नई दिल्ली:UPI पेमेंट भारत में डिजिटल लेनदेन के लिए एक आवश्यक टूल बन गया है, जो हर रोज लाखों यूजर्स को सेवा प्रदान करता है. यूपीआई की देखरेख करने वाली नेशनल पेमेंट कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की रिपोर्ट है कि देश भर में विभिन्न यूपीआई प्लेटफॉर्म पर अरबों डॉलर का किया जाता है. खास बात यह है कि यह ट्रांजैक्शन पूरी तरह सुक्षित होते हैं.
इतना ही नहीं जल्द ही, ये पेमेंट और भी अधिक सुरक्षित हो सकते हैं, क्योंकि एनपीसीआई NPCI सिस्टम में फेस आईडी या फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को इंटिग्रेट करने पर विचार कर रहा है. फिलहाल एनपीसीआई इसके लिए कंपनियों से बात कर रहा है.
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन मैथड को लागू करने पर चर्चा
हाल ही में आई रिपोर्ट्स से पता चलता है कि NPCI यूपीआई लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन मैथड को लागू करने के लिए कंपनियों के साथ चर्चा कर रहा है. यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से डिजिटल लेनदेन में एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) के लिए वैकल्पिक तरीकों का पता लगाने के लिए हाल ही में दिए गए प्रस्ताव के बाद उठाया गया है.
RBI ने दिया सुझाव
RBI ने सुझाव दिया है कि बढ़ी हुई सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक विकल्पों सहित पारंपरिक पिन और पासवर्ड से परे तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए. स्टार्टअप्स के साथ एनपीसीआई की मौजूदा बातचीत संभावित साझेदारी के वित्तीय और कानूनी पहलुओं पर केंद्रित है. शुरुआत में, पिन-बेस्ड और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन दोनों तरीके यूजर्स के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिससे लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध होंगे.