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उत्तर प्रदेश का पहला मॉडल मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट गाजियाबाद में, जानें खासियत - Mother Special Newborn Care Unit

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 22, 2024, 3:28 PM IST

उत्तर प्रदेश का पहला मॉडल मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट गाजियाबाद की महिला अस्पताल में बनाया जा रहा है. फिलहाल, अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दो बेड का एमएसएनसीयू तैयार किया गया है.

मॉडल मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट गाजियाबाद
मॉडल मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट गाजियाबाद (Etv Bharat)

नई दिल्ली:गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में उत्तर प्रदेश का पहला मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (MSNCU) पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. फिलहाल महिला अस्पताल में दो बेड से इसकी शुरुआत की गई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन द्वारा महीने भर में 12 बेड के साथ मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट का संचालन करने की बात कही जा रही है.

जिला महिला अस्पताल के सीएमएस अभिषेक त्रिपाठी के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुए इस मॉडल सेंटर में एमएसएनसीयू में ही नवजात को मां के साथ रखा जा सकेगा. साथ ही कंगारू मदर केयर भी उपलब्ध कराई जा सकेगी. जिसमें मां और नवजात का बेड आसपास मौजूद रहेगा. कंगारू मदर केयर ऐसे नवजात बच्चों को उपलब्ध कराई जाती है, जो कि समय से पहले जन्म ले लेते हैं या फिर अंडरवेट होते हैं. कंगारू मदर केयर के दौरान बच्चे मां के साथ स्किन टू स्किन कांटेक्ट में रहते हैं.

सीएमएस अभिषेक त्रिपाठी के मुताबिक, ज़िला महिला चिकित्सालय एसएनसीयू 2017 और एमएनसीयू 2024 से चालू हुआ. एसएनसीयू यानी की स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट जिसमें नवजात को फोटोथेरेपी और टेंपरेचर रेगुलेशन के लिए स्पेशल कॉर्ड में रखा जाता है. एमएसएनसीयू में जन्म के बाद मां को रखा जाता है. जो बच्चे एसएनसीयू से निकाल कर आते थे. उनको एमएनसीयू में रखा जाता था. जहां नवजात को कंगारू मदर केयर (KMC) उपलब्ध कराई जाती है.

एमएसएनसीयू में नवजात की मां को सिखाया जाएगा कि नवजात का किस तरह से ख्याल रखना है. पूरी जानकारी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से साझा की जाएगी. साथ ही एमएसएनसीयू में नवजात के साथ रहने के दौरान मदर को फीडिंग समेत अन्य बेबी केयर के बारे में सिखाया जाएगा.

सीएमएस अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि कई बार मां को जानकारी नहीं होती है कि कैसे स्पेशल बच्चों को फीड कराना है और उनकी देखभाल करनी है. सही देखभाल न मिलने के कारण समस्याएं होने लगती है. जिसके बाद समय-समय पर बच्चों को भर्ती कराना पड़ता है. एमएसएनसीयू की पूरी तरह से शुरुआत होने के बाद बच्चों को बार-बार अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. क्योंकि मां पहले से ही प्रशिक्षित होगी.

पेडियाट्रिशियन डॉ चारू ने बताया अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत हुई है लेकिन इसका फीडबैक काफी अच्छा मिल रहा है. नवजात के साथ मां को अधिक समय व्यतीत करने को मिल रहा है. नवजात को कंगारू मदर केयर मिल रही है. इसके साथ ही नवजात की देखभाल मां खुद से कर पा रही है.

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