हैदराबाद: हैदराबाद के रेनबो अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बच्चे की जान बचाने के लिए मां के गर्भ में एक जीवन रक्षक सर्जरी की है. यह पहली बार है कि इस तरह से एक नई तकनीक के द्वारा भ्रूण की जान बचाई गई है, इस बात को डॉक्टरों ने शुक्रवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में साझा किया है.
स्कैन से बिमारी का पता चला
मुख्य बाल हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. कोनेटी नागेश्वर राव, डॉ. श्वेता बाखरू, बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. फणी भार्गवी और अन्य विशेषज्ञों ने इस उपलब्धि पर चर्चा की. आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के हिंदूपुरम की एक महिला अपने दूसरे बच्चे की उम्मीद कर रही थी. विस्तृत टीआईएफएफ स्कैन से पता चला कि भ्रूण को एक गंभीर हृदय की समस्या थी.
हृदय में लीकेज होने का था खतरा
भ्रूण में महाधमनी वाल्व (aortic valve) पूरी तरह से बंद था, इस स्थिति को महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस के नाम से जाना जाता है. इस ब्लोकेज के कारण, हृदय का बायां वेंट्रिकल बड़ा हो गया, जिसके कारण उसका काम करना मुश्किल हो गया और वाल्व में लीकेज भी होने लगा. बिना इलाज के, गर्भ में शिशु के मरने का बहुत ज़्यादा खतरा था। रेनबो अस्पताल की टीम से सलाह लेने के बाद, एक त्वरित और नवोन्मेषी उपचार योजना पर सहमति बनी.
पारंपरिक रूप से, ऐसे मामलों में भ्रूण बैलून एओर्टिक वाल्वोटोमी की जाती है. इस प्रक्रिया में गर्भाशय में भ्रूण की महाधमनी वाल्व को आंशिक रूप से खोलना और जन्म के बाद इलाज पूरा करना शामिल है. हालांकि, इस तरीके की सफलता दर केवल 60% है.
ऐसे हुई सर्जरी
इस मामले में, डॉक्टरों ने एक नया तरीका अपनाया. डॉ. नागेश्वर राव ने बताया, "हमने एक बिल्कुल नए तरीके का इस्तेमाल करके 27 सप्ताह के भ्रूण की सफलतापूर्वक सर्जरी की." सबसे पहले, मां के गर्भ के माध्यम से भ्रूण को बेहोश किया गया. फिर, एक बड़ी सुई (कैथेटर) का उपयोग करके भ्रूण के दिल में 3.5 मिमी का छेद किया गया. इसके बाद, अवरुद्ध महाधमनी वाल्व को पूरी तरह से खोलने के लिए 4.5 मिमी का गुब्बारा डाला गया.
दिल में बड़ा छेद होने के कारण खून बहने का खतरा था. इससे बचने के लिए, छेद को बंद करने के लिए 4.5 मिमी का एक उपकरण लगाया गया, ताकि खतरे से बचा जा सके. बच्चे के दिल की कार्यप्रणाली में कुछ दिनों में ही काफी सुधार हुआ. यह प्रक्रिया सितंबर 2024 के पहले सप्ताह में की गई थी और यह पूरी तरह से सफल रही थी.
खतरे से बच्चा बाहर
5 नवंबर, 2024 को महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. डॉक्टरों ने यह पुष्टि की है कि बच्चे का दिल अब सामान्य बच्चे की तरह काम कर रहा है. डॉ. नागेश्वर राव ने कहा है कि यह दुनिया में पहली बार है कि गुब्बारे का उपयोग करके महाधमनी वाल्व को खोलने के लिए भ्रूण में इतना बड़ा छेद किया गया है. यह उन्नति भ्रूण हृदय देखभाल में एक नया मानक स्थापित करती है.
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