रोहतास: लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में शनिवार को हो रहे मतदान को लेकर सासाराम संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं का उत्साह चरम पर था. शहरी इलाकों की बात छोड़िये, यहां तो आसपास से सटे इलाकों में भी मतदाताओं की भारी भीड़ उमड़ी.दअरसल भीषण गर्मी व बढ़ते पारा के बीच अति नक्सल प्रभावित तिलौथू के बूथ संख्या पर महिलाएं घूंघट व स्टॉल का सहारा ले कर बूथ तक पहुंची और वोट दिया. भीषण गर्मी के बावजूद मतदाता वोट देने के लिए कतारों में खड़े रहे.
"पहली बार वोट का मौका मिला है. काफी अच्छा अनुभव रहा. महिलाओं के हित को लेकर जो सोचे और देश का विकास हो साथ ही सासाराम लोकसभा का विकास हो."- सीता, मतदाता
"पहली बार मुझे वोट करने का मौका मिला है. अपने मताधिकार से सरकार चुनने का अवसर प्राप्त हुआ. काफी अलग अनुभव रहा. युवाओं को नौकरी मिले, उन्हें बेरोजगारी का दंश न झेलना पड़े. सासाराम लोकसभा की देश भर में चर्चा होती है, जो भी उम्मीदवार यहां से जीते इलाके का विकास करे ऐसा प्रत्याशी चुना है."
-श्रीकांत युवा वोटर
सासाराम में वोटरों में दिखा उत्साह:सासाराम लोकसभा में भी लोकतंत्र के महापर्व को लेकर गजब का उत्साह दिखा. बात चाहे शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों की करें या फिर ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केंद्रों की, सभी केंद्रों पर मतदाताओं की भीड़ देखी गई. दअरसल तिलौथू के राजकीय मध्य विद्यालय सरैया स्थित बूथ संख्या 358 पर पहली बार वोट डालने पहुंची रीता बताती है कि उन्होंने पहली बार वोट किया. काफी अच्छा लगा. विकास इस चुनाव में बड़ा मुद्दा रहा. जिसे लेकर उन्होंने अपने प्रत्याशी को वोट किया.
बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला: सासाराम लोकसभा सीट पर इस बार भी 2014 और 2019 की तरह बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. हालांकि इस बार दोनों दलों ने अपने कैंडिडेट बदल दिये हैं. बीजेपी ने लगातार दो बार से जीत दर्ज कर रहे छेदी पासवान की जगह शिवेश राम को मौका दिया है तो कांग्रेस ने मनोज कुमार को मौका दिया है. मनोज कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव सासाराम से ही बीएसपी कैंडिडेट के रूप में लड़ा था और तब मनोज 86 हजार वोट लाने में सफल रहे थे. लोकसभा की स्पीकर रहीं मीरा कुमार के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद कांग्रेस ने मनोज को उम्मीदवार बनाया.