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'उम्मीदों का दामन न छोड़ेंगे हम, वोट देकर दिखाएंगे अपना दम', कहीं नाव तो कहीं चचरी के सहारे मतदान करने पहुंचे लोग - VOTING IN MUZAFFARPUR

VOTING IN BIHAR: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की वोटिंग जारी है. वोटिंग को लेकर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह है. कहीं बारिश के बीच लोग मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं तो मुजफ्फरपुर से आई ये तस्वीर कह रही है कि उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ेंगे हम, वोट डालकर दिखाएंगे अपना दम, पढ़िये पूरी खबर,

'उम्मीदों का दामन न छोड़ेंगे हम'
'उम्मीदों का दामन न छोड़ेंगे हम' (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 20, 2024, 2:05 PM IST

'उम्मीदों का दामन न छोड़ेंगे हम' (ETV BHARAT)

मुजफ्फरपुरःदेश का आम चुनाव लोकतंत्र का ऐसा महापर्व है जिसमें सभी लोग अपनी भागीदारी निभाना चाहते हैं. पांचवें चरण की वोटिंग के दौरान मुजफ्फरपुर से ऐसी ही एक तस्वीर आई है, जहां लोगों के मन में अभावों का मलाल तो है फिर भी पांच सालों में आनेवाले इस अवसर को अपने हाथों से जाने नहीं देना चाह रहे हैं. इसलिए उम्मीदों का दामन लिए लोकतंत्र के पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

नाव के सहारे पहुंचे वोट डालने (ETV BHARAT)

चचरी पुल और नाव से वोट डालने पहुंचेः वोटिंग को लेकर मुजफ्फरपुर के लोगों में इतना उत्साह है कि बड़ा खुर्द महुआरा में लोग नाव पर चढ़कर वोट करने पहुंचे जबकि, औराई और कटरा के लोग चचरी पुल के सहारे वोट डालने पहुंचे. औराई प्रखंड के मधुबन प्रताप स्थित बागमती नदी पर बने चचरी पुल को पार कर पहुंचे लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है.

'कभी न कभी तो बनेगा उम्मीदों का पुल' (ETV BHARAT)

'जरूर बनेगा उम्मीदों का पुल': वोट देने आए लाला बाबू सहनी, मनोज सहनी, राम सहनी, संजय सहनी समेत कई लोगों के दिलों में उम्मीदें अभी भी जिंदा है. उनका कहना है कि इस बार जरूर उन्हें चचरी पुल से राहत मिल जाएगी. लोगों ने कहा कि ये कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं है.

सैकड़ों गांवों की लाइफ लाइन हैं चचरी पुल: मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के सैकड़ों गांवों तक पहुंचने के लिए आज भी चचरी पुल ही एकमात्र सहारा है. आज के आधुनिक दौर में औराई प्रखंड में एक दो नहीं बल्कि 50 से अधिक चचरी पुल इस इलाके में रहने वाली एक बड़ी आबादी के लिए किसी लाइफ लाइन से कम नहीं हैं

'कभी न कभी तो बनेगा उम्मीदों का पुल' (ETV BHARAT)

बारिश में सिर्फ नाव का सहाराः बरसात के मौसम में तो इन गावों के लोगों से चचरी पुल का सहारा भी छिन जाता है. बारिश के कारण जब नदी में ज्यादा पानी भरता है तो चचरी पुल ध्वस्त हो जाते हैं और तब सहारा बनती हैं नाव, जिसके सहारे किसी तरह आवाजाही हो पाती है. आप समझ सकते हैं कि बीमारी या अन्य किसी विषम परिस्थिति में सुविधाओं के अभाव का दंश कैसे लोग झेलते होंगे.

बूथ संख्या 69 पर पसरा सन्नाटाःवहीं औराई के जीवाजोड़ पंचायत के लोगों ने वोट का बहिष्कार कर दिया है. बूथ संख्या 69 पर सन्नाटा पसरा रहा. बूथ पर तैनात पीठासीन अधिकारी ने स्थानीय लोगों से बात करने की कोशिश भी की. लेकिन, लोगों ने एक नही सुनी. लोगों का कहना है कि बिजली, शिक्षा समेत कई चीजों को लेकर हम परेशान हैं और इसलिए वोट का बहिष्कार कर रहे हैं.

'हमलोग को आवास नही मिला है.यहां आज भी बिजली, सड़क, स्कूल की सुविधा नहीं है.पहले जो स्कूल था उसे दूसरे स्कूल में विलय कर दिया गया. नेता से लेकर अधिकारी तक कई चक्कर लगा चुके हैं"जगन्नाथ प्रसाद, निवासी जीवाजोड़

"बताया जा रहा है कि नदी की तलहटी से विस्थापित होकर यहां बसे लोगों ने वोट बहिष्कार करने का फैसला किया है. जिसके कारण बूथ संख्या 69 पर वोटिंग नहीं हो पाई है. हमारी पार्टी तैयार है. उनसे बात भी की गयी लेकिन वे नहीं माने. पूरी बात की सूचना वरीय अधिकारियों तक पहुंचा दी गयी है "विनय कुमार मनु, पीठासीन अधिकारी, बूथ संख्या 69

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'देख नहीं सकता तो क्या हुआ, वोट जरूर डालूंगा', मुजफ्फरपुर में नेत्रहीन मतदाता ने किया मतदान - Voting in Muzaffarpur

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