पटना:आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी 18 दिसंबर 2022 को बिहार के डीजीपी बने थे. डीजीपी के तौर पर राजविंदर सिंह भट्टी का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 तक का था. राजविंदर सिंह भट्टी के समक्ष बिहार को अपराध मुक्त करने की चुनौती थी. लेकिन, डीजीपी के कार्यकाल को 2 साल भी नहीं बीते कि बिहार में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई. वर्तमान डीजीपी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए बिहार सरकार से अनुमति मांगी और बिहार सरकार ने अनुमति देने में देरी नहीं की.
नए डीजीपी की तलाश शुरूः सूची में सबसे ऊपर डीजी विनय कुमार का नाम है. विनय कुमार इमानदार ऑफिसर में गिने जाते हैं. विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात हैं. इमानदार छवि के अधिकारी होने के चलते विनय कुमार सबसे आगे चल रहे हैं. इसके अलावा 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर भी कतार में हैं. शोभा अहोतकर फिलहाल होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी हैं.
इनके नाम पर भी चर्चाः तीसरा नाम आईपीएस ऑफिसर आलोक राज का है. आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. फिलहाल विजिलेंस ब्यूरो के डीजी हैं. आलोक राज भी डीजीपी बनने की कतार में हैं. मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारियों में शुमार हैं. एडीजी स्तर के एक और अधिकारी डीजीपी बनने की दौड़ में हैं, लेकिन वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में है. वहीं, आर्थिक अपराधी इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी बिहार सरकार ने दे दी है. केंद्र से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. ऐसे में उनकी जगह किसी दूसरे अधिकारी को आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी की जिम्मेदारी दी जाएगी.