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अकबरनगर कॉलोनी में कार्रवाई जारी; 73 करोड़पति भूमाफिया की बसाई काॅलोनी ने हजारों गरीबों को ठगा, अब छूट रहा आशियाना - Akbarnagar in Lucknow

लखनऊ स्थित अकबरनगर की अवैध कॉलोनी में योगी सरकार (Akbarnagar in Lucknow) की कार्रवाई लगातार जारी है. आइये जानते हैं कि स्थानीय लोगों का इस कार्रवाई को लेकर क्या कहना है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 10:25 PM IST

अकबरनगर की अवैध कॉलोनी में कार्रवाई जारी (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

लखनऊ : अकबरनगर की अवैध कॉलोनी में योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. वर्ष 2012 से 17 के बीच कुकरैल नदी और बंधे के बीच बहुमंजिला इमारतें एवं बड़े-बड़े शोरूम खड़े कर दिये थे. इतना ही नहीं भूमाफिया ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध काॅलोनियां बसा दीं, जबकि इस क्षेत्र में रिहायशी एवं व्यावसायिक निर्माण नहीं हो सकता था. ऐसे में नदी को जिंदा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. कोर्ट ने भी अवैध निर्माण को लेकर योगी सरकार की कार्रवाई को सही माना है. इस कॉलोनी से 73 करोड़पति भूमाफिया की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई थी. कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिया है.

कोर्ट ने भी माना अकबरनगर में बसाई गई अवैध बस्ती :योगी सरकार ने कुकरैल नदी और बंधे के बीच बसाए गए अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई का नया चरण सोमवार से शुरू कर दिया है. बता दें कि सफेदपोश व भूमाफिया की शह और सांठगांठ से बहुमंजिला इमारतें, घर और शोरूम बना दिये गए. आज इन पर करोड़पतियों का कब्जा है. सपा सरकार में कुकरैल नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया. योगी सरकार ने दिसंबर 2023 में कुकरैल नदी और बंधे के मध्य में बसाए गए अकबरनगर में बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई शुरू की. इस दौरान भूमाफिया के इशारे पर अतिक्रमणकारियों ने खूब विरोध किया. इसके बाद भी योगी सरकार अपने फैसले पर अडिग रही और कार्रवाई जारी रही.

मालूम हो कि योगी सरकार ने नवंबर 2023 में कुकरैल नदी और बंधे के मध्य बसे अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के 1068 अवैध आवासीय और 101 व्यावसायिक निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. सपा सरकार में भूमाफिया के हौसले इस कदर बुलंद थे कि इन्होंने शहर के भोले-भाले और गरीबों को भी ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ा. इन्होंने अवैध बस्ती बसाकर गरीबों की गाढ़ी कमाई लूट ली. स्थानीय निवासी अंसार ने बताया कि उन्होंने यहां जमीन खरीद कर अपना मकान बनाया था. उनकी कोई गलती नहीं है. सुलेमान ने बताया कि बसंत कुंज में जो आवास दिया गया है, उसमें ₹5000 प्रति माह देने होंगे. हमारे लिए यह बहुत बड़ी राशि है. सुलेमान ने बताया कि एक छोटे से कमरे में हमारा पूरा परिवार कैसे रहेगा यह बहुत बड़ा सवाल है, भू माफिया ने हमको लूट लिया है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि यहां रहने वाले लोगों को बसंत कुंज में प्रधानमंत्री आवास दिए जा रहे हैं. 73 करोड़पति इस कॉलोनी में सामने आए थे. इन्हीं लोगों के रसूख के दम पर यह पूरी अवैध बस्ती बस गई थी.

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