बगहा:कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार में खूंखार भेड़िये ने आतंक मचा रखा था. अब इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकीनगर के एक घर में वुल्फ स्नेक (भेड़िया)निकलने से हड़कंप मच गया, लेकिन जैसे हीं वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने इस सांप की खासियत बताई तब लोगों ने चैन की सांस ली. वहीं दूसरी ओर कोतराहा के रामपुरवा पंचायत में अल्ताफ अंसारी के घर से विशाल अजगर निकला.
बगहा में निकला वुल्फ स्नेक:नागलोक के नाम से मशहूर वाल्मिकीनगर में आए दिन सांप निकल रहे हैं. जहां संध्या छठ अर्घ्य के दिन एक घर से बर्मीज पायथन का रेस्क्यू किया गया. वहीं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर लौटने के बाद एक वुल्फ स्नेक निकलने से घर के लोग दहशत में आ गए. इनमें सफेद पट्टियों वाला वाइट बैंडेड वुल्फ स्नेक या भेड़िया सर्प भी शामिल है, जो अपने शिकार की तलाश में केवल रात में ही बाहर निकलता है पर शुक्रवार को वह दिन में ही घूमता मिला. हालांकि लोगों ने वन विभाग को सूचना दिया. जिसके बाद WTI के मुकेश कुमार ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया.
रात में शिकार के लिए निकलता है वुल्फ स्नेक:वुल्फ स्नेक के शरीर की संरचना इसे छोटे-छोटे छेदों और दरारों में घुसने में मदद करती है.बताया जाता है कि यह सांप किसानों के लिए एक वरदान की तरह है. यह चूहों और अन्य छोटे जीवों का शिकार करके उनकी संख्या को नियंत्रित करता है. जिससे किसानों के फसल को नष्ट करने वाले चूहे और छोटे जीव जंतु इससे कोसों दूर रहता है. वुल्फ स्नेक के शरीर की संरचना इसे छोटे-छोटे छेदों और दरारों में घुसने में मदद करती है.
भेड़िया की तरह करता है शिकार: भले ही ये सांप विषहीन होते है और इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होते, लेकिन इन्हें परेशान किया जाए, तो यह अपने नुकीले दांतों से काट सकते हैं जो थोड़े समय के लिए दर्द दे सकता है. इसका आकार छोटा होता है, लेकिन इसकी आंखें तेज होती हैं और यह काफी फुर्तीला होता है. भेड़िया की तरह ही यह एक कुशल शिकारी होते हैं.
वुल्फ स्नेक के होते हैं 50 दांत:सर्प विशेषज्ञ ने बताया कि वुल्फ स्नेक जहरीला नहीं होता हैं, इसके आरीनुमा 50 दांत होते हैं. इसके दांत इसे शिकार को पकड़ने में मदद करते हैं. दांतों की वजह से शिकार को बचना मुश्किल होता है. वुल्फ स्नेक चूहा, मेढक और छिपकली का शिकार करता है.
"इस सांप के दांत की विशेषता के कारण ही इसको ‘वुल्फ स्नेक’ यानी ‘भेड़िया सांप’ कहा जाता है. इसके दांत इसके नाम की तरह ही अलग पहचान बनाते हैं."- वीडी सिन्हा, वन्य जीव जंतुओं के एक्सपर्ट