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राजा माड़ा की धरोहर में साधु और भालू के बीच अनोखी मित्रता, जानिए ऐतिहासिक और धार्मिक गाथा - MANENDRAGARH CHIRMIRI BHARATPUR

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में एक साधु बाबा हैं, जिनके परिवार में एक दो नहीं बल्कि 7 भालू रहते हैं.

MANENDRAGARH CHIRMIRI BHARATPUR
साधु और भालुओं की दोस्ती (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 9, 2024, 6:26 AM IST

Updated : Nov 9, 2024, 9:14 AM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भरतपुर में अब एक साधु सीताराम और भालुओं के बीच अनोखी दोस्ती की चर्चा दूर दूर तक है. साधु सीताराम साल 2013 में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से भरतपुर पहुंचे. यहां उनकी दोस्ती एक भालू से हो गई. साधु सीताराम के मुताबिक, भालू का नाम उन्होंने "राम" रखा. धीरे धीरे भालू का परिवार बढ़ता गया. आज इस परिवार में 7 भालू हैं. भालुओं का ये परिवार हर रोज साधु सीताराम के पास आता है. साधु भी भालुओं को खाना खिलाकर और दुलार कर वापस भेजते हैं.

साधु सीताराम ने भालुओं का किया नामकरण: साधु ने भालुओं के परिवार के सदस्यों का हिंदू रीति-रिवाज से नामकरण किया है. जिसमें उन्हें लल्ली, मुन्नू, चुन्नू, गल्लू, सोनू, मोनू, और सत्तानंद नाम दिए गए हैं. साधू सीताराम बताते हैं कि भालू कुटिया में आने वाले भक्तों को कोई हानि नहीं पहुंचाते.

मनेंद्रगढ़ में साधु और भालुओं की दोस्ती (ETV Bharat Chhattisgarh)

जामवंत यहां आते हैं, खाना खाते हैं ,पानी पीते हैं और फिर चले जाते हैं-गेंद लाल, सेवादार

राजा माड़ा की गुफा: सभी भालू एक गुफा में रहते हैं. इस गुफा का नाम राजा माड़ा है. इस गुफा की लंबाई 200 मीटर है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गुफा में चार कमरे हैं. यह गुफा कभी भरतपुर के राजा का विश्राम स्थल हुआ करती थी. युद्ध के दौरान या कभी सुरक्षित स्थान के रूप में इस गुफा का उपयोग राजा करते थे. अब इसी गुफा में ये भालू भी रहते हैं.

caves of Bharatpur
राजा माड़ा गुफा में रहते हैं भालू (ETV Bharat Chhattisgarh)

राजा ने अपने रहने के लिए ये गुफा बनाई थी. उस समय राजा रैन बसैरा यहीं करते थे. गुफा 200 मीटर लंबी है. गुफा के अंदर हथियार भी है : गणेश तिवारी, ग्रामीण

भालुओं के साथ बाबा का अनोखा प्रेम: भरतपुर में साधु सीताराम की भालुओं से मित्रता लोगों को आश्चर्यचकित भी करती है. यह धार्मिक आस्था का प्रतीक भी बन चुकी है. साधु बताते हैं कि उनका दुनिया में कोई नहीं है. परिवार में कोई नहीं है. जंगल में उन्होंने जीवन बिताया, जिससे अब भालुओं से उनकी दोस्ती हो गई और अब उनका यही परिवार है.

caves of Bharatpur
सीताराम बाबा की भालुओं से है दोस्ती (ETV Bharat Chhattisgarh)

भालुओं को देखने शहडोल, सीधी और आसपास के लोग आते हैं. राजामाड़ा के साधु की काफी लोकप्रियता है: संतोष कुमार यादव, ग्रामीण

साधु और भालुओं की दोस्ती देखने दूर दूर से आते हैं लोग: यहां के लोगों के अनुसार राजामाड़ा के साथ ही भालू और साधु की मित्रता ने लोगों के बीच एक नई आस्था को जन्म दिया है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित दूर दूर से लोग इस अद्भुत मित्रता को देखने आते हैं.

