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बिहार में बाढ़ से हालात खराब, कोसी और गंडक में कम मात्रा में पानी छोड़े जाने से राहत लेकिन कटान का खतरा बढ़ा - Flood in Bihar

बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. गनीमत ये है कि नेपाल से कम पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों के लोगों को जल्द ही बाढ़ से राहत मिल जाएगी. कोसी और गंडक बराज से पानी कम मात्रा में छोड़ा जा रहा है फिर भी कोसी और गंडक कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. अब पानी कम होने से कटाव का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश ने भी सर्वेक्षण कर समीक्षा बैठक की..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 8, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 7:26 PM IST

बिहार में बाढ़ से हालात खराब
बिहार में बाढ़ से हालात खराब (ETV Bharat)
सुपौल में कोसी बराज के चलते हालात खराब (ETV Bharat)

पटना : तीन दिनों तक लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी और गंडक नदी में उफान आ गया था. अभी भी निचले इलाके में बाढ़ और कटाव का खतरा बरकरार है. जैसे जैसे ये पानी आगे बढ़ रहा है वहां के हालात भयावह होते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा असर बगहा, मोतिहारी और गोपालगंज में देखने को मिल रहा है. यहां कई गांव ऐसे हैं जो टापू में तब्दील हो गए हैं.

पानी हुआ कम लेकिन परेशानी बढ़ी : राहत की बात ये है आज नेपाल से कम पानी छोड़ा जा रहा है. इसलिए कोसी और गंडक बराज पर दबाव भी कम हो गया है. फिर भी 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इतने पानी से निचले इलाके में बाढ़ का खतरा तो नहीं रहेगा लेकिन कटाव का खतरा काफी बढ़ जाएगा.

सीएम नीतीश ने किया बाढ़ इलाके का सर्वे : सीएम नीतीश ने बिहार में बाढ़ के हालात का जायाज लेने के लिए सर्वेक्षण किया. उन्होंने हवाई मार्ग से डूबे इलाकों को देखा फिर वाल्मीकिनगर में गंडक बराज पहुंचकर भी जायजा लिया. गंडक बराज के गेट संख्या 5 का उन्होंने निरीक्षण किया. समीक्षा बैठक भी सीएम नीतीश ने अफसरों के साथ की, अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बिहार में बाढ़ की स्थिति नेपाल की बारिश पर निर्भर करती है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

गंडक बराज पर कम हुआ दबाव : बगहा में गंडक बराज से दोपहर तीन बजे तक 2.54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं सुपौल में कोसी बराज से 2 लाख क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा जा रहा है. अभी तक नहरों में पानी डायवर्ट नहीं किया जा रहा था. लेकिन ढाई लाख क्यूसेक से कम होने पर अब नहरों में पानी को मोड़ दिया गया है.

बगहा में एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी
बगहा में एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी (ETV Bharat)

सुपौल में कोसी पर कम हुआ दबाव : कोसी नदी के जलस्तर में जिस प्रकार बढ़ोतरी हुई थी ठीक उसी प्रकार रविवार की शाम पाँच बजे के बाद नदी के जलस्तर में कमी होनी शुरू हो गई है. लेकिन नदी का पानी सहरसा और मधेपुरा जिला प्रवेश कर गया है. सोमवार की शाम पांच बजे कोसी नदी का जलस्तर 2,23,650 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया है.

कम हुआ कोसी बराज पर दबाव
कम हुआ कोसी बराज पर दबाव (ETV Bharat)

कोसी बराज के 34 गेट खुले : नदी के 56 में से 34 फटाको को अब भी खोलकर रखा गया है. ताकि जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र से जो पानी आ रहा है उसे सुगमता पूर्वक प्रवाहित किया जा सके. बढ़ते जलस्तर के बीच जलप्रवाह के साथ भारी मात्रा में बालू की मात्रा होने से फ्लेसिंग का कार्य जारी है. जिससे नदी के किसी भी नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा गया है.

