दुर्ग : महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य और केन्द्र सरकार कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है.इन्हीं योजनाओं में से एक है लखपति दीदी योजना.जिसमें महिलाओं को वित्तीय सहायता देकर उन्हें आर्थिक तौर पर सशक्त बनाया जा रहा है. दुर्ग जिले में भी कई महिलाएं इन योजनाओं के सहारे अपने पैरों पर खड़ी हुईं हैं.ग्राम पंचायत नगपुरा में ऐसी ही लखपति दीदी सरस्वती सिन्हा रहती हैं.जिन्हें हाल ही में लखपति दीदी महिला सम्मान समारोह में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
ग्रामीण महिलाओं की बदली जिंदगी :सरस्वती सिन्हा के मुताबिक वो पहले गृहिणी थी. घर के कामों में ही व्यस्त रहती थी. लेकिन जय मां लक्ष्मी सेवा स्व सहायता समूह से जुड़कर सिलाई कार्य में स्वयं प्रशिक्षित होकर अन्य महिलाओं को भी प्रशिक्षित कर रही हैं. इस समूह में कुल 10 सदस्य हैं. जिसकी अध्यक्ष स्वयं सरस्वती सिन्हा है. समूह के अन्य सदस्य भी गृहिणी है.जो मुख्य रूप से घरेलू कामों और मजदूरी का काम करती हैं.लेकिन आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरस्वती को देखकर दूसरी महिलाओं ने भी खुद पैरों पर खड़ा होने की ठानी.
सिलाई के साथ ब्यूटी पार्लर का काम : सरस्वती सिन्हा के दृ़ढ़ निश्चय का ही फल है कि वो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर ब्यूटी पार्लर और सिलाई का काम अच्छी तरह से सीख चुकी हैं. जिला प्रशासन और जनपद पंचायत के सहयोग सरस्वती को सिलाई का टेंडर मिलने लगा है. सरस्वती दीदी वर्तमान में ब्यूटीपार्लर का काम करके अच्छी आय कमा रही है. उनके साथ ही समूह की अन्य महिलाएं भी लाभान्वित हो रही हैं.
लखपति दीदी विहान योजना ने बनाया आत्मनिर्भर -मां लक्ष्मी सेवा समूह अध्ययक्ष सरस्वती सिन्हा ने बताया कि वो लखपति दीदी बिहान योजना से जुड़ी हुईं हैं. समूह की सभी महिलाएं मिलकर हम यहां पर सिलाई का काम करते हैं. जिसमें हम ब्लाउज, पेटीकोट, सलवार कुर्ती, लाचा, लोवर, टी-शर्ट, शर्ट, पैंट, लेडिस-जेंट्स, बैग में सफर बैग, स्कूल बैग का निर्माण करते हैं. इसके ही साथ यहां पर ब्यूटी पार्लर का काम भी किया जाता है.