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राधारानी का सिंहासन 28 किलो चांदी से बना, श्रृंगार देख भक्त निहाल, साल में एक बार खुलते हैं पट - VIDISHA RADHA RANI DARSHAN - VIDISHA RADHA RANI DARSHAN

विदिशा के नंदवाना स्थित वृंदावन गली में श्री राधा रानी मंदिर के पट खुले तो भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. इस मंदिर के पट साल में एक बार केवल राधा अष्टमी को खुलते हैं. राधा रानी के लिए 65 किलो चांदी का पालना, झूला और विमान तीनों चीजें बनाई गई हैं. सिंहासन केवल 28 किलो चांदी का है, जिसमें राधा रानी विराजमान हैं.

VIDISHA RADHA RANI DARSHAN
राधारानी का सिंहासन 28 किलो चांदी से बना (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 6:01 PM IST

विदिशा।राधा अष्टमी पर श्री राधा रानी के मंदिर में भक्त उमड़ पड़े. श्रद्धालु लंबी कतारों में लगकर अपनी बारी का बेसब्री से इंतजार करते देखे गए. लगभग 350 साल पुराने राधा रानी मंदिर के पट वर्ष में सिर्फ एक बार खुलते हैं और सार्वजनिक पूजा होती है. इसके बाद पूरे वर्ष राधा जी के मंदिर के पट बंद रहते हैं. पूरे साल गुप्त पूजा की जाती है. सन् 1700 के लगभग से यह परंपरा चली आ रही है. बता दें कि पूरे देश में बरसाने के बाद राधा जी का ऐसा इकलौता मंदिर है, जब मुगलों ने आक्रमण किया तो पुजारी राधाजी को टोकरी में रखकर चुपचाप विदिशा लाए. तभी से इस क्षेत्र का नाम भी नंदवाना पड़ गया.

विदिशा के नंदवाना स्थित वृंदावन गली में श्री राधा रानी मंदिर (ETV BHARAT)

मुगलों के आक्रमण से बचने राधाजी को भक्त लाए थे विदिशा

राधा मंदिर के सेवक ने बताया कि यह मंदिर पहले वृंदावन में था लेकिन औरंगजेब के आक्रमण के बाद हमारे पूर्वज वहां से डलिया में छुपते-छुपाते विदिशा लेकर आए. उस समय यहां महाराज ग्वालियर का साम्राज्य था. यहां पूजा तो रोज होती है लेकिन गुप्त तरीके से. पूरे भारत के लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि जगहों से लोग आते हैं. इस बार विशेष रूप से 65 किलो चांदी का पालना, झूला और विमान तीनों चीजें बनाई गई हैं. सिंहासन केवल 28 किलो चांदी का है, जिसमें राधा रानी विराजमान हैं.

मंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे दर्शन करने (ETV BHARAT)

मंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे दर्शन करने

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल भी राधा रानी के दर्शन करने पहुंचे. पटेल ने इस मौके पर कहा "विदिशा में राधा जन्माष्टमी के दिन 336 वर्ष पुरानी यह परंपरा है. मैं इतने वर्षों से विदिशा आ रहा हूं. मुझे कभी पता नहीं था लेकिन विगत 4 वर्षों से मुझे अष्टमी के दिन आने का सौभाग्य मिला है. विदिशा के पास यह एक गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक विरासत उसके पास है. वैसे भी विदिशा संस्कृति के ऐतिहासिक तथ्यों को समेटने वाली भूमि है, जहां पर हजारों साल का इतिहास है, राधा रानी की कृपा सब पर बनी रहे."

श्री राधा रानी मंदिर के पट खुले तो भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा (ETV BHARAT)

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मंदिर को भव्य रूप देने की आवश्यकता

बता दें कि राधा रानी का यह मंदिर तंग गलियों से होकर राधा वल्लभीय हवेली में है. जिससे इस मंदिर में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति ही अंदर जा सकता है. अब इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और जरूरत है इस मंदिर को भव्य बनाने की. व्यवस्थित सड़क भी होनी चाहिए. मंदिर का विस्तार देने के सवाल को मंत्री प्रहलाद पटेल ने हंसकर टाल दिया. बता दें कि इस मंदिर में राजनेताओं की भी गहरी आस्था है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती व शिवराज सिंह चौहान के अलावा अन्य कई बड़े नेता यहां दर्शन के लिए आते रहते हैं.

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