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मीरापुर उपचुनाव; 2 साल में बदल गए दोस्त-दुश्मन, क्या सियासी प्रतिष्ठा बचा पाएंगे भाजपा-रालोद? - MIRAPUR ASSEMBLY SEAT BY ELECTION

UP BYELECTIONS 2024: उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मुजफ्फरनगर की इस सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है. बीजेपी-रालोद गठबंधन ने मिथलेश पाल उतारा है. सपा, बसपा और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने मुस्लिम कैंडिडेट पर भरोसा जताया है.

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मीरापुर सीट उपचुनाव भाजपा-रालोद गठबंधन के रिश्ते का इम्तिहान. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2024, 9:13 AM IST

Updated : Oct 25, 2024, 2:25 PM IST

मेरठ: यूपी में जिन 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव का मतदान होना है, उनमें से एक मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट भी है. यह सीट रालोद और भाजपा की प्रतिष्ठा का विषय बन गई है. इस सीट पर चुनावी मुकाबला भी विपक्षी पार्टियों ने बेहद ही दिलचस्प बना दिया है. विपक्ष के चार मुस्लिम कैंडिडेट अब तक सामने आ चुके हैं, वहीं अब रालोद भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुका है.

मीरापुर पर पूर्व में रालोद सपा गठजोड़ ने विपक्ष को पटखनी दी थी. रालोद के चंदन चौहान यहां से विधायक चुने गए थे. जबकि अब सियासी दोस्त बदल गए हैं, जो पहले साथ थे वो इस बार अलग हैं. यही वजह है कि पूर्व में जब 2022 में विधानसभा का चुनाव हुआ था तो यहां से रालोद के चंदन चौहान को जनता ने जिताकर लखनऊ भेजा था, लेकिन तब से अब तक न सिर्फ समीकरण बदल गए हैं, बल्कि जिस रालोद के लिए हिन्दू मुस्लिम एकता के नारे के साथ चुनाव में सफलता मिली थी, वहीं अब हालात बदले हैं.

मीरापुर उपचुनाव की जंग हुई दिलचस्प: राजनीतिक पंडितों की मानें तो ऐसे में जहां भाजपा रालोद गठबंधन के रिश्ते का इम्तिहान यहां होने वाला है, वहीं विपक्ष भी अपने फार्मूले के साथ पटखनी देने को खूब जोर आजमाइश कर रहा है. मीरापुर विधानसभा सीट पर चुनाव कई मायनों में अब दिलचस्प हो गया है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी और रालोद के जीत के रथ को रोकने के लिए इस बार पूर्व सांसद कादिर राणा की पुत्रवधू सुंबुल राणा को उम्मीदवार बनाया है. यहां गौर करने वाली बात तो यह है कि सपा की उम्मीदवार सुंबुल राणा बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद मुनकाद अली की बेटी हैं.

मीरापुर में बसपा ने किसको उम्मीदवार बनाया:ऐसे में बहुजन समाज पार्टी ने भी शाहनजर को प्रत्याशी बनाकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. नगीना से सांसद बनकर अपनी ताकत का एहसास करा चुके आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने भी यहां से मुस्लिम प्रत्याशी जाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में पिछले कई दिनों से रालोद प्रत्याशी को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर विराम लगाते हुए पार्टी मुखिया ने भी इस सीट पर नामांकन के आखिरी दिन से पहले मिथलेश पाल को उम्मीदवार घोषित करके पूरी तस्वीर को साफ कर दिया है.

कौन हैं मिथलेश पाल, जिनको रालोद ने बनाया उम्मीदवार:मिथिलेश पाल पूर्व में मोरना सीट से रालोद की विधायक रह चुकी हैं. बाद में रालोद से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से नाराज होकर सपा में शामिल हो गईं थीं, उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं. उसके बाद उन्होंने कादिर राणा के मोरना विधानसभा सीट से त्यागपत्र दिए जाने के बाद उपचुनाव में रालोद से चुनाव लड़ा था और नूर सलीम राणा को शिकस्त देकर विधायक बन गई थीं. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं थीं, लेकिन अब जब से उपचुनाव का बिगुल बजा वह रालोद के नेताओं के सीधे सम्पर्क में थीं.

मीरापुर सीट का क्या है जातीय समीकरण:मीरापुर विधानसभा सीट की अगर बात करें तो इस विधानसभा सीट पर मुस्लिम, जाट, गुर्जर दलित और अन्य मतदाता हैं. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां जाट मुस्लिम कॉम्बिनेशन की वजह से 2017 में चौथे नंबर पर रहने वाले रालोद को बढ़त मिली थी. तब सपा-रालोद का तब गठबंधन था. इस सीट पर लगभग 40 फीसदी आबादी मुस्लिम है.

