हिमाचल में ड्रोन पर सियासत (ETV Bharat) शिमला: हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सदन से लेकर सड़क तक जयराम ठाकुर के निवास स्थान के आसपास उड़ने वाले ड्रोन का मामला छाया रहा. विधानसभा के मानसून सेशन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर पुलिस वाले उनके सरकारी आवास के आसपास ड्रोन उड़ा रहे हैं. ये जासूसी करने जैसा है और उनकी निजता का हनन है.
नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की जांच की बात कही तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार किसी की जासूसी नहीं कर रही है. यदि नेता प्रतिपक्ष को ऐसा लगता है तो मामले की जांच की जाएगी. बाद में खुलासा हुआ कि जिसे जयराम ठाकुर जासूसी वाला ड्रोन समझ रहे थे, वो दरअसल शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड का ड्रोन था. ये शिमला शहर को राउंड दि क्लॉक पानी उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे को लेकर उड़ाया जा रहा था. इस सर्वे को लेकर जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने बाकायदा वीडियो जारी कर स्थिति भी स्पष्ट की है.
शहर की जियो मैपिंग कर रहा ड्रोन:शिमला शहर के सभी वार्डों के नागरिकों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जियो मैपिंग की जा रही है. इसी कड़ी में ये ड्रोन उड़ रहे हैं. इस बारे में संबंधित प्रशासन से अनुमति ली गई है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने स्वेज इंडिया कंपनी को जियो मैपिंग का काम सौंपा है.
शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के जेई पुष्पराज शर्मा ने कहा, "पूरे शहर के वार्डों में राउंड दि क्लॉक पेयजल सुविधा के लिए स्वेज कंपनी को जिम्मा दिया गया है. कंपनी पूरे शहर में जियो मैपिंग का काम कर रही है. ये ड्रोन राजभवन, सचिवालय आदि इलाके में उड़ाए गए. ड्रोन उड़ाने के लिए सारे जरूरी कागजात स्वेज कंपनी को दिए गए हैं. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने जियो मैपिंग का काम स्वेज इंडिया को सौंपा है. दूसरे चरण का 872 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है. कंपनी हर वार्ड में जाकर ड्रोन से सर्वे कर रही है".
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