पटनाः बिहार के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान से बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने बांग्लादेश जाते हैं, लेकिन बांग्लादेश में बिगड़े हालात और हिंसा के दौर के बाद इन छात्रों को वापस अपने घर लौटना पड़ा है. ऐसे में अब छात्रों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर बांग्लादेश के हालात जल्द ही सामान्य नहीं हुए तो उनके भविष्य का क्या होगा ?
15 छात्र कर रहे हैं बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाईः जानकारी के मुताबिक फिलहाल बिहार के कुल 15 छात्र बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. जिनमें रक्सौल के 6 छात्र, पटना के 3 छात्र और मोतिहारी-समस्तीपुर के एक-एक छात्र भी शामिल हैं. बांग्लादेश के मौजूद हालात को देखते हुए सभी छात्र बिहार लौट आए हैं, हालांकि जिस मेडिकल कॉलेज में वो पढ़ाई कर रहे हैं उस कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रों को वापस बुलाया जा रहा है. लेकिन छात्रों को अभी भारतीय दूतावास की हरी झंडी का इंतजार है.
वापस लौटे नदीम और अशफाकः रक्सौल जिले के दो सगे भाई नदीम और अशफाक मेडिकल की पढ़ाई का सपना लेकर बांग्लादेश गए थे, लेकिन बांग्लादेश में हालात बेकाबू हुए तो दोनों वापस बिहार लौट आए. नदीम ने बताया कि मेरा कॉलेज ढाका से 120 किलोमीटर दूर किशोरगढ में है. हम लोगों को यह सूचना मिली कि ढाका में हंगामा हो रहा है. इस बीच हमारे एक रिश्तेदार ने जल्दी से जल्दी निकल जाने को कहा.
"जिसके बाद हमलोगों ने इंडियन एंबेसी से संपर्क साधा. वहां से हमलोगों को भरोसा मिला और निर्देश मिला कि आपलोग गाड़ी से निकलिए. इंडियन एंबेसी की तरह से पुख्ता इंतजाम किए गये थे और उनके सहयोग से हम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया."- नदीम, बांग्लादेश से वापस लौटा मेडिकल छात्र
'2022 में लिया था एडमिशनः' नदीम ने बताया कि हमलोगों ने 2022 में प्रेसिडेंट ऑफ अब्दुल हमीद मेडिकल कॉलेज में नामांकन लिया था. उस कॉलेज में भारत के 134 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और फिलहाल सभी वापस लौट चुके हैं. वैसे कॉलेज की ओर से हमें नोटिस दी गयी है कि पढ़ाई शुरू हो चुकी है, आप लोग क्लास ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन कोई छात्र वापस नहीं लौटा है और सभी हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं.
फोन पर बताई आपबीतीः बांग्लादेश से लौटे छात्र नदीम ने बांग्लादेश के हालात और वहां जारी हिंसा के दौर को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर पूरी बातचीत भी की. हालांकि उन्होंने अपनी तस्वीर साझा करने से मना कर दिया और कहा कि इससे वहां लौटने पर परेशानी हो सकती है.नदीम बताते हैं कि बांग्लादेश के स्थानीय छात्र भी अभी कॉलेज नहीं जा रहे हैं. उन्हें भी डर सता रहा है. हम लोग भी इंतजार कर रहे हैं कि हालात सामान्य होंगे और हमारा कोर्स भी वहां पूरा होगा.
" बांग्लादेश में फिलहाल स्थिति सामान्य नहीं है.अभी के हालात में शासन व्यवस्था किसी के हाथ में नहीं है. चारों तरफ अराजकता और अव्यवस्था का आलम है." नदीम, बांग्लादेश से वापस लौटा मेडिकल छात्र
बांग्लादेश में सस्ती है मेडिकल की पढ़ाईः दरअसल भारत के मुकाबले बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है. बिहार में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन से लेकर पढ़ाई पूरी होने तक जहां एक करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं वहीं बांग्लादेश में 25 लाख में ही पढ़ाई पूरी हो जाती है.
भारतीय छात्रों के लिए 25 फीसदी सीट रिजर्वः इसके अलावा बांग्लादेश में भारतीय छात्रों के लिए 25 फीसदी सीट रिजर्व होते हैं. यही कारण है कि भारत से हर साल करीब 500 छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए बांग्लादेश जाते हैं. इतना ही नहीं जो छात्र भारत में NEET पास होते हैं उन्हें बांग्लादेश में कोई अलग से एंट्रेंस टेस्ट नहीं देना पड़ता है.
फिलहाल करना होगा इंतजारः इसमें कोई शक नहीं कि बांग्लादेश से वापस लौटे मेडिकल छात्रों की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ रहा है, लेकिन ये भी पूरी तरह सच है कि बांग्लादेश के हालात अभी बेहद अनिश्चित और खतरनाक हैं. ऐसे में जब तक बांग्लादेश के हालात सामान्य नहीं होते और किसी सरकार का गठन नहीं होता तब तक छात्रों को इंतजार तो करना ही पड़ेगा.
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