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स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन, आश्वासन के बाद माने - villagers agitation for principal - VILLAGERS AGITATION FOR PRINCIPAL

सूरतगढ़ क्षेत्र के मालेर गांव में स्कूल में प्रिंसिपल लगाने की मांग को लेकर तीन दिन से चल रहा धरना शनिवार को खत्म हो गया. ग्रामीणों की मांग मानते हुए यहां शिक्षा विभाग ने स्थायी प्रिंसिपल लगाने के आदेश जारी किए, जबकि कार्यवाहक ​प्रिंसिपल को एपीओ कर दिया.

villagers agitation for principal
स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन (Photo ETV Bharat Shriganganagar)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 7, 2024, 4:07 PM IST

श्रीगंगानगर: जिले के सूरतगढ़ के मालेर गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद तीसरे दिन शनिवार को शांत हो गया. जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल लगाने के आदेश दिए. इसके बाद आंदोलन खत्म हुआ. इससे पहले ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर स्कूल पर ताला लगाया और धरना जारी रखा. अभिभावक और बच्चे पैदल ही बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय की ओर कूच करने लगे. इस घटना से प्रशासन में हलचल मच गई और अधिकारी हरकत में आए.

तालाबंदी का तीसरा दिन:मालेर गांव के पूर्व सरपंच रामकुमार ने बताया कि गांव के लोग विद्यालय में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर असंतुष्ट थे. ग्रामीणों ने विद्यालय के बाहर ताला लगा दिया और तीन दिन से धरने पर बैठे रहे. उनकी मांग थी कि विद्यालय में जल्द एक स्थायी प्रिंसिपल नियुक्त किया जाए. दूसरी मांग थी कार्यवाहक प्रिंसिपल को निलंबित किया जाए. प्रशासन के साथ कई बार वार्ता विफल रहने पर ग्रामीण बच्चों के साथ पैदल ही बीकानेर की ओर कूच कर गए. ग्रामीण 15 किलोमीटर की यात्रा कर चुके थे. उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक यह विरोध जारी रहेगा.

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प्रशासन में मची अफरातफरी:जैसे ही ग्रामीणों का बीकानेर कूच शुरू हुआ, शिक्षा विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ गई. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम मौके पर भेजी गई, जिसमें एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, डीएसपी प्रतीक मील, सीडीईओ पन्नालाल कड़ेला और तहसीलदार हाबुलाल मीणा शामिल थे.

कार्यवाहक प्रिंसिपल एपीओ:शिक्षा विभाग ने कार्यवाहक प्रिंसिपल भानुप्रिया गहलोत को एपीओ कर दिया है, लेकिन ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें निलंबित किया जाए. ग्रामीणों का आरोप है कि पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ जांच हुई थी, लेकिन उसे दबा दिया गया. अब वे चाहते हैं कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल नियुक्त किया जाए. अंत में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल लगाने के आदेश दिए, तब जाकर मामला शांत हुआ. ग्रामीणों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया.

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