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अब भागवत गीता में कर सकेंगे मास्टर्स, IGNOU में नामांकन की अंतिम तारीख बढ़ी - IGNOU

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने भागवत गीता अध्ययन में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एम.ए) पाठ्यक्रम शुरू किया है. यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए है जो भारतीय संस्कृति, दर्शन और धार्मिक ग्रंथों में रुचि रखते हैं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य भागवत गीता के गहन अध्ययन और इसकी शिक्षाओं को समझाना है. पढ़ें, विस्तार से.

डॉ अभिलाष नायक, क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू पटना.
डॉ अभिलाष नायक, क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू पटना. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 1, 2024, 10:42 PM IST

पटनाः अगर आप भागवत गीता में रूचि रखते हैं तो इग्नू आपको अद्वितीय अवसर दे रहा है. इग्नू ने भागवत गीता अध्ययन में एम.ए. की पढ़ाई शुरू की है. यह उन छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है जो भारतीय संस्कृति और दर्शन में गहरी रुचि रखते हैं. यह न केवल धार्मिक और दार्शनिक ज्ञान को बढ़ावा देगा, बल्कि छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गीता की शिक्षाओं को लागू करने के लिए प्रेरित करेगा. IGNOU के इस प्रयास से भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक साहित्य का व्यापक प्रसार होगा.

नामांकन की तिथि बढ़ी: इग्नू ने जुलाई सत्र 2024 के लिए नामांकन की तिथि बढ़ा दी है. इससे पूर्व 31 जुलाई नामांकन की आखिरी तिथि थी. अब इसे बढ़ाकर 14 अगस्त कर दी गयी है. इस बात की जानकारी गुरुवार को इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने दी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के शैक्षणिक सत्र में 86152 नामांकन हुए थे. लेकिन इस वर्ष अब तक 99857 नामांकन हो चुका है. इग्नू में नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में बढ़ रही है और यह इग्नू के विश्वसनीयता को और मजबूत कर रहा है.

"बच्चों के नामांकन बढ़ाने के पीछे इग्नू की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक कारण है और दूसरा कारण यह भी है कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत 50 हजार रुपये वित्तीय पुरस्कार दिया जाता है."- डॉ अभिलाष नायक, क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू पटना

15 नए पाठ्यक्रम शुरू: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू द्वारा इस सत्र में 15 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. जिनमें कृषि व्यवसाय प्रबंधन, निर्माण प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और स्वास्थ्य देखभाल एवं अस्पताल प्रबंधन में एमबीए की पढ़ाई इस वर्ष से शुरू हो रही है. इसके अलावा सामुदायिक विकास एवं विस्तार प्रबंधन में एमएससी की शुरुआत की गई है. इन सबके अलावा भागवत गीता अध्ययन में एम.ए की पढ़ाई शुरू हुई है. इग्नू संभवतः देश का पहला संस्थान है जहां भगवत गीता में मास्टर्स की पढ़ाई शुरू हुई है.

रोजगार से संबंधित है पाठ्यक्रम: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इस सत्र में जो 15 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, उसमें खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता प्रबंधन में बीएससी, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम में बीए, परफॉर्मिंग आर्ट्स इन हिंदुस्तानी म्यूजिक में स्नातक की पढ़ाई शामिल है. इसके अलावा फैशन डिजाइन और खुदरा व्यवसाय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की कोशिश की शुरुआत हुई है. इन सबके अलावा छोटे बच्चों को सीखाने के लिए स्पेशल एजुकेशन से संबंधित तीन सर्टिफिकेट कोर्सेज शुरू किए गए हैं.

इन छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्सः जून 2024 तक उत्तीर्ण इग्नू की महिला स्नातकों का डाटा 15 अगस्त तक सरकार के मेघासॉफ्ट पोर्टल पर अपलोड करने के लिए प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति श्रेणी के गरीब छात्रों के लिए NAM, BSCM और BCOMF जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश शुल्क में छूट का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा इन वर्ग के बच्चों के लिए कई पाठ्यक्रम निःशुल्क है.

