भीलवाड़ा.प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य जनता को तंबाकू के उपयोग के खतरों की जानकारी देने के साथ ही स्वस्थ्य जीवन जीने और भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए जागरूक करना है. देश भर में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन कर आमजन को तंबाकू सेवन से दूर रहने को लेकर जागरूक किया जाता है. वर्तमान में युवा पीढ़ी तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और गुटखे की आदी होती जा रही है. सरकार ने भले ही सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू बेचना निषेध कर रखा है, लेकिन सार्वजनिक स्थल के आस-पास भी धड़ल्ले से इनकी बिक्री हो रही है.
बचाव ही उपचार है :तंबाकू में निकोटीन की मात्रा होती है, जिससे मानव स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है. इससे कैंसर होने की भी ज्यादा संभावना रहती है. ऐसे में भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर अरुणा पंचारिया ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि युवा वर्ग नशे से दूर रहें. भीलवाड़ा में प्रतिदिन दो कैंसर के मरीजों की पुष्टि हो रही है, जो भविष्य के लिए संकट है. ऐसे में बचाव ही उपचार है.
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निकोटिन से लगती है लत :डॉक्टर अरुणा पंचारिया ने बताया कि तंबाकू के अंदर 7000 प्रकार के रसायन होते हैं. इसमें निकोटिन की मात्रा होती है. निकोटीन में तार, बेंजीन, अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड, कैल्शियम सहित 60 तत्व ऐसे हैं जो कार्सिनो सैनिक हैं. यह साबित हो चुका हैं कि यह तत्व कैंसर पैदा करने की क्षमता रखते हैं. तंबाकू का सेवन भी अलग-अलग प्रकार से किया जाता है. बीड़ी, सिगरेट और गुटखे में निकोटिन तत्व प्रमुख है. यह सेवन कर्ता पर एडिटिव की तरह काम करता है, जिससे उसे लत लग जाती है.