लखनऊ/रायबरेली/चित्रकूट:राजधानी के 30 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे फिजिसीयन डॉक्टर को डेढ़ दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये ठगी करने वाले तीन आरोपियों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गए एक आरोपी ने डिजिटल अरेस्ट करने की कम्बोडिया में ट्रेनिंग ली थी. इस गिरोह के 8 लोगों को पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
यूपी STF के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि डॉक्टर अशोक सोलंकी के साथ फर्जी सीबीआई और आरबीआई अफसर बन 48 लाख रुपये की ठगी के मामले में बीते दिनों हरियाणा से पांच और लखनऊ से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इसी मामले में मंगलवार रात को आरोपी गगन, श्याम और हर्षल को गिरफ्तार किया गया है.
कमीशन तय थाःपूछताछ में आरोपी श्याम ने बताया कि फरवरी 2024 में टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से उसका सम्पर्क करन उर्फ नागेश से हुआ था. करन ने व्हाटसअप काल के माध्यम से गेमिंग, स्केमिंग, मिक्सिंग व स्टाक पर काम करने के बारे में बताया था. उसने गेमिंग पर 2, स्टाक पर 5, मिक्सिंग पर 10 व स्कैमिंग में 30 प्रतिशत का कमीशन देने को कहा था. इसके साथ ही पैसे कार्पोरेट एकाउन्ट में ही आने की बात कही थी.
इस तरह करते थे खेलःश्याम के अनुसार, कार्पोरेट एकाउन्ट एकाउन्ट नं., आईएफएससी कोड, कस्टमर आईडी, कार्पोरेट आईडी, लांगिन आईडी पासवर्ड, ईमेल आईडी पासवर्ड, आधार नम्बर, पैन नम्बर, चेक बुक, एटीएम कार्ड व एसएमएस अलर्ट नम्बर के सिम की आवश्यकता होती हैं. जो एकाउन्ट होल्डर सिम नहीं देता हैं, उसके मोबाइल में एपीके फाइल के माध्यम से एप डाउनलोड कर दिया जाता है. जिससे मोबाइल पर आने वाले एसएमएस आटो ट्रासफर होकर मिल जाते हैं. यह सारी डिटेल मिलने के बाद एकाउन्ट में बेनिफिशरी एड किया जाता है. इसके बाद उसका लॉगिन आईडी व पासवर्ड चेन्ज कर दिया जाता है. जिससे एकाउन्ट होल्डर रुपये आने पर इन्टरनेट बैंकिंग एक्सेस न कर पाये.
कार्पोरेट बैंक खाते में आता था पैसाःश्याम ने बताया कि कार्पोरेट एकाउन्ट खोजने के लिए उसने अपने दोस्त हर्षल, पुनीत शर्मा उर्फ गगन एवं राजकुमार से बात की. जिसके बाद राजकुमार कार्पोरेट एकाउन्ट उपलब्ध कराने लगा. यह एकाउंट की किट नागेश को भेजता था. नागेश किट मिलने के बाद बैंक एकाउंट में बेनीफिशरी ऐड करने के लिए एपीके फाइल इसको भेजता था. यह फाइल बैंक एकाउंट होल्डर के मोबाइल में डाउनलोड करा देता था. इसके बाद बैंक एकाउण्ट होल्डर के साथ होटल में रुक जाते थे. जिससे फंड ट्रांजेक्शन के समय एकाउंट होल्डर कहीं जा न सके और आने वाले रुपयों को होल्ड न करा सके.
आरोपी पंकज ने कंबोडिया से ली थी ट्रेनिंगःश्याम ने बताया कि पंकज सुरैला कम्बोडिया से डिजिटल अरेस्ट की ट्रेनिंग लेकर भारत आया था. सुरेश सैन द्वारा कम्बोडिया से साइबर ठगी करने वाले चाइनीज गैंग के माध्यम से लोगों को डिजिटल अरेस्ट कराकर एकाउंट में रूपये ट्रांसफर कराये जाते थे. बैंक एकाउंट में जैसे ही रुपये आते थे, उनको नागेश व सुनील उर्फ कृष्णा के माध्यम से पूर्व से ऐड बेनीफिशरी एकांउट में 4-5 लेयर में ट्रांसफर कर दिया जाता था.