सुपौल में कई इलाके जलमग्न : तटबंध के हजारों गांव में नदी का पानी फैल चुका है. जिससे तटबंध के भीतर बाढ़ के हालत उत्पन्न हो गए है. तटबंध के भीतर बसे लोगों का घर भी नदी में विलीन हो रहा है. सबसे अधिक किशनपुर प्रखंड के मौजहा पंचायत के सुजानपुर व तेलियारी गांव में लोगों का घर नदी में विलीन हुआ है.

कोसी बराज से छोड़ा गया पानी
कोसी बराज से छोड़ा गया पानी (ETV Bharat)

कोसी का तांडव : पंचायत की कई सड़कें ध्वस्त हो गया है. रोड के आर पार पानी का बहाव हो रहा है. जहां प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य कराएं जा रहे हैं. इसी प्रकार सरायगढ़, मरोना, निर्मली एवं सदर प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में नदी का कटाव हो रहा है. लोग ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे हैं.

अब कटाव का खतरा : गौरतलब है कि कोसी और गंडक नदी का जल स्तर जब बढ़ता है तो बाढ़ के हालत उत्पन्न होते है. वहीं जब नदी का पानी घटने लगता है तो नदी की धारा काफी तेज हो जाती है. जिससे नदी तेजी से कटाव शुरू कर देती है.

सुपौल में बाढ़ में स्कूल जाते छात्र
बेतिया में बाढ़ में स्कूल जाते छात्र (ETV Bharat)

क्या कहते हैं अधिकारी : बाढ़ नियंत्रण के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि ''जिस प्रकार नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी और बराज के सभी 56 फाटकों को खोला गया था. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विभागीय सभी अभियंताओं और कर्मियों ने शनिवार और रविवार की पूरी रात रात जग्गा कर बिताया हैं. हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में हैं.''

गोपालगंज में हालात खराब : गोपलगंज में बाढ़ से हालात हैं. गंडक में कम पानी डिस्चार्ज किए जाने के चलते अब कटाव का खतरा बन गया है. नदियों के किनारे संभावित कटाव वाले स्थानों पर प्लास्टिक के बोरे 'जीयो बैग' रखे जा रहे हैं. प्रशासन भी बाढ़ वाले इलाकों पर नजर बनाकर रखी हुई है. सामुदायिक किचन की व्यस्था भी शुरू कर दी गई है. लोगों को ऊंचे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर गंडक बराज का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए कई दिशा निर्देश - CM Nitish Kumar

सुपौल में कोसी बराज के चलते हालात खराब (ETV Bharat)

पटना : तीन दिनों तक लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी और गंडक नदी में उफान आ गया था. अभी भी निचले इलाके में बाढ़ और कटाव का खतरा बरकरार है. जैसे जैसे ये पानी आगे बढ़ रहा है वहां के हालात भयावह होते जा रहे हैं. सबसे ज्यादा असर बगहा, मोतिहारी और गोपालगंज में देखने को मिल रहा है. यहां कई गांव ऐसे हैं जो टापू में तब्दील हो गए हैं.

पानी हुआ कम लेकिन परेशानी बढ़ी : राहत की बात ये है आज नेपाल से कम पानी छोड़ा जा रहा है. इसलिए कोसी और गंडक बराज पर दबाव भी कम हो गया है. फिर भी 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इतने पानी से निचले इलाके में बाढ़ का खतरा तो नहीं रहेगा लेकिन कटाव का खतरा काफी बढ़ जाएगा.

सीएम नीतीश ने किया बाढ़ इलाके का सर्वे : सीएम नीतीश ने बिहार में बाढ़ के हालात का जायाज लेने के लिए सर्वेक्षण किया. उन्होंने हवाई मार्ग से डूबे इलाकों को देखा फिर वाल्मीकिनगर में गंडक बराज पहुंचकर भी जायजा लिया. गंडक बराज के गेट संख्या 5 का उन्होंने निरीक्षण किया. समीक्षा बैठक भी सीएम नीतीश ने अफसरों के साथ की, अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बिहार में बाढ़ की स्थिति नेपाल की बारिश पर निर्भर करती है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

गंडक बराज पर कम हुआ दबाव : बगहा में गंडक बराज से दोपहर तीन बजे तक 2.54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं सुपौल में कोसी बराज से 2 लाख क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा जा रहा है. अभी तक नहरों में पानी डायवर्ट नहीं किया जा रहा था. लेकिन ढाई लाख क्यूसेक से कम होने पर अब नहरों में पानी को मोड़ दिया गया है.

