बीकानेर. शुक्र ग्रह अपनी राशि या उच्च राशि व मित्र राशि में होने की स्थिति में धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाता है. इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद-प्रमोद का कारक होता है.
विपरीत राशि में प्रभाव :वहीं, इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी की सम्भावना रहती है.
सकारात्मक परिणाम :वृषभ राशि में शुक्र का गोचर कला, सौंदर्य व रचनात्मक क्षेत्र से संबंधित कार्यों में वृद्धि करेगा. यद्यपि सूर्य के अस्त होने के कारण उपरोक्त शुभ प्रभाव में कमी आ सकती है, लेकिन बृहस्पति के साथ युति से सकारात्मक परिणाम में वृद्धि होगी. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार शुक्र के वृषभ राशि में गोचर से विभिन्न राशियों पर उतार-चढ़ाव परिलक्षित हो सकते हैं.
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मेष : घर परिवार में मांगलिक कार्य व सुरुचि भोजन व पारिवारिक जिम्मेदारी में अधिकता होगी.
वृषभ : आत्मछवि व शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हेतु प्रयास, व्यय में कमी के योग है.
मिथुन :लंबी दूरी की यात्रा अथवा विदेश भ्रमण के अवसर, व्यय में बढ़ोतरी अथवा व्यापार में हानि के योग बनेंगे.
कर्क : संपर्क सूत्र में बढ़ोतरी और आय के नए साधन हेतु प्रयास, बड़े भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद की संभावना बनेगी.