टोंक: देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ मारने और उसके बाद हुई हिंसा के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को अभी जेल में ही रहना होगा. टोंक के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने सोमवार को मुख्य आरोपी नरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने इस मामले में 19 में से 18 अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है.
समरावता थप्पड़ कांड, उपद्रव आगजनी और हिंसा के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा सहित कुल 19 आरोपियों की जमानत याचिका पर टोंक के जिला एवं सेशन न्यायधीश के समक्ष सुनवाई में थी. इस मामले में बहस पूरी होने के बाद नरेश मीणा को छोड़कर अन्य 18 आरोपियों को जमानत मिल गई. समरावता मामले में अब तक कुल 62 आरोपियों में से 61 को अलग अलग कोर्टों से जमानत मिल चुकी है.
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इन्हें मिली जमानत: सरकारी वकील राजेश गुर्जर ने बताया कि रामसिंह, सलमान, जीतराम, सीताराम, अशोक, शंभु, साबूलाल, भरतराज, कमलेश, फतेहसिंह, मनराज, देवराज, बिशनलाल, अवतार जोरवाल, रवि, केशव, सुनील और अजय को जमानत मिल गई. परिवादी पक्ष की ओर से सलीम ए के सूरी ने पैरवी की. इस मामले में पुलिस ने नरेश मीणा सहित 62 ग्रामीणों को आरोपी बनाया था, जिनमें से 39 आरोपियों की हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हो चुकी है. वहीं 4 नाबालिगों की कोर्ट से पहले ही जमानत हो गई थी. इस तरह अब तक समरावता कांड में कुल 61 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. नरेश मीणा को फिलहाल जेल से बाहर आने के लिए और इंतजार करना होगा.
बता दें कि गत 13 नवम्बर को देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मतदान के दौरान समरावता मतदान केन्द्र पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने वहां तैनात एरिया मजिस्ट्रेट और उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया था. मतदान खत्म होने के बाद वहां हिंसा-आगजनी हो गई थी. इसके बाद नगरफोर्ट थाने में चार और एक प्रकरण टोंक में दर्ज किया गया था. उस दौरान नरेश मीना और 62 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था. नरेश मीना तभी से जेल में हैं.