गया: देश के कई राज्यों के लोगों के साथ साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह की टीम के तीन अपराधियों को बिहार की गया पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. ये अपराधी काफी शातिर थे और साइबर फ्रॉड का गोरखधंधा पिछले कई सालों से संचालित कर रहे थे. पुलिस को इस गिरोह की सूचना मिली, जिसके बाद छापेमारी कर 3 अपराधियों की गिरफ्तारी कर ली गई.
निर्माणाधीन मकान में पुलिस की रेड: इस मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि जिले के आमस थाना क्षेत्र के रेगनिया गांव से इन साइबर अरराधियों को गिरफ्तार किया गया है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने विशेष टीम का गठन कर निर्माणाधीन मकान में रेड मारा और तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. वहीं मौके से दो ठग भागने में कामयाब हो गए. निर्माणाधीन मकान की तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड, सोने के सिक्के, साइबर फ्रॉड से संबंधित हिसाब किताब रखने वाली कॉपी सहित कई कागजात बरामद किए गए हैं.
"ये साइबर फ्रॉड अपराधी ज्यादा गोल्डन क्वाइन मंगाते थे और सेल कर सारे रुपए गिरोह में बांटे जाते थे. पुलिस के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. वहीं, लोगों से अपील करते हैं, कि अपना ओटीपी किसी को न दें. एनी डेस्क को क्लिक करने से पहले सावधानी जरूर बरतें."- आशीष भारती, एसएसपी गया
गया पुलिस ने तीन साइबर फ्रॉड को पकड़ा: वहीं, इस गिरोह के अन्य अपराधियों की तलाश जारी है. इस गिरोह के द्वारा साइबर फ्रॉड का शिकार होने वालों में महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार और झारखंड आदि राज्यों के लोग शामिल हैं. बताया जाता है, कि यह गिरोह साइबर फ्रॉड के माध्यम से गोल्डन क्वाइन ज्यादा इकट्ठा करते थे. इस तरह गोल्डन क्वाइन समेत अन्य कीमती सामानों को बड़े पैमाने पर इन्होंने साइबर फ्रॉड के माध्यम से हासिल किया था.
साइबर अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपको ठगने का कर सकते हैं प्रयास, इसलिए ऐसे कॉल्स पर न करें विश्वास...
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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भारी ऑफर का देते थे लालच : गया पुलिस के अनुसार ये साइबर अपराधी काफी शातिर हैं. ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐड देते थे और कम दर पर सामानों की बिक्री का प्रलोभन देते थे. काफी डिस्काउंट होने के कारण इनके साइबर फ्रॉड के झांसे में लोग फंस जाते थे. कई राज्यों के लोग इस साइबर फ्रॉड गिरोह का शिकार हुए. बताया जाता है, कि जब इनके द्वारा दिए गए प्रलोभन में आकर कोई क्लिक करता, तो इनका वेबसाइट उस पर चला जाता था.
ऐसे लगाते थे लोगों को चूना: फोन के माध्यम से इस गिरोह के द्वारा संपर्क साधा जाता था. वहीं एनी डेस्क के माध्यम से डाउनलोड कर लेते थे. ये फोन से ओटीपी मांग लेते थे. इस तरह क्रेडिट डेबिट कार्ड का डिटेल्स भी ले लेते थे. ऐसे में साइबर फ्रॉड करने वाला यह गिरोह अपने शातिरना तरीके से लोगों के पैसे कटवा देता था और सामान इस गिरोह के अपराधियों के पास चले आते थे. यानि कि सामान इनके पास और पैसा इनके झांसे में फंसने वाले व्यक्ति का कट जाता था.
अंजान लिंक पर क्लिक करना आप भी cancel करें, और इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय साइबर सुरक्षा को बरकरार रखें।
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गोल्ड के क्वाइन और कीमती सामान ज्यादा मांगते थे: पुलिस के अनुसार शातिर अपराधी मोटी रकम वाले गोल्ड के क्वाइन या कीमती सामान ज्यादा मंगाते थे. इसके बाद सामानों की बिक्री कर रुपए गिरोह में बांटे जाते थे. कई सालों से इस तरह का गोरखधंधा चल रहा था. बताया जाता है, कि इसमें से गिरफ्तार 1 अपराधी कन्हैया कुमार उर्फ छोटू ने 4 साल पहले अपना अकाउंट गिरोह के अपराधियों को छह हजार में बेचा था. साइबर अपराधियों ने कन्हैया नाम का अपराधी का अकाउंट का उपयोग झारखंड के बोकारो से संचालित करना शुरू किया. इसके बाद बिहार में साइबर फ्रॉड का गोरख धंधा एक निर्माणाधीन भवन में ऑफिस की तरह बनाकर चला रहे थे.
NCR पोर्टल पर कई राज्यों के लोगों की शिकायत दर्ज: बताया जाता है, कि इनके पास से जो मोबाइल की बरामदगी की गई है. इसमें लगे सिम पर एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से कई कंप्लेन पूर्व में दर्ज कराया जा चुके हैं. यह कंप्लेन तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य के लोगों के द्वारा दर्ज कराए गए हैं. इस साइबर फ्रॉड गिरोह के कई अपराधी अब भी फरार है और पुलिस उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही है.
गिरफ्तार लोगों से पूछताछ जारी: इस संबंध में गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि साइबर फ्रॉड से कई राज्यों के लोगों को शिकार बनाने वाले तीन अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है. गया जिले के आमस थाना क्षेत्र से इनकी गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तार अपराधियों में कन्हैया कुमार उर्फ छोटू अरवल जिला का रहने वाला है. वहीं, मोहम्मद अरमान अनवर गुरुआ और मोहम्मद मेराज आलम रगेनिया का निवासी है. पुलिस तीनों से पूछताछ के आधार पर कार्रवाई को आगे बढ़ा रही है.
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