ETV Bharat / bharat

पैरासिटामोल, BP, डायबिटीज की गोलियां समेत 53 दवाएं टेस्ट में फेल, हो जाएं सावधान! - CDSCO Quality Test

Drugs Fail CDSCO Quality Test: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के गुणवत्ता परीक्षण में 50 से अधिक दवाएं फेल हो गई हैं. इस सूची में पैरासिटामोल, पैन-डी, उच्च रक्तचाप की दवाएं और मधुमेह रोधी गोलियां शामिल हैं. इतनी बड़ी संख्या में दवाइयों के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

Over 50 drugs including Paracetamol, Pan-D fail quality test of CDSCO concerns for usage
प्रतीकात्मक तस्वीर (IANS)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 3:48 PM IST

नई दिल्ली: भारत के औषधि नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के गुणवत्ता परीक्षण में पैरासिटामोल, कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट, उच्च रक्तचाप की दवाएं और मधुमेह रोधी गोलियां समेत 50 से अधिक दवाएं फेल हो गई हैं. जिससे उनके इस्तेमाल को लेकर कई चिंताएं पैदा हो गई हैं.

सीडीएससीओ ने अगस्त 2024 के लिए अपनी ताजा मासिक औषधि चेतावनी रिपोर्ट में दर्जनों दवाओं की पहचान 'मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं (एनएसक्यू) चेतावनी' के तहत की है.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
ज्यादा बिक्री वाली इन 53 दवाइयों के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, जब तक भाजपा कंपनियों से चंदा बटोरती रहेगी, तब तक कम गुणवत्तावाली दवाइयों का धंधा जारी रहेगा. उन्होंने सवाल किया कि इस रिपोर्ट के बाद भी कोई कार्रवाई होगी या चंदे की राशि बढ़ाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल (स्क्रीनशॉट)

फार्मा कंपनियां लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहीं...
कांग्रेस ने भी दवाइयों की गुणवत्ता का मामला उठाया है. कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, अब खबर है कि 50 से ज्यादा दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं. ये रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली दवाएं हैं, जैसे- बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर, विटामिन, एंटीबायोटिक्स की दवाएं. ये खबर बताती है कि फार्मा कंपनियां लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और इससे करोड़ों बना रही हैं.

कांग्रेस का एक्स पोस्ट
कांग्रेस का एक्स पोस्ट (स्क्रीनशॉट)

कांग्रेस ने आगे कहा, हमने वो खबर भी देखी है कि जिन फार्मा कंपनियों की दवाएं टेस्ट में फेल हुईं, वो कंपनियों 'चंदा दो-धंधा लो' की टेक्निक से क्लीनचिट पा गईं. यही वजह है कि इन कंपनियों को अब कोई डर नहीं रहा है, क्योंकि इनके मालिक जानते हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ये चेतावनी राज्य औषधि अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रयोगशालाओं में किए गए रैंडम मासिक नमूने की जांच के आधार पर जारी की गई. कुल 53 दवाएं सीडीएससीओ के गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहीं, जो बहुत ज्यादा बिकती हैं.

क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं (ETV Bharat)
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं (ETV Bharat)

इन दवाओं में पैरासिटामोल (आईपी 500 मिलीग्राम की गोलियां), शेल्कल (विटामिन सी और डी3 की गोलियां), विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्ट जैल, पैन-डी (एंटीएसिड), ग्लिमेपिराइड (मधुमेह विरोधी दवा) और टेल्मिसर्टन (उच्च रक्तचाप के लिए) और कई अन्य शामिल हैं.

इन दवाइयों का निर्माण अल्केम लैबोरेटरीज, हेटेरो ड्रग्स, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड और प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा किया जा रहा है.

मेट्रोनिडाजोल भी गुणवत्ता मानकों पर फेल
सीडीएससीओ के गुणवत्ता मानकों पर फेल होने वाली दवाइयों में मेट्रोनिडाजोल भी शामिल है, जो पेट में इंफेक्शन के इलाज के लिए बहुत ज्यादा रिकमेंड की जाती है. इसका निर्माण हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड द्वारा किया जाता है.

क्वालिटी टेस्ट में फेल होने वाली दवाइयों की सूची में टोरेंट फार्मास्युटिकल्स की शेल्कल (Shelcal) भी शामिल है, जो एक लोकप्रिय कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट है. इसके अलावा अल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 और पैन-डी को कोलकाता स्थित ड्रग-टेस्टिंग लैब द्वारा नकली माना गया.

इसी लैब ने गंभीर जीवाणु संक्रमण वाले बच्चों को दी जाने वाली सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन को घटिया करार दिया है. इसके अलावा सूची में कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की पैरासिटामोल की गोलियां भी शामिल हैं.

पहली सूची में कुल 48 दवाइयां
सीडीएससीओ ने उन दवाइयों की दो सूचियां साझा की हैं जो गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई हैं. पहली सूची में कुल 48 दवाइयां शामिल हैं, जिन्हें 'मानक गुणवत्ता का नहीं' घोषित किया गया है.

दूसरी सूची में पांच दवाएं शामिल हैं. इन दवाइयों के निर्माताओं के लिए कॉमल में लिखा गया है, "वास्तविक निर्माता (लेबल दावे के अनुसार) ने सूचित किया है कि दवाइयों का विवादित बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किया गया है और यह एक नकली दवा है. उत्पाद नकली होने का दावा किया जाता है. हालांकि, यह जांच के नतीजे पर निर्भर करता है."

