200 साल पुराना वीर बालाजी मंदिर , श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र बाड़मेर. हनुमान जयंती पर्व मंगलवार को जिलेभर में उत्साह के साथ मनाया गया. इस दिन मंगलवार होने से श्रद्धालुओं में और ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. यूं तो जिले में हनुमानजी के कई मंदिर मिल जाएंगे, लेकिन आज आपको अवगत कराना चाहेंगे बाड़मेर के सबसे प्राचीन वीर बालाजी मंदिर से, यह लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है.
वीर बालाजी मंदिर में विगत 17 वर्षों से हनुमान जयंती पर 12 घंटे तक अनवरत हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. बाड़मेर का वीर बालाजी मंदिर 200 साल पुराना है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में स्थापित बालाजी की प्रतिमा पर पूरा गूगल का लेप किया हुआ है.
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200 साल पुराना है मंदिर : मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पवन लोहिया ने बताया कि यह मंदिर 200 साल पुराना है. इसे वीर बालाजी के नाम से जानते हैं. यह बाड़मेर का सबसे प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर की मूर्ति मिट्टी से बनी हुई है. यहां शनिवार और मंगलवार को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ता है. रोज दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं. मान्यता यह है कि हनुमानजी यहां मंदिर के प्रति आस्था रखने वालों की मनोकामना पूरी करते हैं.
12 घंटे अनवरत हनुमान चालीसा :वीर बालाजी परिवार के पंडित सुनील कुमार ने बताया कि मंगलवार के दिन ही हनुमानजी का जन्म हुआ था और हर्षोल्लास की बात यह है कि आज मंगलवार के दिन ही इस बार हनुमान जयंती का विशेष संयोग बना है. उन्होंने बताया कि मंगल बालाजी परिवार की ओर से पिछले 17 वर्षों से हर साल हनुमान जयंती के मौके पर सुबह 5 से लेकर शाम 5 तक यानी 12 घंटे तक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है. इस पाठ को सुनने के लिए दिनभर भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहता है.