बगहा में एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी
बगहा में एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी (ETV Bharat)

सुपौल में कोसी पर कम हुआ दबाव : कोसी नदी के जलस्तर में जिस प्रकार बढ़ोतरी हुई थी ठीक उसी प्रकार रविवार की शाम पाँच बजे के बाद नदी के जलस्तर में कमी होनी शुरू हो गई है. लेकिन नदी का पानी सहरसा और मधेपुरा जिला प्रवेश कर गया है. सोमवार की शाम पांच बजे कोसी नदी का जलस्तर 2,23,650 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया है.

कम हुआ कोसी बराज पर दबाव
कम हुआ कोसी बराज पर दबाव (ETV Bharat)

कोसी बराज के 34 गेट खुले : नदी के 56 में से 34 फटाको को अब भी खोलकर रखा गया है. ताकि जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र से जो पानी आ रहा है उसे सुगमता पूर्वक प्रवाहित किया जा सके. बढ़ते जलस्तर के बीच जलप्रवाह के साथ भारी मात्रा में बालू की मात्रा होने से फ्लेसिंग का कार्य जारी है. जिससे नदी के किसी भी नहर में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा गया है.

सुपौल में कई इलाके जलमग्न : तटबंध के हजारों गांव में नदी का पानी फैल चुका है. जिससे तटबंध के भीतर बाढ़ के हालत उत्पन्न हो गए है. तटबंध के भीतर बसे लोगों का घर भी नदी में विलीन हो रहा है. सबसे अधिक किशनपुर प्रखंड के मौजहा पंचायत के सुजानपुर व तेलियारी गांव में लोगों का घर नदी में विलीन हुआ है.

कोसी बराज से छोड़ा गया पानी
कोसी बराज से छोड़ा गया पानी (ETV Bharat)

कोसी का तांडव : पंचायत की कई सड़कें ध्वस्त हो गया है. रोड के आर पार पानी का बहाव हो रहा है. जहां प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य कराएं जा रहे हैं. इसी प्रकार सरायगढ़, मरोना, निर्मली एवं सदर प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में नदी का कटाव हो रहा है. लोग ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहे हैं.

अब कटाव का खतरा : गौरतलब है कि कोसी और गंडक नदी का जल स्तर जब बढ़ता है तो बाढ़ के हालत उत्पन्न होते है. वहीं जब नदी का पानी घटने लगता है तो नदी की धारा काफी तेज हो जाती है. जिससे नदी तेजी से कटाव शुरू कर देती है.

सुपौल में बाढ़ में स्कूल जाते छात्र
बेतिया में बाढ़ में स्कूल जाते छात्र (ETV Bharat)

क्या कहते हैं अधिकारी : बाढ़ नियंत्रण के चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने बताया कि ''जिस प्रकार नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी और बराज के सभी 56 फाटकों को खोला गया था. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विभागीय सभी अभियंताओं और कर्मियों ने शनिवार और रविवार की पूरी रात रात जग्गा कर बिताया हैं. हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में हैं.''

गोपालगंज में हालात खराब : गोपलगंज में बाढ़ से हालात हैं. गंडक में कम पानी डिस्चार्ज किए जाने के चलते अब कटाव का खतरा बन गया है. नदियों के किनारे संभावित कटाव वाले स्थानों पर प्लास्टिक के बोरे 'जीयो बैग' रखे जा रहे हैं. प्रशासन भी बाढ़ वाले इलाकों पर नजर बनाकर रखी हुई है. सामुदायिक किचन की व्यस्था भी शुरू कर दी गई है. लोगों को ऊंचे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर गंडक बराज का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिए कई दिशा निर्देश - CM Nitish Kumar

Last Updated : Jul 8, 2024, 7:26 PM IST
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