लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में सड़क दुर्घटनाओं व गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए ट्रॉमा सेंटर फेज-2 का सात मंजिला नया भवन बनाया जाएगा. इसमें करीब 500 बेड की व्यवस्था होगी. गुरुवार को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई.
500 बेड का सात मंजिला बनेगा नया भवन: केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर वर्ष 2003 में शुरू हुआ था. चार मंजिला भवन की क्षमता इस समय 466 बेड की है. फिर भी यहां मरीजों का दबाव रहता है. इसे देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने ट्रॉमा के विस्तार का प्रस्ताव तैयार किया था. इसके तहत ट्रॉमा के बगल में एमएस कार्यालय और नर्सिंग भवन समेत कई जर्जर भवन गिराकर उनके स्थान पर 500 बेड का सात मंजिला नया भवन बनाया जाएगा. इस पर करीब 296 करोड़ रुपये खर्च होंगे. फेज-2 के नए भवन में सड़क दुर्घटना वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा. पुराना भवन गंभीर रोगियों के लिए आरक्षित रहेगा. हर मंजिल पर अलग-अलग व्यवस्थाएं होंगी.
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पीजीआई में 68 वर्ष उम्र तक निदेशक की नियुक्ति : एसजीपीजीआई के निदेशक की नियुक्ति की नियमावली में बदलाव होगा. अब 68 वर्ष की उम्र तक निदेशक की नियुक्ति हो सकेगी. राज्यपाल निदेशक को सेवा विस्तार दे सकेंगी. इस प्रस्ताव को बीते दिन बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. अभी निदेशक की अधिकतम उम्र 65 साल है. वर्तमान निदेशक प्रो. आरके धीमान का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो रहा है. नए निदेशक के लिए आवेदन पत्र भी जमा हो चुके हैं. 38 प्रोफेसरों ने आवेदन किया है. इसमें 13 प्रोफेसर केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान के हैं. नियमावली में बदलाव से कयास लगाया जा रहा है कि प्रो. धीमान को सेवा विस्तार मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
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