रालोद के पाल समाज का उम्मीदवार उतारने के पीछे क्या है रणनीति:ऐसे में चाहे सपा हो या बसपा और चाहे आजाद समाज पार्टी तीनों दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि यहां से विधानसभा में मुस्लिम प्रत्याशी जीत कर पहुंचे. वहीं रालोद ने यहां से पाल समाज से ताल्लुक रखने वाली मिथलेश पाल को उम्मीदवार बनाकर अपने कोर वोटर के साथ अन्य वर्ग के वोटर को रिझाने का प्रयास किया है. इसके साथ ही अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी के जो परम्परागत वोटर हैं उनकी तरफ भी पार्टी की निगाह है.

भले ही मुस्लिम आबादी का प्रतिशत इस सीट पर सर्वाधिक है लेकिन रालोद ने यहां फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाने की कोशिश की है. क्योंकि, भाजपा ने उपचुनाव में अपनी किसी सहयोगी पार्टी पर भरोसा जताया है तो वह रालोद ही है, हालांकि इसकी ठोस वजह भी है, क्योंकि ये सीट भी रालोद के पास है.

मुस्लिम बाहुल्य है मीरापुर विधानसभा क्षेत्र:मुजफ्फरनगर जिले की इस विधानसभा सीट के जातीय आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां लगभग 1 लाख 30 हजार मतदाता मुस्लिम हैं, जबकि दूसरे नंबर पर यहां दलित और जाट बिरादरी को माना जाता है. जिसमें लगभग 50 हजार वोटर दलित हैं. वहीं लगभग 40 हजार जाट हैं. इसी प्रकार गुर्जर भी यहां काफी संख्या में हैं. इनके अलावा प्रजापति, सैनी, पाल और अन्य पिछड़ी जातियां भी अच्छी खासी संख्या में हैं.

मीरापुर विधानसभा सीट पर राजनीतिक पंडित मानते हैं कि भाजपा और रालोद की दोस्ती का इम्तिहान है. इससे इन दलों की आगे की दोस्ती का क्या भविष्य है उससे भी जनता पर्दा हटाएगी. हालांकि दोनों दल के नेता मानते हैं कि भाजपा रालोद का गठबंधन मजबूत है और जनता उन्हें पसंद करती है. कुछ समय पूर्व ही कई बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास भी सीएम योगी बिजनौर में करके गए थे.

मीरापुर में कब है वोटिंग:13 नवंबर को वोटिंग होगी जिसे लेकर रालोद असहज भी है क्योंकि, यह वह समय है जब कार्तिक पूर्णिमा का पर्व भी उसी समय है. ऐसे में पार्टी के नेताओं को यह डर भी सता रहा है कि ग्रामीण परिवेश की इस विधानसभा क्षेत्र की जनता कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा के घाट पर तम्बू लगाकर अस्थाई घर बनाकर गंगास्नान के लिए लगभग एक सप्ताह पहले चली जाती है.

ऐसे में मतदान होगा तो वोट प्रतिशत कम होगा. इससे पार्टी आलाकमान को ये डर सता रहा है कि कहीं इसका लाभ विपक्ष को न मिल जाए. वहीं, कांग्रेस और सपा का साथ लोगों को कितना पसंद आता है यह भी देखने वाली बात होगी.

मीरापुर विधानसभा सीट की अगर बात करें तो 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी. उसके बाद जब 2012 में विधानसभा चुनाव हुआ तो उस वक्त बसपा ने रालोद प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की थी. बाद में जब 2017 का विधानसभा चुनाव हुआ तो इस सीट पर भाजपा ने अवतार सिंह भड़ाना को टिकट दिया और वह जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.

2022 के विधानसभा चुनाव में सपा और रालोद एक साथ थे. सपा-रालोद की दोस्ती ने यहां कमल को रोक दिया और चंदन चौहान को 27 हजार से अधिक वोटों से जीत मिल गई थी. अब ऐसे में जब कल तक ही नामांकन होंगे तो लगभग सभी प्रमुख प्रत्याशी भी सामने हैं, अब जनता को यह निर्णय लेना है कि किसके सिर जीत का सेहरा बंधेगा. रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी का कहना है कि जनता का पहले भी साथ मिला है आगे भी मिलेगा.

विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम

  • चंदन चौहान (रालोद )1,07,421
  • प्रशांत चौधरी, (भाजपा) 80,041
  • सलीम कुरैशी, (बसपा )23,797
  • उमेश पाल, (आजाद समाज पार्टी ) 1628 वोट

विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे

  • अवतार सिंह भड़ाना (भाजपा ) कुल मिले वोट 69,035
  • लियाकत अली, (सपा ) कुल मिले वोट 68,482
  • नवाजिश अली खान (बसपा ) कुल मिले वोट 39,685
  • मिथिलेश पाल रालोद कुल मिले वोट -22,751

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Last Updated : Oct 25, 2024, 2:25 PM IST

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