इसे भी पढ़ेंः IGNOU के जुलाई सत्र के लिए एडमिशन शुरू, 43 विषयों में उपलब्ध है ऑनलाइन कोर्सेज - Admission for July session of IGNOU

पटनाः अगर आप भागवत गीता में रूचि रखते हैं तो इग्नू आपको अद्वितीय अवसर दे रहा है. इग्नू ने भागवत गीता अध्ययन में एम.ए. की पढ़ाई शुरू की है. यह उन छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है जो भारतीय संस्कृति और दर्शन में गहरी रुचि रखते हैं. यह न केवल धार्मिक और दार्शनिक ज्ञान को बढ़ावा देगा, बल्कि छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गीता की शिक्षाओं को लागू करने के लिए प्रेरित करेगा. IGNOU के इस प्रयास से भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक साहित्य का व्यापक प्रसार होगा.

नामांकन की तिथि बढ़ी: इग्नू ने जुलाई सत्र 2024 के लिए नामांकन की तिथि बढ़ा दी है. इससे पूर्व 31 जुलाई नामांकन की आखिरी तिथि थी. अब इसे बढ़ाकर 14 अगस्त कर दी गयी है. इस बात की जानकारी गुरुवार को इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने दी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के शैक्षणिक सत्र में 86152 नामांकन हुए थे. लेकिन इस वर्ष अब तक 99857 नामांकन हो चुका है. इग्नू में नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में बढ़ रही है और यह इग्नू के विश्वसनीयता को और मजबूत कर रहा है.

"बच्चों के नामांकन बढ़ाने के पीछे इग्नू की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक कारण है और दूसरा कारण यह भी है कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के अंतर्गत 50 हजार रुपये वित्तीय पुरस्कार दिया जाता है."- डॉ अभिलाष नायक, क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू पटना

15 नए पाठ्यक्रम शुरू: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू द्वारा इस सत्र में 15 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं. जिनमें कृषि व्यवसाय प्रबंधन, निर्माण प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और स्वास्थ्य देखभाल एवं अस्पताल प्रबंधन में एमबीए की पढ़ाई इस वर्ष से शुरू हो रही है. इसके अलावा सामुदायिक विकास एवं विस्तार प्रबंधन में एमएससी की शुरुआत की गई है. इन सबके अलावा भागवत गीता अध्ययन में एम.ए की पढ़ाई शुरू हुई है. इग्नू संभवतः देश का पहला संस्थान है जहां भगवत गीता में मास्टर्स की पढ़ाई शुरू हुई है.

रोजगार से संबंधित है पाठ्यक्रम: डॉ अभिलाष नायक ने बताया कि इस सत्र में जो 15 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं, उसमें खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता प्रबंधन में बीएससी, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम में बीए, परफॉर्मिंग आर्ट्स इन हिंदुस्तानी म्यूजिक में स्नातक की पढ़ाई शामिल है. इसके अलावा फैशन डिजाइन और खुदरा व्यवसाय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की कोशिश की शुरुआत हुई है. इन सबके अलावा छोटे बच्चों को सीखाने के लिए स्पेशल एजुकेशन से संबंधित तीन सर्टिफिकेट कोर्सेज शुरू किए गए हैं.

इन छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्सः जून 2024 तक उत्तीर्ण इग्नू की महिला स्नातकों का डाटा 15 अगस्त तक सरकार के मेघासॉफ्ट पोर्टल पर अपलोड करने के लिए प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति श्रेणी के गरीब छात्रों के लिए NAM, BSCM और BCOMF जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश शुल्क में छूट का लाभ दिया जा रहा है. इसके अलावा इन वर्ग के बच्चों के लिए कई पाठ्यक्रम निःशुल्क है.

इसे भी पढ़ेंः IGNOU के जुलाई सत्र के लिए एडमिशन शुरू, 43 विषयों में उपलब्ध है ऑनलाइन कोर्सेज - Admission for July session of IGNOU

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