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कोरिया में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन बंद, मौसम की नहीं मिल सकेगी जानकारी - weather station - WEATHER STATION

Weather Station Closed In Korea कोरिया में बने ऑटोमैटिक मौसम केंद्र को बंद कर दिया गया है. जिले के किसानों को अब मौसम से जुड़ी कोई भी जानकारी रायपुर कृषि विश्वविद्यालय से मिल सकेगी. Weather Update Chhattisgarh

WEATHER STATION CLOSED IN KOREA
कोरिया मौसम केंद्र बंद

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 9, 2024, 7:22 AM IST

कोरिया:भारत मौसम विज्ञान और ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के तहत कोरिया कृषि विज्ञान केंद्र सलका में खुले स्वचालित मौसम वेधशाला (ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन) को बंद कर दिया गया है. ढाई साल पहले इसे शुरू किया गया था. जिले में मौसम केंद्र बंद होने से स्थानीय स्तर पर मौसम को लेकर कोई अलर्ट या जानकारी नहीं मिल सकेगी. अब जिले के किसानों को रायपुर से मिलने वाली मौसम की जानकारी पर निर्भर रहना पड़ेगा.

जिले का पहला स्वचलित मौसम केंद्र: साल 2017-18 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर और भारत मौसम विज्ञान पुणे के तत्वावधान में कोरिया में कृषि मौसम केंद्र की स्थापना की गई. जिसे साल 2021 मई में शुरू किया गया. इस केंद्र में वर्षामापी, अधिकतम एवं न्यूनतम तापमापी, हवा की दिशा एवं गति मापक यंत्र, वाष्पीकरण, सूर्य प्रकाश अवधि, आर्द्रता मापी एवं भूमि तापमापी मौसम उपकरण लगाए गए. इन उपकरणों के जरिए हर रोज सुबह 7 बजे और दोपहर 2 बजे आंकड़े जारी किए जाते थे.

सेंसर आधारित मौसम के प्रत्येक तत्वों की घटित होने की जानकारी हर 30 मिनट पर मिलती थी. इसके अलावा खास बात ये है कि सौर ऊर्चा से इन उपकरणों को चलाया जाता था. ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन सेटेलाइट से जुड़े होने से मौसम केंद्र मुख्यालय पुणे को डाटा निरंतर भेजा करता था.

कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित मौसम वैधशाला को बंद कर दिया गया है. जिससे जिलास्तर पर मौसम से संबंधित जानकारी नहीं बता पाएंगे. मौसम से जुड़ी कोई भी जानकारी के लिए रायपुर कृषि यूनिवर्सिटी से संपर्क करना होगा. -पीआर बोबड़े, मौसम वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया

कोरिया के किसानों को मौसम विभाग से ऐसे मिलता था लाभ:जिले के अलग-अलग ग्राम पंचायत और तहसील स्तर के किसानों को सोशल मीडिया के जरिए मौसम से जुड़ी जानकारी दी जाती थी. इसके अलावा किसानों के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर हफ्ते में दो बार मंगलवार और शुक्रवार को टैक्स्ट मेसेज भेजा जाता था. इसके अलावा बुलेटिन के जरिए भी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को मौसम के बारे में बताते. इससे किसान मौसम में होने वाले परिवर्तन को पहले से जानकर मौसम अनुसार खेती कर ज्यादा लाभ कमाते लेकिन अब मौसम केंद्र बंद होने से किसानों को आने वाले दिनों में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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