बगहा :वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वनकर्मियों की दो टीम एक बाघको ढूंढने में लगी हुई है. दिन रात यानी 24 घंटे बाघ की तलाश जारी है. बाघ के पगमार्क देख पीछे-पीछे वन विभाग की टीम तो बाघ आगे-आगे अपना अपना ठिकाना बदल रही है. इस खबर से रामनगर और आसपास के लोगों में दहशत का माहौल हैं.
रिहायशी इलाके में पहुंचा VTR का टाइगर :बगहा के पिपरासी और रामनगर के ग्रामीणों का दावा है कि उनके खेत में बाघ मौजूद है. ग्रामीणों के मुताबिक, रामनगर के बैकुंठवा के पास हफ्ते भर से बाघ को देखा जा रहा हैं. डरे सहमे ग्रामीणों ने खेती किसानी के लिए खेतों की तरफ जाना छोड़ दिया है. बाघ की चहलकदमी से लोग अपने घरों में दुबक गए हैं. हालांकि वन विभाग की तरफ से ग्रामीणों को सतर्क और खेतों की तरफ न जाने की सलाह दी गई है. वनकर्मी बाघ का लोकेशन पता करने में जुटी हैं.
लोगों में दहशत का माहौल :स्थानीय किसान पप्पू यादव का कहना है कि ''एक बाघ चार पांच दिनों से जंगल से निकलकर हमारे गांव के बाहर सरेह में घूम रहा है. कभी इस गांव तो कभी दूसरे गांव की तरफ उसे देखा जा रहा हैं. बाघ की मौजूदगी के कारण हमलोग डर से खेतों की तरफ नहीं जा रहे हैं. वन विभाग जल्दी से बाघ को जंगल में भगाए नहीं तो कभी भी खतरा हो सकता है.''
ट्रैकिंग के लिए दो टीमें तैनात : हालांकि सूचना के बाद मौके पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची और मोतिपुर पुल के पास मिले पगमार्ग के आधार पर बाघ को ट्रेस करने में जुट गई है. लेकिन अभी उसका लोकेशन नहीं मिला है. रामनगर वन विभाग के अधिकारी मुकेश राम ने बताया कि वन विभाग की दो टीम बाघ की टैकिंग लगातार कर रही है.
''ग्रामीणों की सूचना पर हमलोग ट्रेस करने में जुटे हैं. अंतिम पगमार्क बैकुंठवा गांव के समीप खेतों की तरफ मिला है. लेकिन अब तक उसका लोकेशन नहीं मिल पा रहा है. खेतों में जुताई हुई है, इसलिए उसके पगमार्क को ट्रेस करने में मुश्किल हो रही है.''- मुकेश राम, RRT प्रभारी, रामनगर वन विभाग