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ज्ञानवापी में पूजा: व्यास जी के तहखाने में 11 किलो का पीतल का घंटा लगेगा, मांगी गयी अनुमति - 11 kg brass bell

ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा होने लगी है. यहां 11 किलो का पीतल का घंटा लगेगा. सोमवार को इसके लिए अधिकारी से अनुमति मांगी गयी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 4:25 PM IST

जानकारी देते महेश कुमार रस्तोगी

वाराणसी:ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ की शुरुआत हो गई है और यहां पर कर अलग-अलग प्रहर की आरती भी की जा रही है. इन सब के बीच यहां होने वाली आरती में घंटे की ध्वनि और भी तेज करने के लिए आज एक 11 किलो के पीतल के घंटे को यहां लगाए जाने की अनुमति का पत्र वाराणसी के अधिकारियों को सौंपा गया है. जिला न्यायालय के आदेश के बाद जिला अधिकारी को इस तहखाना का रिसीवर बनाया गया है और जिलाधिकारी ने एडीएम प्रोटोकॉल को यहां के रिसीवर के तौर पर चाबियां लेने के लिए नियुक्त किया.

इसके बाद घंटा देने वाले लोगों ने एटीएम प्रोटोकॉल को लेटर देकर आरती का पीतल पत्र और 11 किलो का घंटा यहां लगाए जाने की अनुमति मांगी है. दरअसल वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित तहखाना में पूजा पाठ की शुरुआत के बाद यहां पर दर्शन पूजन का क्रम लगातार जारी है. दूर दराज से लोग यहां बाहर से दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं और स्थानीय लोग भी यहां पर पूजा पाठ शुरू होने के बाद बेहद खुश हैं. इस क्रम में वाराणसी के दो व्यापारियों ने अपनी तरफ से यहां पर पीतल का घंटा पीतल की पूजा करने के लिए घंटी एक आरती और घट घड़ियाल अपनी तरफ से भेंट देने की इच्छा जाहिर करते हुए जिलाधिकारी वाराणसी को यह सारी चीज भेंट की हैं.

यह सामग्री देने वाले महेश कुमार रस्तोगी और संचय कुमार रस्तोगी का कहना कि हम बाबा को भेंट नहीं दे सकते हमारी इतनी हैसियत नहीं. बस हम अपनी तरफ से कुछ सामग्री हैं जो वहां पर लगवाना चाहते हैं और पूजा पाठ में इस्तेमाल करने के लिए देना चाहते हैं, क्योंकि यह सारी सामग्री जिला अधिकारी वाराणसी के सुपुर्दि वहां भेजी जा सकती है, क्योंकि वह तहखाना के रिसीवर हैं इसलिए हमने यह सारी सामग्री उनके जरिए एडीएम प्रोटोकॉल को पहुंचाने की तैयारी की है और उन्हें एक लेटर भी दिया है.

इसमें हमने वहां यह सारी चीज देने की अनुमति मांगी है यह सारी चीज तैयार होकर आ चुकी हैं और अनुमति मिलने के बाद इन सारी चीजों को वहां पर पहुंचा दिया जाएगा. वहीं इस बारे में अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि न्यायालय की तरफ से आदेश के बाद उसे तहखाना के रिसीवर जिला अधिकारी नियुक्त है इसलिए जिला अधिकारी को यह सारी चीज हमारी तरफ से दी जा रही हैं.

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