामान्य गेहूं जैसा ही दिखता है, लेकिन जब ये पकने लगते हैं, तो इसका रंग काला हो जाता है. इसकी खेती में आम गेहूं की तरह ही लागत आती है. पूरी तरह जैविक रूप से तैयार किए जाने वाले इस गेहूं में उपज अच्छी मिलती है. पानी तथा पेस्टिसाइड बिल्कुल न के बराबर प्रयोग में लाया जाता है. फसल पकने के बाद हमें इस गेहूं का बाजार में आम गेहूं के मुकाबले अधिक मूल्य मिलता है.''- राजेश रंजन, किसान, मुजफ्फरपुर
दूसरे किसानों को भी कर रहे प्रोत्साहित : राजेश रंजन बताते हैं कि अभी वे काले गेंहू की खेती करीब 10 कट्ठा में कर रहे हैं. शुरुआत दो कट्ठा से की थी, लेकिन रिस्पॉन्स अच्छा मिला. इसमें लागत भी ज्यादा नहीं है. जब बनारस से गेंहू के बीज मंगाए थे तब दो केजी पर खर्च 500 तक लगा था. उसपर वे खेती में 500 और खर्च किए थे. इसके बाद एक क्विंटल से अधिक गेंहू उपजा था. लोकल किसान जो खेती करना चाहते हैं उन्हे वह मुफ्त जैविक खेती कराना भी सिखाते हैं. उन्हें 80 रुपए किलो बीज भी देते हैं. ताकि वह बढ़िया से खेती कर सकें.
शुगर लेवल रहता है कंट्रोल : हम आपको काले गेंहू के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके सेवन से आप काफी फिट रहेंगे. एक्सपर्ट की मानें तो काले गेहूं में एंथोसायनिन नाम का पिगमेंट होता है, जिसकी वजह से इसका रंग काला होता है. यह एंथोसायनिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिस कारण से इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है. इसकी रोटी खाने से शरीर में शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. जिन्हें डायबिटीज की समस्या नहीं है, वे लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं.
विटामिन से भरपूर है काला गेहूं : डॉ गौरव वर्मा ने बताया कि काले गेहूं में विटामिन B1, B2, B3, B5, B9 के साथ-साथ प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है. इसके अलावा आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और फास्फोरस जैसे खनिज तत्व भी पाए जाते हैं. अगर आप काले गेहूं का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में यह आपके लिए फायदेमंद होगा.
''ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए भी काला गेंहू काफी फायदेमंद होता है. एक तरह से यह एंटी-हाइपरटेंसिव मेडिसिन की तरह काम करता है. मतलब ब्लेड प्रेशर के मरीजों के लिए यह रामबाण है. इससे पाचन भी ठीक रहेगा. खून की कमी दूर होगी. जिन्हें दिल की बीमारी हैं, वे लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं." - डॉ गौरव वर्मा, मुजफ्फरपुर
डाइटीशियन की सलाह जरूर लें : वैसे काले गेहूं के सेवन से पहले डाइटीशियन की सलाह जरूरी है. क्योंकि इसमें मौजूद हाई फाइबर के कारण पेट में गैस, दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है. जिस व्यक्ति को निमोनिया की शिकायत है, वह इसका सेवन नहीं करें.
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