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छत्तीसगढ़ में डायरेक्ट मेथड से होगा महापौर का चुनाव, साय कैबिनेट का बड़ा फैसला - SAI CABINET BIG DECISION

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट ने निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इस रिपोर्ट में जानिए पूरी जानकारी

SAI CABINET BIG DECISION
छत्तीसगढ़ में प्रत्यक्ष रीति से होगा महापौर चुनाव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 2, 2024, 8:01 PM IST

Updated : Dec 2, 2024, 10:38 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट ने नगरीय निकाय और नगर निगम चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है. महानदी भवन में हुए मंत्रिपरिषद की बैठक में साय सरकार ने राज्य के नगर निगम में महापौर के डायरेक्ट चुनाव पर मुहर लगाई है. अब यह चुनाव प्रत्यक्ष रीति से कराए जाएंगे. नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव भी अब प्रत्यक्ष रीति से कराया जाएगा.

अध्यादेश लाएगी सरकार: नगर निगम के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने को लेकर सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश 2024 लाया जाएगा. इसके अलावा छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 लाया जाएगा. इसमें प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े संशोधन के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप को मंजूरी दी गई है.

डिप्टी सीएम अरुण साव की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV BHARAT)

बघेल सरकार ने बदला था नियम: छत्तीसगढ़ में पहले नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका में अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता था. साल 2019 में भूपेश बघेल की सरकार ने इस फैसले को पलट दिया था. नगर निगमों के महापौर और नगर पालिका में अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का फैसला लिया था. इससे संबंधित अधिसूचना बघेल सरकार ने राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को उल्लेखित की थी. राज्य में 189 शहरी निकाय हैं, जिनमें 14 नगर निगम, 52 नगर परिषद और 123 नगर पंचायतें शामिल हैं.

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर फैसला: साय सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी फैसला किया है. यह त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण से जुड़ा फैसला है. स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तय की गई है. इस आरक्षण के प्रावधान की OBC कल्याण आयोग के प्रतिवेदन की अनुशंसा के तहत की गई है.

साय कैबिनेट के अन्य फैसले: इन दो फैसलों के अलावा साय कैबिनेट में कई अहम फैसले हुए हैं. जो इस प्रकार हैं.

पीडीएस में चना वितरण पर फैसले से जुड़ी नीति: पीडीएस के तहत हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपलब्ध कराने पर फैसला हुआ है. NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाएंगे. अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना बांटा जाता है. इससे हितग्राहियों को फायदा होगा.

पर्यटन को उद्योग का दर्जा: साय कैबिनेट की मीटिंग में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का फैसला हुआ है. जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत जो साल 2024 से साल 2030 तक लागू रहेगी. इसमें पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर को भी शामिल किया गया है. इस फैसले से साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म और एग्रो टूरिज्म का विस्तार होगा. इसके साथ ही पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन का विकास होने से राज्य में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

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अध्यादेश लाएगी सरकार: नगर निगम के महापौर और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने को लेकर सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश 2024 लाया जाएगा. इसके अलावा छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 लाया जाएगा. इसमें प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े संशोधन के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप को मंजूरी दी गई है.

डिप्टी सीएम अरुण साव की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV BHARAT)

बघेल सरकार ने बदला था नियम: छत्तीसगढ़ में पहले नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका में अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता था. साल 2019 में भूपेश बघेल की सरकार ने इस फैसले को पलट दिया था. नगर निगमों के महापौर और नगर पालिका में अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का फैसला लिया था. इससे संबंधित अधिसूचना बघेल सरकार ने राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को उल्लेखित की थी. राज्य में 189 शहरी निकाय हैं, जिनमें 14 नगर निगम, 52 नगर परिषद और 123 नगर पंचायतें शामिल हैं.

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर फैसला: साय सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी फैसला किया है. यह त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण से जुड़ा फैसला है. स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तय की गई है. इस आरक्षण के प्रावधान की OBC कल्याण आयोग के प्रतिवेदन की अनुशंसा के तहत की गई है.

साय कैबिनेट के अन्य फैसले: इन दो फैसलों के अलावा साय कैबिनेट में कई अहम फैसले हुए हैं. जो इस प्रकार हैं.

पीडीएस में चना वितरण पर फैसले से जुड़ी नीति: पीडीएस के तहत हितग्राहियों को वितरण हेतु नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपलब्ध कराने पर फैसला हुआ है. NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाएंगे. अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रूपए किलो की दर से 2 किलो चना बांटा जाता है. इससे हितग्राहियों को फायदा होगा.

पर्यटन को उद्योग का दर्जा: साय कैबिनेट की मीटिंग में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का फैसला हुआ है. जिससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत जो साल 2024 से साल 2030 तक लागू रहेगी. इसमें पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर को भी शामिल किया गया है. इस फैसले से साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म और एग्रो टूरिज्म का विस्तार होगा. इसके साथ ही पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन का विकास होने से राज्य में बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

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Last Updated : Dec 2, 2024, 10:38 PM IST
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