यह भी पढ़ें- तिरुपति बालाजी मंदिर में कब शुरू हुई लड्डू प्रसाद की परंपरा, जानें कितनी है कीमत

नई दिल्ली: भारत के औषधि नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के गुणवत्ता परीक्षण में पैरासिटामोल, कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट, उच्च रक्तचाप की दवाएं और मधुमेह रोधी गोलियां समेत 50 से अधिक दवाएं फेल हो गई हैं. जिससे उनके इस्तेमाल को लेकर कई चिंताएं पैदा हो गई हैं.

सीडीएससीओ ने अगस्त 2024 के लिए अपनी ताजा मासिक औषधि चेतावनी रिपोर्ट में दर्जनों दवाओं की पहचान 'मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं (एनएसक्यू) चेतावनी' के तहत की है.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
ज्यादा बिक्री वाली इन 53 दवाइयों के क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, जब तक भाजपा कंपनियों से चंदा बटोरती रहेगी, तब तक कम गुणवत्तावाली दवाइयों का धंधा जारी रहेगा. उन्होंने सवाल किया कि इस रिपोर्ट के बाद भी कोई कार्रवाई होगी या चंदे की राशि बढ़ाकर मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा.

अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल (स्क्रीनशॉट)

फार्मा कंपनियां लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहीं...
कांग्रेस ने भी दवाइयों की गुणवत्ता का मामला उठाया है. कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, अब खबर है कि 50 से ज्यादा दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं. ये रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली दवाएं हैं, जैसे- बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर, विटामिन, एंटीबायोटिक्स की दवाएं. ये खबर बताती है कि फार्मा कंपनियां लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और इससे करोड़ों बना रही हैं.

कांग्रेस का एक्स पोस्ट
कांग्रेस का एक्स पोस्ट (स्क्रीनशॉट)

कांग्रेस ने आगे कहा, हमने वो खबर भी देखी है कि जिन फार्मा कंपनियों की दवाएं टेस्ट में फेल हुईं, वो कंपनियों 'चंदा दो-धंधा लो' की टेक्निक से क्लीनचिट पा गईं. यही वजह है कि इन कंपनियों को अब कोई डर नहीं रहा है, क्योंकि इनके मालिक जानते हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ये चेतावनी राज्य औषधि अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रयोगशालाओं में किए गए रैंडम मासिक नमूने की जांच के आधार पर जारी की गई. कुल 53 दवाएं सीडीएससीओ के गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहीं, जो बहुत ज्यादा बिकती हैं.

क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं (ETV Bharat)
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुइं दवाएं (ETV Bharat)

इन दवाओं में पैरासिटामोल (आईपी 500 मिलीग्राम की गोलियां), शेल्कल (विटामिन सी और डी3 की गोलियां), विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्ट जैल, पैन-डी (एंटीएसिड), ग्लिमेपिराइड (मधुमेह विरोधी दवा) और टेल्मिसर्टन (उच्च रक्तचाप के लिए) और कई अन्य शामिल हैं.

इन दवाइयों का निर्माण अल्केम लैबोरेटरीज, हेटेरो ड्रग्स, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड और प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा किया जा रहा है.

मेट्रोनिडाजोल भी गुणवत्ता मानकों पर फेल
सीडीएससीओ के गुणवत्ता मानकों पर फेल होने वाली दवाइयों में मेट्रोनिडाजोल भी शामिल है, जो पेट में इंफेक्शन के इलाज के लिए बहुत ज्यादा रिकमेंड की जाती है. इसका निर्माण हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड द्वारा किया जाता है.

क्वालिटी टेस्ट में फेल होने वाली दवाइयों की सूची में टोरेंट फार्मास्युटिकल्स की शेल्कल (Shelcal) भी शामिल है, जो एक लोकप्रिय कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट है. इसके अलावा अल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 और पैन-डी को कोलकाता स्थित ड्रग-टेस्टिंग लैब द्वारा नकली माना गया.

इसी लैब ने गंभीर जीवाणु संक्रमण वाले बच्चों को दी जाने वाली सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन को घटिया करार दिया है. इसके अलावा सूची में कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की पैरासिटामोल की गोलियां भी शामिल हैं.

पहली सूची में कुल 48 दवाइयां
सीडीएससीओ ने उन दवाइयों की दो सूचियां साझा की हैं जो गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई हैं. पहली सूची में कुल 48 दवाइयां शामिल हैं, जिन्हें 'मानक गुणवत्ता का नहीं' घोषित किया गया है.

दूसरी सूची में पांच दवाएं शामिल हैं. इन दवाइयों के निर्माताओं के लिए कॉमल में लिखा गया है, "वास्तविक निर्माता (लेबल दावे के अनुसार) ने सूचित किया है कि दवाइयों का विवादित बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किया गया है और यह एक नकली दवा है. उत्पाद नकली होने का दावा किया जाता है. हालांकि, यह जांच के नतीजे पर निर्भर करता है."

यह भी पढ़ें- तिरुपति बालाजी मंदिर में कब शुरू हुई लड्डू प्रसाद की परंपरा, जानें कितनी है कीमत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.