Cyber Fraud in Gwalior :जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी लोगों पर हावी होती जा रही है. वैसे-वैसे साइबर अपराधों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. कभी एटीएम फ्रॉड तो कभी स्पेशल स्कीम के नाम पर भोले भले ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे लोग तक जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं और अपने मेहनत की पूंजी इन साइबर ठगों के हवाले कर देते हैं. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में साइबर ठगी के शिकारों की फेहरिस्त छोटी नहीं है. हाल ही में इन ठगों ने लोगों को निशाना बनाने के लिए नया तारीक इजाद किया है. अब साइबर ठग बड़ी-बड़ी नामी कंपनियों के कस्टमर केयर के नंबर रिप्लेस कर लोगों को चूना लगा रहे हैं.
इंटरनेट पर ठगों ने रिप्लेस किया नंबर
जिस तरह इंटरनेट का उपयोग बढ़ा है. बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की सेवा और सुविधाओं के लिए कस्टमर केयर संपर्क यानी कस्टमर केयर टोल फ्री नंबर उपलब्ध कराती हैं लेकिन साइबर ठग अब इस बात का फायदा उठाने लगे हैं. वह बड़ी-बड़ी कंपनियों के टोल फ्री नंबर के बदले इंटरनेट पर अपने मोबाइल नंबर रिप्लेस कर रहे हैं और इन नंबरों पर संपर्क करने वाले लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं. ऐसी ही ठगी के शिकार ग्वालियर नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी हुए हैं.
ठगी का शिकार हुए निगम उपायुक्त
ग्वालियर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर डॉ प्रदीप श्रीवास्तव हाल ही में साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए. उन्होंने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच से की है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मासे मिली जानकारी के अनुसार "नगर निगम के उपायुक्त डॉ प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया है कि वह ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम का उपयोग करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अमेजन प्राइम का मोबाइल एप्लीकेशन अपने मोबाइल में डाउनलोड किया उसके सब्सक्रिप्शन का रिचार्ज किया लेकिन जब इसके बाद भी उनके मोबाइल पर अमेजन प्राइम की सेवाएं शुरू नहीं हुई तो उन्होंने कस्टमर केयर पर संपर्क करने के लिए गूगल पर कांटेक्ट नंबर खोजा था."
कस्टमर केयर को लगाया कॉल
अमेजन प्राइम के गूगल पर मिले कस्टमर केयर नंबर पर जब उन्होंने कॉल किया तो सामने से उन्हें बताया गया कि उनका रिचार्ज ठीक से नहीं हुआ है, इसके लिए उन्हें एक मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा जिसकी लिंक उसे कस्टमर केयर के नंबर पर बात कर रहे व्यक्ति ने उपलब्ध कराई और जैसे ही उस फ़ाइल को डॉक्टर प्रदीप श्रीवास्तव ने अपने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया तुरंत उनका मोबाइल हैक हो गया और कुछ देर बाद उन्हें बैंक का मैसेज आया जिससे पता चला कि खाते से 47000 उड़ चुके हैं.
ठगी के बाद साइबर पुलिस से की शिकायत
नगर निगम के उपायुक्त को 47000 का चूना लगने की बात समझते ही उन्होंने तुरंत इस संबंध में ग्वालियर साइबर क्राइम ऑफिस में जाकर शिकायत दर्ज कराई और अपने साथ हुई धोखाधड़ी की पूरी जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है. अब तक कि जानकारी में गूगल पर उपलब्ध अमेजन का कस्टमर केयर नंबर की जगह जामतारा के ठगों ने अपने फर्जी नंबर उपलब्ध करा रखे हैं. जिनके जरिये लोग उनके संपर्क में आ जाते हैं.
Apk फाइल डाऊनलोड कराकर हैक किया मोबाइल
हालांकि डॉक्टर प्रदीप श्रीवास्तव अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं है जिनके साथ यह साइबर फ्रॉड हुआ है. नगर निगम के ही कुछ और अन्य कर्मचारियों के साथ भी APK फाइल डाउनलोड करने के नाम पर ठगी हुई है पता चला है कि नगर निगम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक वीडियो के रूप में एपीके फाइल भेजी गई थी और जिन लोगों ने भी इस वीडियो को डाउनलोड करने का प्रयास किया उनके मोबाइल फोन हैक हो गए और वे लोग भी ठगी का शिकार बन गए. कई कर्मचारियों के खातों से पैसे कटे हैं लेकिन नगर निगम आयुक्त की जानकारी पहुंची है.