ETV Bharat / state

सिर, पैर और हाथ काटकर डबल मर्डर के 19 आरोपियों को आजीवन कारावास, 27 साल बाद मिला इंसाफ - DOUBLE MURDER CASE

रोहतास में 27 साल पुराने डबल मर्डर मामले में 19 अभियुक्तों को दोषी करार देकर आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई-

19 अभियुक्तों को आजीवन कारावास
19 अभियुक्तों को आजीवन कारावास (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 5, 2025, 9:33 PM IST

सासाराम : बिहार के रोहतास में डबल मर्डर के 27 साल पुराने मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे-4 की अदालत ने 19 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके बाद सिविल कोर्ट सासाराम में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई.

27 साल पुराना डबल मर्डर : यह मामला 12 अक्टूबर 1997 को बड्डी थाना क्षेत्र के आलमपुर में दो लोगों की हत्या से जुड़ा है. कोर्ट ने इस मामले में 19 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस पूरे मामले में 27 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, जिनमें से तीन नाबालिग थे. वहीं, लंबी कानूनी प्रक्रिया और मुकदमा चलने की वजह से कुछ अभियुक्तों का निधन भी हो चुका था. इस 28 साल पुराने मामले में अब जाकर न्यायालय ने सजा सुनाई है.

19 अभियुक्तों को आजीवन कारावस की सजा
19 अभियुक्तों को आजीवन कारावस की सजा (ETV Bharat)

19 अभियुक्तों को आजीवन कारावास : 19 दोषियों में प्रमुख अभियुक्तों में उमाशंकर महतो, बलि महतो, संतन महतो, रमेंद्र महतो, अर्जुन महतो, हीरा राम महतो, दशरथ महतो, रामचंद्र महतो, अशोक महतो, गुपूत महतो, रामनाथ महतो, अरुण महतो, रामाशीष महतो, उमेश महतो, सुनील महतो, राजेश्वर महतो, प्रेमचंद महतो, परमानन्द शर्मा, और विश्वनाथ महतो शामिल हैं. सभी अभियुक्त ग्राम आलमपुर, थाना शिवसागर, जिला रोहतास के निवासी हैं.

डबल मर्डर से दहला था रोहतास : यह घटना 22 अक्टूबर 1997 को हुई थी. सूचक संजय माली, जो कि इस मामले के प्रत्यक्षदर्शी थे, ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि पूर्व की दुश्मनी के कारण सभी अभियुक्तों ने एक राय होकर घटना के दिन सुबह 6 बजे सूचक के चाचा के घर पर आकर उन्हें गोली मार दी थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. साथ ही, जो भी व्यक्ति उन्हें बचाने आया, उस पर भी जानलेवा हमला किया गया. मृतक का सिर, पैर और हाथ काटकर नहर में फेंक दिया गया था.

कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया : इस मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही न्यायालय में दर्ज की गई थी. 27 साल पुराने इस मामले में अनुसंधान के दौरान कुल चार आईओ ने कार्य किया, लेकिन कोर्ट के बुलाने के बावजूद वे गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं हुए. कोर्ट ने सभी अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. साथ ही, कोर्ट ने अर्थदंड की राशि पीड़ित के परिवार को देने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें-

सासाराम : बिहार के रोहतास में डबल मर्डर के 27 साल पुराने मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे-4 की अदालत ने 19 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके बाद सिविल कोर्ट सासाराम में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई.

27 साल पुराना डबल मर्डर : यह मामला 12 अक्टूबर 1997 को बड्डी थाना क्षेत्र के आलमपुर में दो लोगों की हत्या से जुड़ा है. कोर्ट ने इस मामले में 19 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस पूरे मामले में 27 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, जिनमें से तीन नाबालिग थे. वहीं, लंबी कानूनी प्रक्रिया और मुकदमा चलने की वजह से कुछ अभियुक्तों का निधन भी हो चुका था. इस 28 साल पुराने मामले में अब जाकर न्यायालय ने सजा सुनाई है.

19 अभियुक्तों को आजीवन कारावस की सजा
19 अभियुक्तों को आजीवन कारावस की सजा (ETV Bharat)

19 अभियुक्तों को आजीवन कारावास : 19 दोषियों में प्रमुख अभियुक्तों में उमाशंकर महतो, बलि महतो, संतन महतो, रमेंद्र महतो, अर्जुन महतो, हीरा राम महतो, दशरथ महतो, रामचंद्र महतो, अशोक महतो, गुपूत महतो, रामनाथ महतो, अरुण महतो, रामाशीष महतो, उमेश महतो, सुनील महतो, राजेश्वर महतो, प्रेमचंद महतो, परमानन्द शर्मा, और विश्वनाथ महतो शामिल हैं. सभी अभियुक्त ग्राम आलमपुर, थाना शिवसागर, जिला रोहतास के निवासी हैं.

डबल मर्डर से दहला था रोहतास : यह घटना 22 अक्टूबर 1997 को हुई थी. सूचक संजय माली, जो कि इस मामले के प्रत्यक्षदर्शी थे, ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि पूर्व की दुश्मनी के कारण सभी अभियुक्तों ने एक राय होकर घटना के दिन सुबह 6 बजे सूचक के चाचा के घर पर आकर उन्हें गोली मार दी थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. साथ ही, जो भी व्यक्ति उन्हें बचाने आया, उस पर भी जानलेवा हमला किया गया. मृतक का सिर, पैर और हाथ काटकर नहर में फेंक दिया गया था.

कोर्ट ने अर्थदंड भी लगाया : इस मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही न्यायालय में दर्ज की गई थी. 27 साल पुराने इस मामले में अनुसंधान के दौरान कुल चार आईओ ने कार्य किया, लेकिन कोर्ट के बुलाने के बावजूद वे गवाही देने के लिए उपस्थित नहीं हुए. कोर्ट ने सभी अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा. साथ ही, कोर्ट ने अर्थदंड की राशि पीड़ित के परिवार को देने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.