वैशालीःसीतामढ़ी सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के एक बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है. तिरहुत स्नातक क्षेत्र से जेडीयू उम्मीदवार अभिषेक झा के चुनाव प्रचार के लिए वैशाली जिले के हाजीपुर में आयोजित अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देवेश चंद्र ठाकुर ने साफ कहा कि लोकसभा चुनाव में किसी ने उनका साथ नहीं दिया. वो तो बड़ी संख्या में लोगों से व्यक्तिगत संबंध होने के कारण चुनाव जीत गया. इतना ही नहीं उन्होंने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की तारीफों के पुल भी बांधे.
'लोकसभा चुनाव में हर दल ने टांग खींची':देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि सीतामढ़ी के चुनाव में हर दल के लोगों ने टांग खींचने का काम किया और अगर मेरी जीत संभव हो पाई तो वो मेरे हजारों लोगों से व्यक्तिगत रिश्ते की वजह से जो मैंने 20 से 25 सालों के सियासी सफर में बनाए हैं.
"आरजेडी मेरे सामने था, जेडीयू मेरे साथ था कि मेरे पीछे था ख्याल नहीं आ रहा है. बीजेपी मेरे साथ थी कि मेरे पीछे थी ख्याल नहीं आ रहा है. हकीकत यही है, इशारों को समझिए ! लेकिन यह जो व्यक्तिगत रिलेशन हमने सबसे रखा वही काम आया. यह मेरा स्वभाव है. यह चुनाव के चलते, वोट के चलते नहीं, यह शुरू से है. आपके यहां कोई कुछ आता है कुछ नहीं लगता है थोड़ा सा समय दे दीजिए जो आदमी कष्ट से आता है वह जिंदगी भर उस बात को याद रखता है."-देवेश चंद्र ठाकुर, जेडीयू सांसद
लालू की तारीफ में कढ़े कसीदेःदेवेश चंद्र ठाकुर ने जहां अपनी ही पार्टी जेडीयू और सहयोगी बीजेपी की निष्ठा को लेकर सवाल खड़े किए तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की तारीफ में कसीदे भी कढ़े. उन्होंने 2002 की एक बात के जरिये लालू प्रसाद की तारीफ करते हुए कहा कि वो 2002 में लालू प्रसाद के पास गये और उनसे कहा कि हम चुनाव लड़ना चाहते हैं सर ! तब लालूजी ने पूछा कि अभी कहां चुनाव है तो मैंने बताया कि स्नातक वाला है. ऐसे में लालूजी से मैंने प्रशासनिक हस्तक्षेप न करने का अनुरोध किया तो लालूजी ने उसे न सिर्फ माना बल्कि अपना वादा निभाया भी.
"लालूजी से मैंने कहा कि आप दूसरे तरीके से प्रशासन को भी तो प्रभावित कर सकते हैं और करते रहते हैं. इसमें मत कीजिएगा इतनी ही विनती करने आए हैं तो बोले कि जा हम किसी को कुछ नहीं कहेंगे और सही बात है कि उन्होंने अपनी जुबान कायम रखी और उन्होंने प्रशासन के किसी को कुछ भी नहीं कहा. मेरे सामने उनके सहयोगी दल का प्रत्याशी था, वो कह सकते थे कि यहां पर वोट मत देने देना पहले होता था ऐसा. लेकिन जिस दिन काउंटिंग था उस दिन उनके सहयोगी थे दिल्ली में उन्होंने कहा कि आप जीत गए लालू चिंतित थे कि देख हो देवेश जीते कि नहीं ?"-देवेश चंद्र ठाकुर, जेडीयू सांसद