डीग: साइबर अपराध की समस्या से जूझ रहे मेवात क्षेत्र में पालड़ी गांव के ग्रामीणों ने एक साहसिक और अनूठा कदम उठाया है. 29 दिसंबर को सतवास ग्राम पंचायत की बैठक में निर्णय लिया गया कि साइबर अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी. इस निर्णय के तहत युवाओं के पास मौजूद 47 मोबाइल फोन, जो कथित रूप से साइबर अपराध में इस्तेमाल किए जा रहे थे, जब्त कर लिए गए. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने ये सभी मोबाइल हथौड़े से तोड़े और इनकी होली जलाई.
मोबाइल फोन तोड़े और होली जलाई: ग्राम पंचायत के सरपंच बृज लाल फौजी ने बताया कि यह कदम उठाना आसान नहीं था, लेकिन साइबर अपराध के बढ़ते मामलों ने पूरे क्षेत्र की छवि धूमिल कर दी थी. पंचायत के फैसले के बाद, सभी 47 मोबाइल फोन सार्वजनिक रूप से हथौड़े से तोड़े गए और उनकी होली जलाई गई. सरपंच ने कहा कि हमारा लक्ष्य मेवात को साइबर अपराध मुक्त बनाना है और यह कदम उसकी दिशा में पहला प्रयास है.
बनाई गई कमेटी: इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने एक विशेष निगरानी कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी गांव के युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखेगी और साइबर अपराध के किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत रिपोर्ट करेगी. कमेटी का काम सिर्फ निगरानी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि युवाओं को जागरूक करने और उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे.
ग्रामीणों की सराहनीय एकजुटता: गांव के बुजुर्गों और महिला मंडल ने भी इस पहल की सराहना की है. उनका कहना है कि यह कदम युवाओं को सही दिशा में ले जाने में मदद करेगा. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यहां का हर व्यक्ति चाहता है कि हमारे गांव और क्षेत्र का नाम अच्छे कार्यों के लिए जाना जाए.
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साइबर अपराध के खिलाफ सख्त संदेश: पालड़ी गांव की यह पहल पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन सकती है. साइबर अपराध की समस्या मेवात क्षेत्र में लंबे समय से बढ़ रही थी, जिससे न केवल समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था, बल्कि कानूनी मामलों में भी ग्रामीण फंस रहे थे. पंचायत का यह निर्णय साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ा संदेश है कि अब इस प्रकार की गतिविधियां सहन नहीं की जाएगी.