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UP BUDGET 2024 : यूनीफॉर्म, जूते-मोजे, बैग के लिए अब हर बच्चे के खाते में पहुंचेंगे 1200 रुपये

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 12:51 PM IST

Updated : Feb 5, 2024, 4:36 PM IST

यूपी सरकार के बजट में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए हर माह 1200 रुपये की व्यवस्था की गई है. यह राशि अभिभावकों के खाते में जाएगी.

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लखनऊ :वित्त मंत्री सुरेश खन्ना नेबजट में घोषणा की है कि छात्र/छात्राओं को यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए क्रय प्रक्रिया को बंद करते हुए डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तांतरित की जा रही है. कक्षा 1 से 08 तक लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने पर 650 करोड़ तथा स्कूल बैग के लिए 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 में प्रवेश दिलाए जाने का लक्ष्य है. इसके लिए 255 करोड़ रुपये की व्यवस्था है.

यूपी सरकार के बजट में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए हर माह 1200 रुपये की व्यवस्था की गई है.

आपरेशन कायाकल्प के तहत मिले 1000 करोड़

वित्त मंत्री ने कहा, आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 300 करोड रुपये से ग्राम पंचायत एवं वाॅर्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कराई जा रही है, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 498 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है. वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन के लिए 144 पद सृजित किए गए हैं. गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण के लिए 168 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

माध्यमिक शिक्षा : स्मार्ट क्लास तथा आईसीटी लैब के लिए 516 करोड़

वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किए जाने एवं स्मार्ट क्लास तथा आईसीटी लैब की व्यवस्था किए जाने के लिए समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. जबकि राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए 10.46 करोड़ दिए जाएंगे. सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन के लिए 4 करोड़ की व्यवस्था है.

उच्च शिक्षा : तीन महाविद्यालयों के लिए 150 करोड़

विंध्याचल धाम मंडल में मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मंडल में एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन में मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रत्येक को 51.20 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 100 करोड़ की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है. साथ ही प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपये मिलेंगे. वहीं, नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किए जाने के लिए 55 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

प्राविधिक शिक्षा : 75 राजकीय पालीटेक्निक पीपीपी मोड पर होंगे संचालित

वित्त मंत्री ने कहा, प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पीपीपी मोड पर संचालित किया जाना है. वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. एकेटीयू की ओर से उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के अन्तर्गत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गई है, जिसके अन्तर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हैं. उक्त के साथ-साथ 265 स्टार्ट अप्स ऑन बोर्ड हो गए हैं.

व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास : 113 महाविद्यालयों का चयन

वित्त मंत्री ने कहा, हमारी सरकार की ओर से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए 01 ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है. वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है. युवाओं को दीर्घकालीन व अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नवीन केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है.

वित्त मंत्री ने कहा, उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम बीबीए (रिटेल), बीबीए (लाॅजिस्टिक), बीबीए (हेल्थकेयर) एवं बीबीए (टूरिज्म व हाॅस्पिटैलिटी) के लिए 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है.

कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स माॅडल के रूप में विकसित करते हुए स्थानीय मांग एवं ओडीओपी के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जाॅब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की योजना है. इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यूपी बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र दिया जाएगा.

कहा कि टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है. प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहां कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है, का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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Last Updated : Feb 5, 2024, 4:36 PM IST

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