caves of Bharatpur
भरतपुर की गुफाओं में स्थित राजा माड़ा की धरोहर (ETV Bharat Chhattisgarh)
रहस्यमयी बाघमाड़ा गुफा, रह सकते हैं 2 हजार से ज्यादा लोग, कई साल से तपस्या कर रहे ये बाबा
मुरैलगढ़ पहाड़ पर छिपा है सबसे बड़ा खजाना, रहस्य और रोमांच का यहां बेजोड़ मेल
''प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाना अगर सीखना है तो आदिवासियों से सीखिए'': द्रौपदी मुर्मू

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भरतपुर में अब एक साधु सीताराम और भालुओं के बीच अनोखी दोस्ती की चर्चा दूर दूर तक है. साधु सीताराम साल 2013 में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से भरतपुर पहुंचे. यहां उनकी दोस्ती एक भालू से हो गई. साधु सीताराम के मुताबिक, भालू का नाम उन्होंने "राम" रखा. धीरे धीरे भालू का परिवार बढ़ता गया. आज इस परिवार में 7 भालू हैं. भालुओं का ये परिवार हर रोज साधु सीताराम के पास आता है. साधु भी भालुओं को खाना खिलाकर और दुलार कर वापस भेजते हैं.

साधु सीताराम ने भालुओं का किया नामकरण: साधु ने भालुओं के परिवार के सदस्यों का हिंदू रीति-रिवाज से नामकरण किया है. जिसमें उन्हें लल्ली, मुन्नू, चुन्नू, गल्लू, सोनू, मोनू, और सत्तानंद नाम दिए गए हैं. साधू सीताराम बताते हैं कि भालू कुटिया में आने वाले भक्तों को कोई हानि नहीं पहुंचाते.

मनेंद्रगढ़ में साधु और भालुओं की दोस्ती (ETV Bharat Chhattisgarh)

जामवंत यहां आते हैं, खाना खाते हैं ,पानी पीते हैं और फिर चले जाते हैं-गेंद लाल, सेवादार

राजा माड़ा की गुफा: सभी भालू एक गुफा में रहते हैं. इस गुफा का नाम राजा माड़ा है. इस गुफा की लंबाई 200 मीटर है. ग्रामीणों का कहना है कि इस गुफा में चार कमरे हैं. यह गुफा कभी भरतपुर के राजा का विश्राम स्थल हुआ करती थी. युद्ध के दौरान या कभी सुरक्षित स्थान के रूप में इस गुफा का उपयोग राजा करते थे. अब इसी गुफा में ये भालू भी रहते हैं.

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राजा माड़ा गुफा में रहते हैं भालू (ETV Bharat Chhattisgarh)

राजा ने अपने रहने के लिए ये गुफा बनाई थी. उस समय राजा रैन बसैरा यहीं करते थे. गुफा 200 मीटर लंबी है. गुफा के अंदर हथियार भी है : गणेश तिवारी, ग्रामीण

भालुओं के साथ बाबा का अनोखा प्रेम: भरतपुर में साधु सीताराम की भालुओं से मित्रता लोगों को आश्चर्यचकित भी करती है. यह धार्मिक आस्था का प्रतीक भी बन चुकी है. साधु बताते हैं कि उनका दुनिया में कोई नहीं है. परिवार में कोई नहीं है. जंगल में उन्होंने जीवन बिताया, जिससे अब भालुओं से उनकी दोस्ती हो गई और अब उनका यही परिवार है.

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सीताराम बाबा की भालुओं से है दोस्ती (ETV Bharat Chhattisgarh)

भालुओं को देखने शहडोल, सीधी और आसपास के लोग आते हैं. राजामाड़ा के साधु की काफी लोकप्रियता है: संतोष कुमार यादव, ग्रामीण

साधु और भालुओं की दोस्ती देखने दूर दूर से आते हैं लोग: यहां के लोगों के अनुसार राजामाड़ा के साथ ही भालू और साधु की मित्रता ने लोगों के बीच एक नई आस्था को जन्म दिया है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित दूर दूर से लोग इस अद्भुत मित्रता को देखने आते हैं.

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भरतपुर की गुफाओं में स्थित राजा माड़ा की धरोहर (ETV Bharat Chhattisgarh)
रहस्यमयी बाघमाड़ा गुफा, रह सकते हैं 2 हजार से ज्यादा लोग, कई साल से तपस्या कर रहे ये बाबा
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Last Updated : Nov 9, 2024, 9:14 AM IST
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